जानिए भारत में घटित पांच प्राकृतिक आपदाएं मानव और प्रकृति की दर्द भरी दास्तां
प्राकृतिक आपदाएं मनुष्य के जीवन को तहस नहस करके रख देती है | आने वाली पीढ़ियों के लिए बेबसी के मंजर छोड़ जाती है |प्राकृतिक आपदाओं के किस्से सुनकर दिल दहल जाता है | प्राकृतिक आपदाएं न जाने कितने मासूमों की मौत का कारण बनती है | न जाने कितने लोगों को अपनों से बिछुड़ा देती है | न जाने कितने लोगों को अपंग और बेसहारा बना देती है | न जाने कितनी पीढ़ियां दुखी और बेबसी की ज़िंदगी जीने पर मजबूर हो जाती है | प्राकृतिक आपदाओं से जन जीवन तो प्रभावित होता ही है जन धन का नुकसान भी होता है | राष्ट्रिय सम्पदा को नुक्सान पहुँचता है | जिससे देश का विकास बाधिक होता है | एक नागरिक होने के नाते हमारी यह जिम्मेदारी बनती है की प्राकृतिक आपदा ग्रस्त इलाकों में तुरंत हर संभव मदद करें | क्योंकि ऐसे क्षेत्रों में तुरंत राहत की आवश्यकता पड़ती है | मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखते हुए बाढ़ , सूखा ,ओलावृष्टि ,भूस्ख़लल ,भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में हर संभव योगदान दें |
ये है देश की प्रमुख दिल दहला देने वाली प्राकृतिक आपदाएं
1. महाराष्ट्र लातूर भूकंप 30 सितम्बर 1993
महाराष्ट्र के लातूर में 30 सितम्बर का दिन काल का दिन बन गया | जिसमे लगभग 20000 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी | महाराष्ट्र के लोग आज भी इस दिल दहला देने वाली घटना को नहीं भूल पाएं हैं | भूकंप की वजह से लोगों ने अपनों को खोया न जाने कितने जन धन की हानि हुई देश के इतिहास में मानवता को दहला देने वाली यह घटना प्रमुख प्राकृतिक घटनाओं में से एक है |
2. सुनामी 2004
हिन्द महासर में आए भूकंप से उठी सुनामी लहरों ने भारत सहित दुनिया के कई देशों में तबाही मचाई |भारत में दक्षिणी भाग में अंडमान निकोबार ,पोर्ट ब्लेयर ,पांडिचेरी, तमिलनाडु ,आँध्रप्रदेश सहित कई भागों में सुनामी लहरों ने जन जीवन तबाह कर दिया | न जाने कितने लोग अकाल मौत का ग्रास बन गए सुनामी से प्रभावित इलाकों में गंदगी की वजह से फैली बिमारियों ने कई लोगों की जाने ले ली | दक्षिणी भारत में यह प्राकृतिक आपदा मानवता पर बहुत भारी पड़ी लोगों की ज़िंदगियाँ आज भी पटरी पर आने का नाम नहीं ले रही है |
3. उत्तराखंड केदारनाथ प्राकृतिक आपदा 17 जून 2013
बादल फटने से 17 जून 2013 को उत्तराखंड में प्रकृति ने अपना रुद्र रूप दिखाया भारी बरसात और भूस्खलन की घटनाओं से उत्तराखंड में भरी जन धन की हानि हुई रुद्र प्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर बुरी तरह से तहस नहस हो गया इस घटना से जहाँ उत्तराखंड प्रभावित हुआ वहां देश के कोेने -कोने से केदारनाथ की यात्रा पर गए श्रद्ध्लुओं को इस भयंकर प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा हजारों लोगों को इस घटना में अपनी जान गावानी पड़ी कई लोग आज भी इस घटना में बिछुड़ों से नहीं मिल पाएं हैं इस घटना का मंजर देखकर लोगों की रूह काँप उठती है |
4. गुजरात भुज 26 जनवरी 2001
26 जनवरी 2001 का दिन देश के इतिहास में प्राकृतिक आपदाओं की सूची में काला दिवस कहा जा सकता है क्योंकि जहाँ इस दिन देश गणतंत्र दिवस की खुशियां मन रहा था गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में व्यस्त था गुजरात में भुज के लोग अपनी ज़िंदगी और मौत से जूझ रहे थे भुज मे आये भूकंप ने 26 जनवरी 2001 की प्रातः काल तक ऐसी तबाही मचाई की गुजरात के 450 गावों को नस्तेनाबूत कर देश को दहला दिया |
5. उड़ीसा चक्रवात 1999
1999 में उड़ीसा में आये चक्रवाती तूफ़ान से लाखों लोग बेघर हो गए लगभग 10000 लोगों को इस तूफ़ान ने अपने काल का ग्रास बनाया इस तूफ़ान से उड़ीसा के भादरक , केंद्र पारा , बालासोर और पूरी के इलाके प्रभावित हुए |
प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करके प्रकृति को नुकसान पहुंचाकर हम अपने स्वार्थ के लिए पर्यावरण का संतुलन बिगाड़कर प्राकृतिक आपदाओं को निमंत्रण दे देतें हैं | यदि हम पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें तो इन प्राकृतिक आपदाओं पर कुछ नियंत्रण किया जा सकता है | हमारी थोड़ी सी सावधानी और प्रकृति प्रेम कई लोगों की ज़िंदगी तबाह होने से बचा सकता है |
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