जीवन

जीवन की राह बहुत कठिन है |जीवन जीना बहुत मुश्किल हो गया है |आने वाला समय बहुत खराब आ रहा  है |आगे की जिन्दगी कैसी होगी ? जीवन नीरस हो गया है| जिन्दगी बहुत लम्बी है कैसे गुज़रेगा जिन्दगी का सफर आदि कई तरह की बातें आम बातें हो गई है कोई भी घटना जब हमारे आस-पास घटित होती है तो कई जुबाने इस तरह के वाक्यों का प्रयोग करती है   
     जो लोग जीवन में हंसना नही जानते उनके लिए जीवन जीना और भी कठिन हो जाता है| एक खुश मिजाज व्यक्ति अपने जीवन को हंसी खुशी जीता है और अपने आस-पास के लोगों को भी खुश रखता है ।
         माना की जीवन में कई पल एसे आते हैे जब व्यक्ति पूरी तरह से घबरा जाता है , टूट जाता है और घबरा कर कई गलत निर्णय ले लेता है | लेकिन धैर्य रखा जाए तो कोई न कोई रास्ता अवश्य निकलता है |
         लेकिन कई बार इंसान के धैर्य की भी परीक्षा होती है उसकी भी इन्तेहा हो जाती है । जीवन में कई बार हम बेवजह अपनी प्रतिष्ठा , अहम् स्वभाव की वजह से समस्याएें मोल ले लेते हैं। छोटी-छोटी बातों में हमें गुस्सा आ जाता है | कई बार तो गुस्से में हमें सही सलाह भी गलत लगने लगती है | और हम  उस  व्यक्ति को भी गलत मान बैठते हैं जो हमारा शुभ चिन्तक होता है।
एेसा भी कई बार होता है हम किसी को गाली दे तो चलेगा लेकिन कोई हमें गाली दे तो हम  सारा हिन्दुस्तान सिर पर उठा लेते हैं | कभी एेसा भी होता है कि हम  कोई गलती करें तो वह हमें गलती नही लगती लेकिन वही गलती कोई दूसरा कर दे तो हमें बुरा लग जाता है ।
         हम अपने परिवार ,रिॅश्तेदार ,दोस्त ,पड़ोसी ,सहकर्मी,सहपाठी से कई बार मतभेद कर बैठते हैं | कई बार या तो वो पछताते हैं या हम क्योंकि कोई न कोई गलती पर होता है | कारण सिर्फ अहम् , स्वभाव या प्रतिष्ठा होती है | और जिसका खामियाजा किसी न किसी को भुगतना पड़ता है | कभी-कभी दोनो पक्षों को भी नुकसान उठाना पड़ता है |
         कई बार हम  अपने सिद्धांतों के चक्कर में खुद मुसीबत में पड़ जाते हैं या दूसरों को मुसीबत में डाल देते हैं । इसका यह अर्थ नही की हमें सिद्धांतवादी नही होना चाहिए या सिद्धांतवादी लोग गलत होते हैं सिद्धांत अपनी जगह है | हमें देश काल ,परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सिद्धांतों में कुछ परिवर्तन कर समन्वयवादी होना चाहिए |
 हमें अपने जीवन को तो हँसी खुशी जीना ही  चाहिए लेकिन दूसरे भी अपना जीवन हँसी खुशी जीयें इस बात का भी हमें ध्यान रखना चाहिए।
यदि हम   यही सोच अपनी अपने परिवार और पड़ोसी की बना दें तो हमें दुनिया को बदलने की ज़रुरत नही पड़गी क्योंकि हर कोई दुनिया बदलने की सोचता है अपने आप को बदलने की कोई नही सोचता जिस दिन  हम अपने आप को बदल देंगे दुनिया खुद ब खुद बदल जाएगी  और हमारी ज़िन्दगी का  सफर  सुहाना बन जाएगा | 

                                                       

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