अश्लील टिप्पणी पर बेटी द्वारा पूछे गए प्रश्नो ने धनबाद के उत्तम सिन्हा को ऐसे किया जागरूक

सभ्य समाज के निर्माण के लिए सार्वजानिक रूप से हो रहे गाली गलोच एवं भद्दी टिप्पणियों के प्रति हमे जागरूक होने की आवश्यकता है |  हम हमारे अधिकारों के  प्रति अक्सर जागरूक होने का प्रयास करते हैं लेकिन क्या हमे अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक नहीं होना चाहिए ? हर व्यक्ति चाहता है की उसके बच्चे सभ्य बने गाली गलोच और गलत संगत  से वे हमेशा दूर रहे और इसके लिए हम अधिकतर जिम्मेदारी देते हैं स्कूलों को |
https://goo.gl/images/cLdYFi

                      क्या इस बात पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए की जो चीज़ बच्चा स्कूल में  नहीं सीख रहा है उस पर लगाम लगाने या उसका सुधार करने की जिम्मेदारी हम स्कूलों को दे देते हैं ? कोई स्कूल बच्चौं को गाली गलोच करना या गलत आचरण करना नहीं सिखाता यह सब बच्चा सीखता है घर की पाठशाला में , पड़ोस की पाठशाला में, या समाज की पाठशाला में |  क्या इसमें सुधार करने की जिम्मेदारी सिर्फ स्कूलों की बनती है  ?हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती?
https://goo.gl/images/qHTM9n

 और यदि बनती है तो क्यों हम घरों में भद्दी गालियों के प्रयोग के प्रति लोगों को जागरूक नहीं करते हैं ? क्या भद्दी गलियों के प्रयोग से घर  की बहू, बेटियां, माताएं ,बहने  ,बुजुर्ग  महिलाऐं  शर्मिदगी महसूस नहीं करती है ? क्या रस्ते चलते बाज़ारों में या सार्वजनिक स्थलों पर गाली गलोच और अश्लील कमैंट्स से हमारे  घर की माताओँ   बहनो बहू बेटियों को नज़रे नीची नहीं करनी पड़ती है ? क्या हमे अपनी माताओं बहनो की भावनाओं की कद्र  नहीं करनी चाहिए ? क्या  हमे हमारे घरों में महिलाओं को सभ्य वातावरण प्रदान करने के लिए घरों से ही जागरूकता की शुरुआत नहीं करनी चाहिए ?
https://goo.gl/images/TLWefW

                          यदि हाँ तो धनबाद के उत्तम सिन्हा से प्रेरणा ले जिन्हे कोल्ड फिल्ड एक्सप्रेस के टॉयलेट में लिखी अश्लील टिप्पणी  पर बेटी द्वारा पूछे गए प्रश्नो के लिए  शर्मिंदगी  महसूस करनी पड़ी और इस बात से प्रेरित होकर उन्होंने ट्रेनों , सार्वजानिक शौचालयों, सार्वजानिक स्थलों पर लिखे अश्लील कमैंट्स को मिटने की मुहीम शुरू की  | उत्तम सिन्हा इस कार्य के लिए साधुवाद के पात्र है  उत्तम सिन्हा अब तक कई  ट्रेनों तथा सार्वजानिक शौचालयों से अश्लील कमैंट्स को मिटाकर संदेश चिपका कर आते हैं जिस पर लिखा होता है stop writing इस शौचलय का प्रयोग आपकी माँ बहने भी करेंगी | कहाँ तक उचित है सार्वजनिक रूप से गाली  गलोच करना
https://goo.gl/images/ZHdd1U

  यदि आप भी ऐसा महसूस करते हैं तो उत्तम सिन्हा जैसे लोगों से प्रेरणा ले और उनके सराहनीय कदम के लिए ऐसे लोगों का उत्साहवर्धन करे जिससे स्त्रियों के मान सम्मान और महिला उदारीकरण को प्रोत्साहन मिल सके
यदि हमारी यह पोस्ट  आपको पसंद आयी हो तो ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को शेयर करें ताकि आपकी माँ बहन बहू बेटी के सामने आपको कभी शर्मिंदगी महसूस न करनी पड़े 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बेटी हिंदुस्तान की

आधुनिक और प्राचीन जीवन का असमंजस

मनुष्य एक प्राकृतिक उपहार है लेकिन मशीनी होता जा रहा है