संदेश

जनवरी, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जीवन जीने के लिए ज़रूरी है ज़िन्दगी की वर्णमाला का अभ्यास

चित्र
अभ्यास यानी 'प्रैक्टिस'| अभ्यास आप जिस चीज का करोगे निश्चित रुप से धीरे -धीरे उसे सीख जाओगे निर्भर करता है आपके अभ्यास नियमित करने पर| जिस तरह किसी भी भाषा का ज्ञान करने के लिए उसकी ए. बी.सी. डी. या वर्णमाला का अभ्यास जरुरी है, गणित सीखने के लिए गिनती पहाड़ों का अभ्यास जरुरी है, उसी तरह जिंदगी को जीने के लिए जिंदगी की ए. बी.सी. डी उसकी वर्णमाला का अभ्यास जरुरी है| बचपन में हमे हिंदी के स्वर- व्यंजन, इंग्लिश की ए. बी.सी. डी गिनती पहाड़े याद थे लेकिन आज हमसे कोई पूछ बैठें तो अधिकतर लोग क्रम से नहीं बता पाएंगे, लेकिन जिन लोगों ने अभ्यास जारी रखा हुआ है चाहे वह अपने बच्चों को पढ़ाने के माध्यम से जारी रहा हो या जिज्ञासावश वो लोग तुरंत बता देंगे क्योंकि यह उनके अभ्यास की वजह से याद रहा | https://goo.gl/images/AZpneR ठीक उसी तरह जिंदगी को याद रखने के लिए जिंदगी की ए. बी.सी. डी वर्णमाला गिनती पहाड़ों का अभ्यास जरुरी है जो अक्सर लोग नहीं करते हैं और करते हैं तो नियमित नहीं करते हैं यही वजह है कि हम जैसे- जैसे बड़े होते जाते हैं जिंदगी को भूलते जाते हैं क्योंकि हम इसका अभ्

हर व्यक्ति के जीवन में दुख और खुशियां आती है और दोनों को बांटना जरूरी होता है

चित्र
हर व्यक्ति के जीवन में दुख और खुशियां आती है | और दोनों को बांटना जरूरी होता है | खुशियां बाटेंगे तो दुगनी होगी वही दुख बाँटेंगे तो आधे रह जाएंगे | लेकिन सवाल यह उठता है कि इन्हें किस तरह से बांटे की खुशियां दुगनी यानी बढ़ जाए और दुख बांटे तो आधे रह जाऐ| जब हम खुश होते हैं तो हम हमारी खुशियों में सभी को शामिल करना चाहते हैं | लेकिन हम भूल जाते हैं कि कितने लोग हमारी खुशी को बर्दाश्त कर रहे हैं | खुशियां हर किसी को बर्दाश्त नहीं होती है खुशियां बांटे अवश्य लेकिन ऐसे लोगों से सतर्क रहें जो चापलूस हो ,जो वक्त के साथ पलड़ा बदलते हो ,जो मनभेद रखते हो , जो बदले की भावना रखते हैं दुःख और खुशियों से रिश्ते प्रभावित होते है  https://goo.gl/images/iQwgqd  ऐसे लोग हर राष्ट्र, समाज और परिवार में मिलते हैं ऐसे लोगों का तिरस्कार नहीं करें | उनके मान सम्मान में उन्हें कमी महसूस नहीं होने दें | उन्हें कभी महसूस नहीं होने दे कि खुशियां उनके जले पर नमक छिड़कने के लिए मनाई जा रही है| खुशियां बांट कर दुगनी करने के लिए हर ईमानदाराना प्रयास करें | ऐसा कोई कार्य नहीं करें जिसमें खुशियां गम में

मानसिक और शारीरिक विकारों से मुक्त होकर ही लिया जा सकता है आर्थिक उन्नति का आनंद

चित्र
आज अधिकतर लोग शारीरिक ,  मानसिक और आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं ये तीनों ही परिस्थितियां परिवार की स्थिति को बनाने या बिगाड़ने में महत्वपूर्ण होती है इन्हे बनाने और बिगाड़ने के लिए हम और हमारा परिवार ही जिम्मेदार होता है |ये परिस्थितियां अक्सर बिगड़ती है हमारे स्वार्थ हमारी लापरवाहियों हमारे मतभेदों स्वभाव सिद्धांतों की वजह से  और इनके लिए हम बिना विश्लेशण किये किसी को भी दोष दे देते हैं कभी सरकार को कभी पडोसी को कभी रिश्ते नातों को लेकिन हम हमारी लापरवाहियों आदतों और स्वभाव को नज़रअंदाज कर जाते हैं    जानिए  आर्थिक मानसिक और शारीरिक समस्याओं से मुक्ति   के आसान उपाय   नमस्कार दोस्तों , क्या आप भी  आर्थिक, मानसिक और शारीरिक समस्याओं से दुखी है यदि हाँ तो मत होइये  परेशान क्योंकि  हम लेकर आये है आर्थिक, मानसिक और शारीरिक विकारों से मुक्ति   के आसान उपाय क्योंकि मानसिक और शारीरिक समस्याओं से  मुक्त  होकर ही लिया जा सकता है आर्थिक उन्नति का आनंद यदि जीवन का आनंद लेना चाहते है तो यह लेख पूरा पढ़े |  https://goo.gl/images/3Xu9TV  यदि हम सही विश्लेषक हैं तो हमे सबसे पहले अपनी आदतों  ल

आसमान छूने की ललक पहुँचा सकती है पाताल में

चित्र
हर व्यक्ति  आसमान छूना चाहता है आसमान छूने की इस ललक में  कई लोग  पाताल  में पहुँच जातें हैं ऊंचा उठना उड़ान भरने की इच्छा रखना बुरा नहीं है लेकिन यदि हम ऊपर उठने की चाह  में नीचे गिर जाते हैं तो हमे वापस उठना भी सीखना चाहिए असफल वो नहीं होता जो गिर जाता है असफल वो होता है जो गिरने के बाद उठने से इंकार कर देता है यदि आसमान को नहीं छू सके उसके रहस्यों को नहीं जान सके तो पातल  के रहस्यों को भी जाना जा सकता है | https://goo.gl/images/v6DJgh उसकी गहराइयों को भी  नापा जा सकता है रहस्य तो हर जगह मौजूद है कहने का अर्थ यह है की यदि हम किसी कारण वश लक्ष्य प्राप्ति में असफल रहते हैं तो इसका अर्थ यह नही है की हममे कोई योग्यता ही नहीं है एक या दो बार की असफलता किसी भी व्यक्ति का सम्पूर्ण आंकलन करने के लिए पर्याप्त नहीं है क्योंकि सफलता भी बिना असफलता के प्राप्त नहीं की जा सकती| https://goo.gl/images/R1J1hd  जिस सत्य  की खोज में मनुष्य अपना सारा जीवन गुजर देता है उस सत्य को वो जीवन भर में भी प्राप्त नहीं कर पाता है कारण  सिर्फ असफलता का डर  है जो असफल होने के डर से सच्चाई का ज्ञान हो

दुनिया में दो चीज़ें सबसे लचीली होती है पहली हवा दूसरा पानी

चित्र
दुनिया में दो चीज़ें सबसे लचीली होती है पहली  हवा दूसरा पानी ये कभी भी कहीं भी किधर भी कैसे भी  मुड़ सकते  है |  ये जिस में मिल जाते हैं वैसे ही हो जाते हैं  | हवा फूलों के साथ मिलेगी  तो फूलों की महक चारों और फैला देगी  | सडी  गली चीज़ों में मिलेगी तो उनकी दुर्गन्ध दूर दूर तक फैलाएगी | https://goo.gl/images/vNRDcj   पानी रंग हींन  होता है परन्तु जिसमे मिल जाता है वैसे ही रंग का हो जाता है  | मनुष्य का स्वभाव भी ऐसा  ही होता है जिसमे मिल जाता है वैसा ही बन जाता है  |   इसलिए हवा बनकर  बहो लोगों की साँसे बनो फूल रूपी इंसानो  के  साथ मिलकर चारों और खुशबू बिखेरो वातावरण  को सुगन्धित बनाओ |  हवा पतंगों को आसमान की उचाइयों   तक ले जाने में मदद करती हैं यदि आप भी चाहे तो लोगों को  ऊपर उठने में , आसमान की उचाई छूने में उनकी मदद कर सकते हैं | https://goo.gl/images/LDBYbb पानी लोगों को स्वच्छ और निर्मल बनाता  है |  गंदगी को दूर कर शुद्ध और साफ़ सुथरा बना देता है  | पानी का आचरण सीखो लोगों की गंदगी दूर कर उनके दिलों से  मेल निकलकर उन्हें साफ़ सुथरा बनाओ |  पानी अपने रस्ते खुद बना

दरारे डालने वालों से सावधान रहें|

चित्र
यदि मकान में दरार पड़ जाए तो नीव तक हिलने लगती है | दरारे बड़े से बड़े मकान को धराशाई कर देती है | दर्पण में यदि दरार पड़ जाए तो हमारा चेहरा विकृत नजर आता है | सोच कर देखे दोस्ती में दरार पड़ जाए , परिवार में दरार पड़ जाए, रिश्तो में दरार पड़ जाए, तो क्या यह दरारे बड़ी चिंता का विषय नहीं होना चाहिए ?  https://goo.gl/images/tsd2P2 जिस तरह मकान में पड़ी दरारे मकान की नींव को हिला देती है उसी तरह परिवार में या रिश्तों में पड़ी दरारें हमारी सुख शांति को भंग करती है | समाज और देश में पड़ी दरारें देश की एकता अखंडता के लिए खतरा होती है | दुनिया में अधिकतर लोग दरारे डालने का काम कर रहे हैं दरारे पाटने का काम बहुत कम लोग कर पा रहे हैं |  https://goo.gl/images/QZ2Dct  लोग अपने स्वार्थ के लिए परिवारों में दरार डालने की कोशिश करते हैं | पड़ोसियों में दरार डालने की साजिश करते हैं दोस्ती में दरार डालने के लिए षड्यंत्र रचते हैं | देश और समाज में जाति धर्म के नाम पर दरारे डाली जाती है | इन दरारों की वजह से मतभेद होते हैं,लड़ाई झगडे होते हैं ,दंगे तक हो जाते हैं |   https://

आखिर क्या है इन फ़िल्मी हस्तियों के रिश्ते की सच्चाई

चित्र
   रिश्तों  की हमारे जीवन के लिए उतने ही महत्वपूर्ण  जितनी की जीवन जीने के लिए ऑक्सीजन  की जरूरत होती है जिस तरह ऑक्सीजन  नहीं मिलने पर हमारी सांसे उखड़ने लगती है  उसी प्रकार रिश्तो की कटुता हमारे बसे बसाये घरो को उजड़ने लगती है | कहा  जाता है की रिश्ते बनाना आसान होता है परन्तु उन्हें निभाना बड़ा मुश्किल हो जाता है चाहे वो कोई सेलेब्रेटी हो या आम इंसान  आज हम आपको बताने जा रहे है दो फ़िल्मी हस्तियों  रिश्तो की सच्चाई |   रितु नंदा  अभिनेता रणधीर कपूर की बहन होने के नाते करीना कपूर की बुआ है | https://goo.gl/images/Ap7Uih रितु नंदा के बेटे निखिल नंदा इस नाते से करीना कपूर के भाई हैं | https://goo.gl/images/a1uumP निखिल नंदा की पत्नी श्वेता बच्चन जो  बॉलीवुड के प्रसिद्द अभिनेता अमिताभ बच्चन की बेटी है  | https://goo.gl/images/rokYD9  इसी नाते से  करीना कपूर और अमिताभ बच्चन  रिश्तेदार हुए |   करीना कपूर श्वेता बच्चन की ननद हुई | https://images.app.goo.gl/JnRJuqC22ehswkJFA नवाब पटौदी और प्रसिद्द अभिनेत्री शर्मिला टैगोर के बेटे सेफ अली खान  करीना कपूर के पति है https:

|महत्वपूर्ण हैं भगवत गीता के ये पांच संदेश

चित्र
भगवत गीता वैसे तो कई सन्देश देती है जिनको यदि मनुष्य अपने जीवन में उतारले तो वह अपने जीवन के साथ साथ सामाजिक जीवन को भी सुधार सकता है लेकिन किसी भी मनुष्य के लिए सम्पूर्ण गीता के उपदेशों को अपने जीवन में लागू कर पाना या उन पर चल पाना आज के इस आधुनिक जीवन में संभव नहीं है  फिर भी  गीता के इन उपदेशों के कुछ अंशों पर गौर कर लिया जाए  तो आज के  कष्ट मय और तनावग्रस्त जीवन को दुःखी  होकर जीने की बजाये प्रसन्नता पूर्वक जीया जा सकता है   | https://goo.gl/images/AA5zxw 1. गीता में श्री कृष्ण ने कहा है कर्म किये जा   फल की इच्छा मत कर लोग कर्म तो शुरू करते हैं लेकिन फल  की  इच्छा में उसे पूर्ण होने से पहले ही छोड़ देते हैं जबकि थोड़ा  कष्ट सहन  करके बिना फल की इ च्छा किये अपने कार्य को लगातार जारी रखा जाए तो उसका फल निश्चित रूप  से मिलेगा | https://goo.gl/images/J5MsVu 2. गीता में उपदेश दिया गया है अपने मन की बात हमे किसी न किसी से अवश्य करनी चाहिए क्योंकि हम किसी भी बात को  अपने मन  में रखकर अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं और उसका जहर हमारे  मन में घोलते रहते हैं   जो हमारे लिए तो न

कैसे आ सकता है सतयुग ? जानिए

चित्र
हर व्यक्ति अपने आप को स्पष्टवादी कहता है| कभी भी कही भी चाहे मुद्दा सामाजिक हो, राजनैतिक या पारिवारिक| जब भी किसी विषय पर बहस होती है तो आमतौर पर हर व्यक्ति यही कहता है कि मै तो स्पष्ट बोलता हूँ | मेरी आदत लाग लपेट करने की नही है। क्या सिर्फ यह कहना कि मै तो स्पष्ट बोलता हूँ स्पष्टवादी होने का प्रमाण है | यदि ऐसा हो तो दुनिया की सबसे लम्बी लिस्ट स्पष्टवादियों की होगी। क्योंकि हर व्यक्ति साबित कर देगा की वह स्पष्टवादी है| फिर तो दुनिया में किसी बात की समस्या ही नहीं रहेगी। https://goo.gl/images/mhCFX3 क्योंकि जहाँ स्पष्टता विद्यमान होती है वहाँ न झूठ चल सकता है न बुराई, न धोखा चल सकता है न विश्वासघात, न जाति चल सकती है, न धर्म| बेईमानी के लिए स्थान ही नही बचेगा। दुख बेचारा कहाँ खड़ा हो सकेगा ? निराशा को तो कोई पूछेगा भी नहीं | क्रोध किस पर उतारोगे ?लड़ाई- झगड़े सब शान्ति के साथ विश्राम करेंगे। नियम कानूनों की बड़ी - बड़ी किताबों का क्या होगा ? सब समस्याएं खत्म| भगवान को भी अपना मोबाईल स्विच आॅफ़ करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। आरक्षण की आग से लेकर रिश्वत खोरी तक सब जड़ से नष्ट। सुन

आमिर खान की पाँच सर्वश्रेष्ठ फ़िल्में जो समाज के लिए प्रेरणादायक सिद्ध हो सकती है

चित्र
आमिर खान ने अपने फिल्मी जीवन की शुरुआत फिल्म  क़यामत से क़यामत तक  से की थी और उसके बाद आमिर खान ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा ये है आमिर खान के कॅरियर की बेहतरीन पांच फिल्में| 1.   दिल https://goo.gl/images/1pQnED फिल्म की कथा प्रेम कहानी पर आधारित है मधुर संगीत ,संवाद ,फिल्मांकन और कहानी की वजह से फिल्म आमिर खान की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में शामिल है | 2.   लगान https://goo.gl/images/DzdVU2  ग्रामीण पृष्ठ भूमि और देश भक्ति के साथ खेल भावना पर आधारित ये फिल्म भी आमिर खान की सवश्रेष्ठ फिल्मों में से एक है | 3.   थ्री इडियट्स https://goo.gl/images/rSuKdN आज की शिक्षा व्यवस्था पर कटाक्ष करती यह फिल्म लोगो तक यह सन्देश पहुँचाने में कामयाब रही की शिक्षा का अर्थ सिर्फ डिग्री लेना और अनुशासित होना ही नहीं बल्कि अनुशासित और शिक्षित होने के बाद मानवीय मूल्यों की पहचान होना भी आवश्यक है |  4.   पी. के. https://goo.gl/images/6JpzsB अंधविश्वासों और रूढ़ियों पर आधारित पी. के. फिल्म सभी धर्मों के लोगो तक यह सन्देश पहुंचाने में कामयाब रही की आम जनता को लोग धर्म और अंधविश्वा

मन से निकली ख़ुशी लोगों का ध्यान आकृष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

चित्र
अंदर के मन से निकली हुई ख़ुशी और चेहरे पर दिखाई देने वाली ख़ुशी में  अंतर होता है मन से निकली हुई ख़ुशी पूरे शरीर को तारो ताजा रखती है उमंग से भरे  रखती है हमारे अंग - अंग में नजर आती है  हमे चुस्त दुरुस्त रखने में मन के अंदर से निकली हुई ख़ुशी का महत्वपूर्ण योगदान होता है | https://goo.gl/images/ayRcA5  जो लोग सिर्फ चेहरे से ख़ुशी प्रदर्शित करते हैं उनके शरीर के हर अंग में ताज़गी नहीं दिखाई देती उनका मन तो बीमार होता ही है चेहरा भी बीमार दिखाई देता है क्योंकि मन की ख़ुशी में बनावटी पन  नहीं होता  जबकि चेहरे की ख़ुशी बनावटी होती है जो कुछ समय बाद स्वतः  ही काफूर हो जाती है| https://goo.gl/images/Xv6hGb मन की ख़ुशी लोगों का ध्यान आकृष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है |  जब इंसान मन से खुश होता है तो उसकी हरकते ही इस तरह की होती है की लोग उसे देखे बिना नहीं रह सकते जो लोग  गांठे पाल कर   रखते हैं वो अपने मन की  ख़ुशी को ताले  में बंद करके रखते हैं उसे बहार निकलने से रोके  रखते हैं जिससे चेहरा दुखी और उदास नज़र आता है | https://goo.gl/images/vHDtg2 मन पर लगाए हुए तालों

परिवार रूपी संस्था को आर्थिक और किताबी ज्ञान के साथ- साथ व्यवहारिक ज्ञान की पाठशाला बनाना भी है आवश्यक

चित्र
ज्ञान हर व्यक्ति लेना चाहता है ज्ञान के बिना हमारे जीवन का कोई मूल्य नहीं लेकिन असमंजस यह है  की कौनसा ज्ञान हमें किस वक्त लेना चाहिए  ? जो ज्ञान हम लेना चाह रहे है वो हमारे काम का है   या नहीं ? ज्ञान की असल परिभाषा  क्या है ? यह जाने बिना हम ज्ञान की   तलाश में भागते जा   रहे है |  ज्ञान लेने से पहले हमें यह समझना आवश्यक है कि  ज्ञान है क्या ? https://goo.gl/images/j6exhQ ज्ञान का क्षेत्र काफ़ी  विस्तृत है |  यह एक अथाह महासागर है जिसके लिए हमारा सम्पूर्ण जीवन भी कम  है |  जीवन के हर पल में ज्ञान का  भंडार समाया हुआ है |  हर पल हमें  कुछ  न  कुछ सीख  अवश्य देकर जाता है |  और यह सम्भव नहीं है की जीवन के हर लम्हे को हम याद रख सके  अमल में ला सके  | लेकिन पल - पल की  यह बातें जिन्हे हम अतीत कहते हैं कही न कही  अनुभव के रूप में हमारे ज्ञान को बढ़ाने में सहायक होती है |  समय  और परिस्थिति के  साथ यदि हम अतीत के अच्छे बुरे पलों को वर्तमान में आत्मसात  करना सीख ले तो यह ज्ञान हमारे भविष्य का निर्माता बन सकता है | https://goo.gl/images/qNJhrn   लेकिन इस ज्ञान को प

अश्लील टिप्पणी पर बेटी द्वारा पूछे गए प्रश्नो ने धनबाद के उत्तम सिन्हा को ऐसे किया जागरूक

चित्र
सभ्य समाज के निर्माण के लिए सार्वजानिक रूप से हो रहे गाली गलोच एवं भद्दी टिप्पणियों के प्रति हमे जागरूक होने की आवश्यकता है |  हम हमारे अधिकारों के  प्रति अक्सर जागरूक होने का प्रयास करते हैं लेकिन क्या हमे अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक नहीं होना चाहिए ? हर व्यक्ति चाहता है की उसके बच्चे सभ्य बने गाली गलोच और गलत संगत  से वे हमेशा दूर रहे और इसके लिए हम अधिकतर जिम्मेदारी देते हैं स्कूलों को | https://goo.gl/images/cLdYFi                       क्या इस बात पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए की जो चीज़ बच्चा स्कूल में  नहीं सीख रहा है उस पर लगाम लगाने या उसका सुधार करने की जिम्मेदारी हम स्कूलों को दे देते हैं ? कोई स्कूल बच्चौं को गाली गलोच करना या गलत आचरण करना नहीं सिखाता यह सब बच्चा सीखता है घर की पाठशाला में , पड़ोस की पाठशाला में, या समाज की पाठशाला में |  क्या इसमें सुधार करने की जिम्मेदारी सिर्फ स्कूलों की बनती है  ?हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती? https://goo.gl/images/qHTM9n  और यदि बनती है तो क्यों हम घरों में भद्दी गालियों के प्रयोग के प्रति लोगों को जागरूक नहीं करते ह

जीवन जीने के लिए ज़रूरी है ज़िन्दगी की वर्णमाला का अभ्यास

चित्र
अभ्यास यानी 'प्रैक्टिस'| अभ्यास आप जिस चीज का करोगे निश्चित रुप से धीरे -धीरे उसे सीख जाओगे निर्भर करता है आपके अभ्यास नियमित करने पर| जिस तरह किसी भी भाषा का ज्ञान करने के लिए उसकी ए. बी.सी. डी. या वर्णमाला का अभ्यास जरुरी है, गणित सीखने के लिए गिनती पहाड़ों का अभ्यास जरुरी है, उसी तरह जिंदगी को जीने के लिए जिंदगी की ए. बी.सी. डी उसकी वर्णमाला का अभ्यास जरुरी है| बचपन में हमे हिंदी के स्वर- व्यंजन, इंग्लिश की ए. बी.सी. डी गिनती पहाड़े याद थे लेकिन आज हमसे कोई पूछ बैठें तो अधिकतर लोग क्रम से नहीं बता पाएंगे, लेकिन जिन लोगों ने अभ्यास जारी रखा हुआ है चाहे वह अपने बच्चों को पढ़ाने के माध्यम से जारी रहा हो या जिज्ञासावश वो लोग तुरंत बता देंगे क्योंकि यह उनके अभ्यास की वजह से याद रहा | https://goo.gl/images/QLoiiB ठीक उसी तरह जिंदगी को याद रखने के लिए जिंदगी की ए. बी.सी. डी वर्णमाला गिनती पहाड़ों का अभ्यास जरुरी है जो अक्सर लोग नहीं करते हैं और करते हैं तो नियमित नहीं करते हैं यही वजह है कि हम जैसे- जैसे बड़े होते जाते हैं जिंदगी को भूलते जाते हैं क्योंकि हम इसका अभ्यास