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दिसंबर, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Hindi article on life - पुराने साल की विदाई और नए साल का स्वागत

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                   पुराने साल की  विदाई और नए साल का स्वागत  नए साल का स्वागत हम हर वर्ष इस उम्मीद से करते हैं कि 1 जनवरी से हम बहुत कुछ नया करेंगे| लेकिन हमारी यह सोच सिर्फ 1 दिन के लिए होती है| सिर्फ 31 दिसंबर के लिए जिस दिन हम पुराने साल को विदाई देते हैं और नए साल का स्वागत करते हैं| उसके बाद हम पूरा साल उधेड़बुन में निकाल देते हैं| उन चीजों को प्लस कर लेते हैं जिन्हें माइनस करना चाहिए और उन चीज़ों को माइनस कर लेते हैं जिन्हें प्लस करना चाहिए| प्लस यानी जोड़ना और माइनस यानी घटना आज के इस युग में हम प्लस का इस्तेमाल कम कर रहे हैं| और यही वजह है कि दुनिया में अविश्वास की स्थिति पैदा हो रही है| सोच में बहुत अंतर हो गया है| दृष्टिकोण बदल गया है| मानवता मर गई है| पर्यावरण प्रदूषित हो गया है| जीवन भागता - दौड़ता नजर आ रहा है| समय का आभाव हो गया है| रिश्तों में खटास आ गई है| संस्कारों का विलोप हो गया है| चेहरों पर मुस्कराहट खत्म हो गई है| हर व्यक्ति ' तनाव ' नामक वृक्ष को सींच रहा है जिस पर फल लगना संभव नहीं है| पैसा लोग कमा रहे हैं लेकिन उसका उ

Hindi article on life - आधुनिक शिक्षा की होड़

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                                     आधुनिक शिक्षा हम सिर्फ किताबी ज्ञान को शिक्षा मान  रहे हैं | जो हमारी बहुत बड़ी भूल है| हर कोई अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर बनाना चाहता है | शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिकरण की होड़ लगी हुई है | लेकिन सिर्फ किताबी ज्ञान से हम शिक्षा का आधुनिकरण नहीं कर सकते इस व्यवसायिक दौर में हमारे बच्चों को उच्च शिक्षित होना आवश्यक है लेकिन सिर्फ किताबी ज्ञान से ही नहीं बल्कि आधुनिक होंगे हम विचारों से , सोच से किताबी ज्ञान का अथाह भंडार हमारे देश में भरा हुआ है| लेकिन उसमे छिपे नैतिक ज्ञान की ओर हमारा ध्यान बहुत कम है | या यूं कहें हम नैतिकता को स्वीकार ही नहीं करना चाहते | नैतिकता दिखाएं तो दूसरा , नैतिक बात करें तो दूसरा, नैतिक बात सुने तो दूसरा, समझें तो दूसरा नैतिकता सुनने, समझने के लिए हमारे पास टाइम नहीं हे क्योंकि हमें तो अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर बनाना है हम रात दिन इसी उलझन में हैं |  और इसी वजह से बच्चों की पढ़ाई लिखाई के बारे में परेशान रहते हैं|                                        हम चाहते हैं बच्चे पढ़ ल

Hindi article on life - ईसा मसीह का जन्म दिन क्रिसमस

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                                                         मसीहा  ईसा मसीह का जन्म दिन ' क्रिसमस ' बड़े दिन के  रूप में मनाया जाता हे | अपने जीवन  को दांव पर लगाकर दूसरों के जीवन को सुधारना हर किसी के बस की बात नहीं यह सिर्फ महापुरुष ही कर सकते हैं | सोचकर देखें  हमें कोई घूरकर देखे तो हम उसकी आँख फोड़ने पर आमादा हो जाते हैं|  इतना गुस्सा हमारे मन में भरा हुआ होता हे | जबकि ईसा मसीह ने उन लोगों को भी क्षमा करने की प्रार्थना ईश्वर से की जिन्होंने उनके साथ दुर्व्यहार किया|                  यहां तक की उनके हाथ   पैरों  में कीलें ठोककर उन्हें सूली पर लटका दिया | हो सकता हे ईसा मसीह ने इसका विरोध भी किया हो|   लेकिन एक अकेला व्यक्ति कब तक  एक समूह से लड़ सकता हे|  आज के परिप्रेक्ष में हम शायद यह सोचते हैं की  दूसरों के लिए अपनी जान देना कौनसी समझदारी हे | हम अहिंसा और क्षमा की ताकत को नहीं पहचान सकते इसलिए ऐसी बातें करतें हैं | क्षमा की सबसे बड़ी मिसाल ईसा मसीह ने पेश की और यही वजह हे की आज दुनिया उन्हें एक मसीहा के रूप में याद करती हे|   अहिंसा की सबसे बड़ी मिसाल महात्मा गाँध

जानिए जीवन की परीक्षा को पास करने के आसान उपाय

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                                    परीक्षा परीक्षा ,इम्तिहान  इंटरव्यू ये ऐसे शब्द हैं, जिन्हें देने के लिए हमें तैयारी करनी पड़ती है|  परीक्षा इंटरव्यू कोई भी हो उसकी तिथि निर्धारित होती है । और तिथि निर्धारित होने के बावजूद भी  हम गलतियां कर बैठते हैं कुछ लोग अच्छे अंक ले आते हैं, कुछ नहीं ला पाते हैं, कोई सफल होते हैं ,कोई असफल। परिणाम आने पर कोई पछताता है, कोई अपनी गलतियों को सुधारता है, कोई रोता है ,कोई हंसता है। यह स्थिति तब होती है जब हमें उसकी तिथि पहले से पता होती है, सिलेबस पता  होता है, समय अवधि पता होती है। फिर भी हम गलतियां कर बैठते हैं|                       जिंदगी में तो हर पल परीक्षा देनी पड़ती है ना उस परीक्षा की तिथि निर्धारित होती है, ना सिलेबस ना समय अवधि। यह परीक्षा ता उम्र चलती है |  जन्म से लेकर मृत्यु तक किस समय किस विषय की परीक्षा हो जाए यह भी पता नहीं जिंदगी में तो हर पल परीक्षा देनी पड़ती है ना उस परीक्षा की तिथि निर्धारित होती है, ना सिलेबस ना समय अवधि। यह परीक्षा ता उम्र चलती है |  जन्म से लेकर मृत्यु तक किस समय किस विषय की परीक्षा हो जाए यह भी