संदेश

मई, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

एक टैक्सी ड्राइवर से लें प्रेरणा

चित्र
यदि कोई सोच ले तो लोगों की सोच बदलने के लिए कुछ भी किया जा सकता है सिर्फ अपने आप में हौसला होना चाहिए। स्वस्थ मानसिकता होनी चाहिए। सामाजिक मुद्दा होना चाहिए और काम करने का जज़्बा होना चाहिए | लोग क्या कहेंगे? लोग क्या सोचेंगे? सिर्फ यह सोचने में ही हम हमारा जीवन गुज़ार देते हैं लेकिन जिन लोगों को कुछ करना होता है वो बिना स्वार्थ के अकेले ही अपनी मंज़िल पर निकल पड़ते हैं। वो ये सोच कर निकलते हैं की कुछ तो लोग कहेंगे। लोगों का काम है कहना।  https://goo.gl/images/MyiKz6 ऐसी ही सोच रखते हुए कोलकाता के एक टैक्सी ड्राइवर धनञ्जय चक्रवती ने लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए अपनी टैक्सी के ऊपर घास लगा दी ताकि लोग पर्यावरण के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी समझ सके। अब धनञ्जय ने नई पहल शुरू की है, उन्होंने बच्चों को स्मार्ट फ़ोन से दूर रखने के लिए लोगों को जागरूक करना शुरू किया है इसके लिए वे अपनी टैक्सी में बैठने वाले यात्रियों को बच्चों की कॉमिक्स ऑफर करते हैं ताकि लोग बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखे और बच्चे किताबों से जुड़े रहे। https://goo.gl/images/dDHS3X दुनिया में कई ऐसे ल

फलों और सब्जियों की घटती पौष्टिकता कारण और निवारण

चित्र
फल और सब्जियां हमारे स्वास्थ्य को ठीक रखने में योगदान देती है | लेकिन आज केमिकल के प्रयोग और रासायनिक खाद के उपयोग से फल और सब्जियों की पौष्टिकता पर सवाल उठ रहें है | केमिकल के प्रयोग से जहां सब्जियों और फलों का स्वाद बिगड़ रहा है | इनमे मौजूद पौष्टिक तत्वों में कमी होती जा रही है | फलों व सब्जियों को धोकर काम में लेने की सलाह दी जाती है लेकिन क्या सिर्फ इन्हे धो लेने से उन केमिकल्स का प्रभाव खत्म हो जायेगा जो इंजेक्शन के माध्यम से दिए जाते हैं या जिस गंदे नाले के पानी में फलों व सब्जियों को उगाया जाता है उसके असर को एक आम आदमी कैसे दूर कर सकता है ? https://goo.gl/images/B1sSjZ फल और सब्जियों का उपयोग हमारे स्वास्थ्य को सही रखने के लिए आवश्यक है लेकिन प्रदूषित पानी और रसायनो के प्रयोग के कारण यह स्वस्थ व्यक्ति को भी बीमार कर सकती है | इसके लिए हम एक छोटे फल व सब्जी वाले को दोष नहीं दे सकते जो अपनी आजीविका चलाने के लिए दिहाड़ी मजदूरी करके अपने बच्चों का पेट पालता है लेकिन यह उन लोगों के लिए सोचने का विषय हो सकता है जो बड़े पैमाने पर इनका उत्पादन करतें हैं इनका व्यवसाय करतें हैं |

विदाई समारोह हेतु उद्बोधन

चित्र
आज जैसा की आप सभी को विदित है सर / मैडम के विदाई समारोह को मनाने के लिए हम  एकत्रित हुए हैं | वैसे तो विदाई शब्द अपने आप में ही हमे किसी से बिछुड़ने का एहसास कराता है , दूरी बढ़ने  का आभास कराता है ,  भूली बिसरी  यादों का अतीत हमारे जहन में तस्वीरों का रूप ले लेता है | https://goo.gl/images/F8AEiL  सर / मैडम ने इस विद्यालय में  प्रधानाध्यापक /प्रधानाध्यापिका के रूप में हमारा मार्गदर्शन जिस विनम्रता, स्नेहशीलता और अपनत्व के साथ किया उसे विद्यालय परिवार कभी भूल नहीं पाएगा | विद्यालय के बच्चों के प्रति उनका समर्पण ,योगदान , परिश्रम अविस्मरणीय रहेगा |  https://goo.gl/images/ozy6BP इस विदाई के अवसर पर हमे इस बात का दुःख ज़रूर है की हम उनके अनुभवों से आगे लाभांवित नहीं हो सकेंगे | लेकिन इस बात की ख़ुशी भी है की सर / मैडम अपनी राजकीय  जिम्मेदारियों  से मुक्त होकर अपने परिवार को भरपूर समय दे पाएंगें / पाएंगी |  अपने अनुभव से अपने परिवार को प्रेरणा दे पाएंगी | मैं  अपने उद्बोधन  को समाप्त करने से पूर्व मैडम से आशान्वित होना चाहता हूँ की आगे हमे भी अपने परिवार की तरह अपने अनुभवों से 

परिस्थितियों से मुकाबला करने के लिए हमें लोगों से लड़ने की ज़रुरत नहीं होती

चित्र
अक्सर लोग हर परिस्थिति का अपने पक्ष में होने का इंतज़ार करते हैं | इसी इंतज़ार में जीवन बिना जीए ही गुज़ार देतें हैं | हर समाधान जैसा हम चाहतें हैं वैसा नहीं हो सकता | इच्छाएं हमारी अनंत होती है हर इच्छा पूर्ण नहीं हो सकती | सपने हम बहुत देखतें हैं हर सपना पूर्ण नहीं हो सकता यदि हम हर चीज़ अपने अनुसार चाहतें हैं तो इंतज़ार करना आवश्यक है | https://goo.gl/images/TQ83Ej और इंतज़ार करने के लिए धैर्य रखना आवश्यक है | समस्या यह होती है कि हम इंतज़ार तो करना चाहतें हैं लेकिन बिना धैर्य के | धैर्य रखकर परिस्थितियों को अपने पक्ष में बनाने से एक न एक दिन इंतज़ार अवश्य ख़त्म हो सकता है | परिस्थितियों को अपने पक्ष में बनाने के लिए प्रयास करना आवश्यक होता है | हम गलती यह करतें हैं की परिस्थिति को पक्ष में बनने का भी इंतज़ार करतें हैं |जबकि परिस्थिति को पक्ष में बनाने का प्रयास हमें करना चाहिए वह हम करतें नहीं हैं | https://goo.gl/images/eeq5nf कैसे करें परिस्थितियों को पक्ष में सोच का परिस्थितियों के पक्ष में होने और न होने में महत्वपूर्ण योगदान होता है | सिर्फ हमारी सकारात्मक  सोच

स्वतंत्रता मिलने के बाद स्वतंत्रता की क़द्र कर के लाया जा सकता है सामाजिक बदलाव

चित्र
आज बिगड़ती सामाजिक व्यवस्था हर व्यक्ति की चिंता का कारण बनती जा रही है | चाहकर भी सामाजिक सुधार हम नहीं कर पा रहें हैं |  सामाजिक व्यवस्था सुधरने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है | बच्चों की शिक्षा पर हम आवश्यकता से भी अधिक खर्च कर रहें हैं लेकिन इसके बावजूद हम सामाजिक सोच नहीं बदल पा रहें हैं | शिक्षा का सामाजिक उद्देशय पूरा नहीं कर पा रहें हैं | कानून हमारी सुरक्षा के लिए होतें हैं | कानून की मदद से सामाजिक व्यवस्था सुधारी जा सकती है लेकिन कानूनों का भी दुरूपयोग बढ़ता जा रहा है | शिक्षा और कानून की मदद से हम स्वतंत्र होकर जीवन जी सकतें हैं |  https://goo.gl/images/C2AEmk भौतिक सुख सुविधाओं की यदि बात करें तो आज हमारी भौतिक सुख सुविधाओं पर निर्भरता ज़रुरत से ज़्यादा हो गयी है बिना सुख सुविधा के हम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा पा रहें हैं | भौतिक सुख सुविधाएं हमारे जीवन को आसान बना सकती है लेकिन इनका दुरूपयोग कर हम जीवन को और कठिन बनाते जा रहें हैं | रिश्ते नातों की अपनी अहमियत होती है रिश्ते नातों की स्वतंत्रता हमारी सामाजिक व्यवस्था को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सक

घोषित हुआ हरियाणा 10th बोर्ड का रिजल्ट

चित्र
कक्षा 10वी  हरियाणा बोर्ड के परीक्षार्थियों के लिए इंतज़ार की घडी समाप्त हो चुकी है आप अपने परिणाम जानने के लिए बहुत ही उत्सुक होंगे 10 वीं बोर्ड का परिणाम शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है | यह आपकी  मेहनत पर निर्भर  करता है|  जितनी मेहनत की है परिणाम भी उसी के अनुसार प्राप्त होगा इसीलिए अब इंतज़ार कीजिये ख़त्म और अपना परिणाम जानने के लिए bseh.org.in  इस वेबसाइट पर जाइये अपना रोल नंबर डालिये और आपका परिणाम स्क्रीन पर होगा |                         कैसे जाने अपना परिणाम - 1. सबसे पहले bseh . org. in पर लोग इन करे | 2. उसके बाद hbse 10th result 2018  टैब देखे 3. haryana board results 2018 पर क्लिक करे | 4. अपना रोल नम्बर डाले |  5. अपने रिजल्ट को डाउनलोड करे |  परिणाम आने के बाद किसी को ख़ुशी मिलेगी तो कोई  दुखी होगा |  जिन लोगों के हाथ असफलता  लगी है उनका दुखी होना स्वाभाविक है |  उनके माता पिता का दुखी होना भी स्वाभाविक है| लेकिन निराश होने की आवश्यकता नहीं है |  हौसला रखे , गलतियों से सबक लें |  यदि आपको लगता है  माता पिता को  दु

ये हैं जीवन को आसान बनाने के दस उपाय

चित्र
यदि आप जीवन को आसान बनाना चाहतें हैं तो इन दस बातों पर आज से ही अमल करना शुरू कर दें जीवन बहुत सुख शांति और आनंद से गुजरेगा | https://goo.gl/images/aJihiH 1. गलती दूसरों से ही नहीं हमसे भी हो सकती है अपनी गलती को मानना सीखें |  2. सभी गुण हममे ही नहीं होते कुछ दूसरों में भी हो सकते हैं |  3. हम सिर्फ अपने आप को सही साबित करने की कोशिश नहीं करें दूसरों को भी कभी कभी अवसर दे |  4. समझदार सिर्फ हम ही नहीं दूसरे भी हो सकते हैं |  https://goo.gl/images/XaTP1D 5. बात सिर्फ अपनी ही नहीं कहें दूसरों की भीं सुने |  6. हमेशा हसमुख रहें छोटी-छोटी बातो में जीवन का आनंद ख़त्म नहीं करें |  7. फ़िज़ूल खर्ची से बचें जहाँ आवश्यक हो खर्च वहीँ करें | भौतिक सुख सुविधाओं पर अनावश्यक खर्च नहीं करें | 8. अपनी आय का कुछ हिस्सा अवश्य बचाएं |  https://goo.gl/images/jakK2a 9. अपने स्वस्थ्य का ध्यान स्वयं के अलावा कोई नहीं रख सकता इसलिए स्वस्थ का ध्यान स्वयं रखें |  10. बच्चे हमारी सबसे बड़ी धरोहर है उन्हें स्कूली शिक्षा के साथ साथ घरेलू पाठशाला में भी पढ़ाएं |

चेहरे की चमकदार त्वचा के लिए आजमाएं ये घरेलू उपचार

चित्र
चेहरे की सुंदरता बढ़ाने के लिए लोग हजारों रूपये खर्च करतें हैं |  क्रीम, पाउडर, फेस वाश, लोशन खरीदने पर अनावश्यक पैसा खर्च करना पड़ता है |  कई बार ये चीज़ें त्वचा को नुकसान पंहुचा देती है |  हमारे घर में दैनिक उपलब्ध होने वाली चीज़ों तथा फल एवं सब्जियों से भी बहुत कम खर्चे में हम  चेहरे की सुंदरता बढ़ा सकतें हैं |  आवश्यकता है इन घरेलू उपायों को आजमाने की |  ये कुछ उपाय हैं जिन्हे आजमाकर चेहरे को सुंदर और चमकदार बनाया जा सकता है  1. बेसन , दही, चंदन पाउडर मिलाकर पेस्ट   बना लें और  उसे चेहरे पर लगाकर सूखने तक छोड़ दें कुछ देर बाद पानी से धो लें | 2. पपीता का गूदा व शहद मिलाकर चेहरे पैर लगाएं | कुछ देर बाद चेहरा धो ले | 3. खीरे का रस , टमाटर का रस चेहरे पर लगाने से डेड सेल्स की समस्या दूर होती है | 4. कच्चे दूध में गुलाबजल मिलाकर चेहरे पर लगाने से भी सांवलापन कम होता है | 5. मुल्तानी मिटटी के नियमित प्रयोग से त्वचा का रंग निखरता है व  चेहरे पर चमक आती है  | 6. नहाते वक्त चेहरे पर साबुन लगाने से पहले थोड़ी सी चीनी लगाने से चेहरे पर चमक आती है | 7.  फेस पैक बनाने के लिए संत

जानिए बच्चों को क्यों देनी चाहिए उनकी रुचि के अनुसार कैरियर चुनने की स्वतंत्रता

चित्र
परीक्षा समाप्ति के बाद बच्चों व पेरेंट्स को रिजल्ट का इंतज़ार रहता है | जब तक परीक्षा समाप्त  नहीं हो जाती तब तक परीक्षा का तनाव रहता है  | जैसे ही परीक्षा समाप्त हो जाती है रिजल्ट का तनाव हो जाता  है  | कैसा रिजल्ट आएगा ? परसेंटेज कितनी बनेगी ? मार्क्स कम आए तो क्या होगा ? बच्चों को पेरेंट्स की  प्रतिष्ठा की चिंता पेरेंट्स को सॉसाइटी में बच्चों के अच्छे और बुरे प्रभाव की चिंता |  बारहवीं का रिजल्ट आने के पहले भी चिंता का विषय और आने के बाद भी चिंता का विषय |  रिजल्ट आने के बाद बच्चे को किस लाइन  में डालना है यह बात बड़ी चिंता का विषय होती है |  https://goo.gl/images/tBLGMW         कई बार रिजल्ट अच्छा नहीं आने से बच्चे व माता पिता दोनों निराशा का शिकार हो जातें हैं |  जिन बच्चौं के रिजल्ट अच्छे नहीं आतें हैं समाज में ऐसे बच्चों व माता पिता की प्रतिष्ठा  कम आँकी जाती है |  यह बात  माता पिता और  बच्चों के लिए  शर्मिंदगी का  करण बनती है |  जो उचित नहीं है | कभी भी बच्चों के रिजल्ट, भविष्य अथवा करियर के बारे में न तो  किसी का अपमान करना चाहिए न ही इस बात से अपमानित होना चाहिए |   

बारहवीं की परीक्षा के परिणाम से निराश न हो बच्चे व माता पिता

चित्र
आज किसी भी व्यक्ति के जीवन में सबसे ज्यादा तनाव है सबसे ज्यादा चिंता का विषय तो वह है बच्चों का भविष्य | बच्चों का भविष्य बनाने के लिए इंसान खुद का भविष्य दावं पर लगा देता है | कर्जा करके बच्चों की पढाई लिखाई की व्यवस्था अच्छी से अच्छी करने की कोशिश करता है | एक उम्मीद पालता है की अच्छी पढाई लिखाई से बच्चे का भविष्य संवर जाएगा | बच्चा कुछ बन जाएगा | यही वजह है की बारहवीं कक्षा में जब बच्चा पहुँचता है तो हर माता पिता की चिंताएं और बच्चे की चिंताएं बढ़ जाती है | https://goo.gl/images/gLKqbr  अक्सर बारहवीं कक्षा में माता पिता भी बच्चों से शुरुआत से दबाव बनाना शुरू कर देतें हैं बच्चों के लिए भी यह चिंता का विषय इसलिए होता है की बारहवीं के रिजल्ट के आधार पर ही उन्हें आगे के अपने करियर के बारे में निर्णय लेना पड़ता है | माता पिता की चिंता का विषय भी यही होता है | और यही वजह दबाव का कारण बनती है | लेकिन अक्सर लोग भूल जातें की जीवन में किसी एक लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाने से ज़िंदगी ख़त्म नहीं हो जाती है |  https://goo.gl/images/Qkxqdr यदि बारहवीं कक्षा में आपके अनुरूप सफलता नहीं भ

हर काम आसान बनाते हैं ये उपाय नहीं जानेंगे तो बहुत बड़े लाभ से रह जाएंगे वंचित

चित्र
लोग हर चीज़ को आसान बनाने के उपाय ढूंढते हैं | कोई पैसा कमाने का आसान उपाय ढूंढता है | कोई ज़िंदगी को जीने के सरल उपाय ढूंढता है | कोई स्वस्थ रहने के आसान उपाय ढूंढ रहा है |बच्चे पढाई करने के आसान तरीकों की तलाश करतें हैं |कोई तनाव मुक्त होने के आसान उपाय खोज रहा है| https://goo.gl/images/XSh4SU इसका मतलब यह है की हर चीज़ कठिन लगने लगी है | पैसा कमाना कठिन हो गया है| ज़िंदगीजीना कठिन हो गया है | स्वस्थ रहने में भी कठिनाई महसूस की जा रही है| पढ़ना लिखना और भी कठिन होता जा रहा है | यही वजह है की हर कोई आसान तरीके ढूंढ रहा है | आसान तरीके मिल भी जातें हैं | सलाह भी आसानी से मिल जाती है | लेकिन सवाल यह है की आसान तरीके ढूंढ लेने के बाद भी हम उस पर अमल नहीं कर पा रहें हैं | https://goo.gl/images/6cdGA1  कभी- कभी पैसा कमाना हमें बहुत आसान लगता है लेकिन कमाने के तरीके कठिन लगने लगतें हैं| एक पल के लिए ज़िंदगी हमें बहुत आसान लगने लग जाती है लेकिन अगले ही पल कठिनाइयां ,परेशानियां, समस्याएं सामने नज़र आने लगती हैं | ऐसा इसलिए लगने लगता है की तरीके आसान होतें हैं लेकिन उन्हें अपनाना

जानिए बच्चे क्यों करते हैं माँ की बात पर सबसे ज्यादा विश्वास मदर्स डे पर विशेष

चित्र
जिस तरह बच्चे की सबसे पहली पाठशाला उसका घर होता है उसी तरह बच्चे की सबसे पहली गुरु उसकी माँ होती है | बच्चे में सबसे ज्यादा गुण उसकी माँ के होते है यह एक प्राकृतिक सत्य है | कारण यह है की बच्चा नौ महीने तक माँ की कोख में पलता है उसकी एक एक हरकत का असर उस पर होता है | जब वह जन्म लेता है और कोख से बाहर आकर आँखें खोलता है तो भले ही वह कह नहीं पाता लेकिन जैसे जैसे वह बड़ा होता है माँ के द्वारा जिस तरह उसकी परवरिश की जाती है वह उसे महसूस अवश्य करता है | यही वजह है की बच्चा सबसे ज्यादा विश्वास अपनी माँ का करता है | सबसे ज्यादा बात अपनी की मानता है |   https://goo.gl/images/BgYo4f  बचपन में जब तक उसकी सोच परिपक्व नहीं हो जाती तब तक वह माँ को ही सब कुछ मानता है | जिस तरह बच्चे विद्यालय में एक शिक्षक की बात को सबसे ज्यादा महत्व देतें हैं उसी प्रकार घर में बच्चे माँ की बात को सबसे ज्यादा तवज्जु देतें हैं | सही मानते हैं | पिता से भी बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं लेकिन अक्सर माँ के पक्ष में ही खड़े देखे जा सकतें हैं | इसका यह अर्थ नहीं है की बच्चे पिता की बात नहीं मानते या पिता को तवज्जु नहीं द

जानिए भारत में घटित पांच प्राकृतिक आपदाएं मानव और प्रकृति की दर्द भरी दास्तां

चित्र
प्राकृतिक आपदाएं मनुष्य के जीवन को तहस नहस करके रख देती है | आने वाली पीढ़ियों के लिए बेबसी के मंजर छोड़ जाती है |प्राकृतिक आपदाओं के किस्से सुनकर दिल दहल जाता है | प्राकृतिक आपदाएं न जाने कितने मासूमों की मौत का कारण बनती है | न जाने कितने लोगों को अपनों से बिछुड़ा देती है | न जाने कितने लोगों को अपंग और बेसहारा बना देती है | न जाने कितनी पीढ़ियां दुखी और बेबसी की ज़िंदगी जीने पर मजबूर हो जाती है | प्राकृतिक आपदाओं से जन जीवन तो प्रभावित होता ही है जन धन का नुकसान भी होता है | राष्ट्रिय सम्पदा को नुक्सान पहुँचता है | जिससे देश का विकास बाधिक होता है | एक नागरिक होने के नाते हमारी यह जिम्मेदारी बनती है की प्राकृतिक आपदा ग्रस्त इलाकों में तुरंत हर संभव मदद करें | क्योंकि ऐसे क्षेत्रों में तुरंत राहत की आवश्यकता पड़ती है | मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखते हुए बाढ़ , सूखा ,ओलावृष्टि ,भूस्ख़लल ,भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में हर संभव योगदान दें | ये है देश की प्रमुख   दिल दहला देने वाली प्राकृतिक आपदाएं   1. महाराष्ट्र लातूर भूकंप 30 सितम्बर 1993  महाराष्ट्र के लातूर में 30 सितम्