संदेश

दिसंबर, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आओ नया साल मनाए HAPPY NEW YEAR

चित्र
आओ नया साल मनाए हाथ जोड़कर शीश नवाएँ लोगों से कर लो रे वंदन नए साल का करो अभिनन्दन सड़कों पर न जाम लगाओ बेटी का तुम मान  बढ़ाओ सूरज को दीपक न दिखाओ पूनम को मावस न बताओ बेटों को तुम चाहने वालों बेटों को तुम ये   समझाओ माँ का दूध पिया तुमने तो माँ के  दूध की लाज बचाओ https://goo.gl/images/b8Kk4V                                                                                आओ नया साल मनाए हाथ जोड़कर शीश नवाएँ                                                                                लोगों से कर लो रे वंदन नए साल का करो अभिनन्दन                                                                                खान पान की शपथ भी ले लो अपना जीवन खुद तुम तोलो                                                                                युवा मन तुम मत इतराओ अपनी बिगड़ी इज्जत तो बनाओ                                                                                नशे  की लत    को दूर भगाओ दुनिया में परचम लहराओ https://goo.gl/images/fncRuV आओ नया साल मनाए हाथ जोड़कर शीश नवाएँ

और तभी सतयुग आ जाएगा

चित्र
हर व्यक्ति अपने आप को स्पष्टवादी कहता है| कभी भी कही भी चाहे मुद्दा सामाजिक हो, राजनैतिक या पारिवारिक| जब भी किसी विषय पर बहस होती है तो आमतौर पर हर व्यक्ति यही कहता है कि मै तो स्पष्ट बोलता हूँ | मेरी आदत लाग लपेट करने की नही है। क्या सिर्फ यह कहना कि मै तो स्पष्ट बोलता हूँ स्पष्टवादी होने का प्रमाण है | यदि ऐसा हो तो दुनिया की सबसे लम्बी लिस्ट स्पष्टवादियों की होगी। क्योंकि हर व्यक्ति साबित कर देगा की वह स्पष्टवादी है| फिर तो दुनिया में किसी बात की समस्या ही नहीं रहेगी। https://goo.gl/images/mhCFX3 क्योंकि जहाँ स्पष्टता विद्यमान होती है वहाँ न झूठ चल सकता है न बुराई, न धोखा चल सकता है न विश्वासघात, न जाति चल सकती है, न धर्म| बेईमानी के लिए स्थान ही नही बचेगा। दुख बेचारा कहाँ खड़ा हो सकेगा ? निराशा को तो कोई पूछेगा भी नहीं | क्रोध किस पर उतारोगे ?लड़ाई- झगड़े सब शान्ति के साथ विश्राम करेंगे। नियम कानूनों की बड़ी - बड़ी किताबों का क्या होगा ? सब समस्याएं खत्म| भगवान को भी अपना मोबाईल स्विच आॅफ़ करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। आरक्षण की आग से लेकर रिश्वत खोरी तक सब जड़ से नष्ट। सुन

यदि आप सक्षम हैं तो उन लोगों की तन मन धन से मदद करें जो सक्षम नहीं हैं यही भगवन की असली पूजा है

चित्र
अक्सर संकट मुसीबत और आश्चर्य के समय हमारे मुँह से अनायास ही निकल जाता है | हे ईश्वर ! है भगवान !है राम! चाहे व्यक्ति आस्तिक हो या नास्तिक जब वह बहुत ज़्यादा दुखी हो जाता है जब बहुत बीमार हो जाता है जब बहुत मुसीबत में आ जाता है तो उसे कोई और रास्ता नहीं सूझता और यह हमारे दिल से निकली हुई आवाज होती है जो ब्रह्माण्ड की अलोकरिक शक्ति तक पहुँचती है | और अक्सर हम दुःख पड़ने पर ही भगवान को याद करतें हैं | इसीलिए कहा जाता है दुःख में सुमिरन सब करें सुख में करें न कोय जो सुख में सुमिरन करे तो दुःख काहे को होय! https://goo.gl/images/pXccLM सुख में सुमिरन का अर्थ है जब हम सुखी हो तब भी हमे भगवन का नाम लेना चाहिए उसे याद करना चाहिए और याद करने या नाम लेने का सीधा और सही तरीका है ऐसे काम करें जो ईश्वर आपसे चाहता है जब हम सक्षम हैं तो हम सुखी है चाहे हम शरीर से सक्षम हो बुद्धि से सक्षम हो या धन दौलत से सक्षम हो हमें लोगों की शारीरिक मानसिक और आर्थिक मदद करनी चाहिए दूसरे लोगों के दुखो को दूर करना चाहिए यही तन मन धन अर्पण करना होता है यही सुख में सुमिरन करना यही भगवन को याद करना होता है अक्सर ह

परिस्थितियों से मुकाबला करने के लिए हमें लोगों से लड़ने की ज़रुरत नहीं होती

चित्र
अक्सर लोग हर परिस्थिति का अपने पक्ष में होने का इंतज़ार करते हैं | इसी इंतज़ार में जीवन बिना जीए ही गुज़ार देतें हैं | हर समाधान जैसा हम चाहतें हैं वैसा नहीं हो सकता | इच्छाएं हमारी अनंत होती है हर इच्छा पूर्ण नहीं हो सकती | सपने हम बहुत देखतें हैं हर सपना पूर्ण नहीं हो सकता यदि हम हर चीज़ अपने अनुसार चाहतें हैं तो इंतज़ार करना आवश्यक है | https://goo.gl/images/TQ83Ej और इंतज़ार करने के लिए धैर्य रखना आवश्यक है | समस्या यह होती है कि हम इंतज़ार तो करना चाहतें हैं लेकिन बिना धैर्य के | धैर्य रखकर परिस्थितियों को अपने पक्ष में बनाने से एक न एक दिन इंतज़ार अवश्य ख़त्म हो सकता है | परिस्थितियों को अपने पक्ष में बनाने के लिए प्रयास करना आवश्यक होता है | हम गलती यह करतें हैं की परिस्थिति को पक्ष में बनने का भी इंतज़ार करतें हैं |जबकि परिस्थिति को पक्ष में बनाने का प्रयास हमें करना चाहिए वह हम करतें नहीं हैं | https://goo.gl/images/eeq5nf कैसे करें परिस्थितियों को पक्ष में सोच का परिस्थितियों के पक्ष में होने और न होने में महत्वपूर्ण योगदान होता है | सिर्फ हमारी सकारात्मक  सोच स

इसे पढ़ने के बाद मन की बात शेयर करने में नहीं हिचकिचाएंगे

चित्र
इसे पढ़ने के बाद मन की बात शेयर करने में नहीं हिचकिचाएंगे   नमस्कार दोस्तों , क्या आप भी अपने मन की बात किसी से शेयर करने में हिचकिचाते है ?  यदि हाँ तो आप बहुत बड़ी गलती करते है |  अपने मन में भरी हुई हीन  भावना को निकालने   और अपने परिवार , रिश्ते नातो को दुखी होने से बचाने के लिए मेरा यह आर्टिकल अवश्य पढ़े |  यह आर्टिकल आप की हिचकिचाहट के  डर  को दूर करने में सहायक होगा |  क्या गलती बताने से इंसल्ट होने का डर रहता है ? अधिकतर लोग अपने जीवन में यह गलती करते हैं कि न जाने किस वजह से वह अपने मन की बात किसी से कह नहीं पाते हैं | और इस वजह से अपने मन के अंदर ही अंदर घुट-घुट कर जहर बनाते रहते हैं | सोचो जब जहर अपना असर दिखाता है तो क्या होता है ? यह जहर किसी न किसी के लिए अवश्य नुकसानदायक होगा | इसलिए किसी ना किसी से अपने मन की बात जरुर शेयर करें | अपने मन को हल्का रखें |   कभी कभी आपको ऐसा लगता है कि मन की बात कहें किससे ? माँ से कहेंगे तो समस्या पिता से कहने की   हिम्मत नहीं ?  पति से कहेंगे तो परिवार में क्या पता क्या बवाल खड़ा हो जाएगा ? पत्नी से कहा तो ओर मुसीबत हो जाएगी |? ब

जीवन से जुडी इन 10 बातों को कभी इंसानियत नहीं कहा जा सकता

चित्र
आज के इस माहौल में हर व्यक्ति अपने आप को असहज महसूस कर रहा है |  सामाजिक परिवेश में दैनिक माहौल को सुधरने की आवशयकता हर व्यक्ति महसूस कर रहा है  |  इसके लिए जो उपाय करने चाहिए उसकी सलाह भी हर व्यक्ति दूसरो को दे कर इति  श्री भी कर रहा है |  परन्तु खुद पर जब बात आती है तो कोई उस पर अमल नहीं करना चाहता |  बिगड़े हुए माहौल को सुधरने की जिम्मेदारी सिर्फ मुखिया जी की ही नहीं होती |  उसमे सभी को अपना अपना योगदान देना होता है |  और माहौल को सुधारने में   सबसे बड़ा योगदान होता है इंसानियत का जिसे हमे  मन से और श्रध्दा से करना चाहिए |कुछ बाते  ऐसी होती है जो इंसानियत की श्रेणी में नहीं आती और इन्ही की वजह से बड़े- बड़े  विवाद हो जाते है  | हम आपको बताने जा रहे है वो दस बाते  जिन से अक्सर विवाद खड़े होते है | https://images.app.goo.gl/STJsL9tWD4krPp1t6   जीवन से जुडी    इन  10  बातों  को कभी इंसानियत नहीं कहा  जा सकता |  1 उधार  के पैसे मांगने पर विवाद करना | २ बस  या ट्रेन में फेल पसर कर बैठना दूसरो के द्वारा सीट मांगने पर विवाद करना  | 3 बच्चों  के विवादों को सुलझाने के बजाय बड़ो

जीवन जीने के लिए हमे हथियार और औजार का अर्थ समझना जरूरी है

चित्र
क्या है  हथियार और औजार का फर्क जीवन जीने के लिए हमे हथियार और औजार का अर्थ समझना जरूरी है | हथियार अशांति का प्रतीक है जबकि औजार शांति का  |  हथियारों से कभी भी किसी का भला नहीं हो सकता जबकि  औजार किसी भी कार्य को आसान बनाने में मददगार होते हैं |  जीवन जीने के लिए हमे हथियारों का नहीं औजारों का प्रयोग करना   चाहिए ताकि हमारा जीवन आसान बन सके | औजारों के प्रयोग से आविष्कार का जन्म होता है | https://images.app.goo.gl/NsMxdRLRPvJencVCA  ये हैं हमारे जीवन जीने के हथियार   क्रोध , गुस्सा ,  अहंकार ,  दुःख हिंसा , नकारात्मकता , द्वेषता समय का कुप्रबंधन हमारे जीवन के प्रमुख हथियार हैं  | जो व्यक्ति इनका प्रयोग करके जीवन जीना चाहते हैं वो  न खुद सुखी रह सकते  हैं न दूसरों  को रहने दे सकते हैं |  जीवन जीने के लिए  हमे हथियारों का नहीं बल्कि औजारों  का प्रयोग करना चहिये | https://images.app.goo.gl/MMbvSWJ2hYqHGt6h7     ये हैं  हमारे जीवन के मुख्य औजार हैं https://images.app.goo.gl/y1niHkpvgxweh1DVA  विनम्रता ,  धैर्य , सहनशीलता , सकारत्मकता , लगन , मेहनत  समय क

वर्तमान जीवन का आनंद

चित्र
माना की आधुनिक युग भूत , भविष्य की चिंताओं से मुक्त होकर   वर्तमान में जीवन जीने का युग है |   वर्तमान में जीवन का आनंद लेना बहुत जरूरी है |  परन्तु एक राजस्थानी कहावत है हांसी  में खाँसी यानि ज्यादा हँसने  से जब खाँसी  आ जाती है तो वो हमारे आँसू  निकल देती है  |  इसलिए मौज मस्ती करते वक्त हमे यह भी ध्यान रखना चाहिए की हमारी हंसी से हमारी ख़ुशी से दूसरो को कोई दुःख ना पहुंचे |  उन्हें कोई परेशानी न हो |  आज का युवा  अपनी मौज मस्ती को अपना सबसे बड़ा अधिकार समझने लगा है |  जिसके चलते उसे ये भी आभास नहीं हो रहा  की वह कहीं  कुछ  गलत तो नहीं कर  रहा है  |   उसकी मौज मस्ती से समाज में क्या गलत संदेश जा रहा है ? परिवार के लोगों  को क्या परेशानी महसूस करनी पड़  रही है  ? बुजुर्गो को क्या शर्मिंदगी झेलनी पड़  रही है ? उनकी हरकतों का छोटे बच्चो पर क्या प्रभाव पड  रहा है ?   मौज मस्ती के तौर  तरीको से  आर्थिक  स्थिति पर क्या प्रभाव पड़  रहा है ?    इस शानो शौकत के दिखावे ने हमारी वाट  तो नहीं लगा दी है ? https://images.app.goo.gl/SjVnvz5LTSKTKYk26  फैशन का यह दौर  हमें  ऊपर से तो हंस

बिना प्रेम के रिश्ते कभी भी अंकुरित नहीं हो सकते

चित्र
बिना प्रेम के रिश्ते कभी भी अंकुरित  नहीं हो सकते रिश्तों  का अंकुरित होना बहुत ही जरूरी है और उसके लिए जरूरी है  प्रेम   बिना  प्रेम  के रिश्ते कभी भी अंकुरित   नहीं हो सकते आज हम देख रहे है भाई भाई में  प्रेम  खत्म होता जा रहा है पति  पत्नि एक दूसरे से खुश नहीं है  प्रेम  नहीं होने खुश नहीं होने की वजह से एक दूसरे की सही बातो को मानना  भी मुश्किल हो जाता है जहाँ  प्रेम  होता है वहाँ  एक दूसरे की बात मानकर गलतियों को भी सुधारा जा सकता है |  प्रेम  नहीं होने से आपसी बातचीत बंद होना स्वाभाविक है संवादहीन रिश्ते बेजान हो जाते है न एक दूसरे की मन स्थिति पता चलती है संवेदनाओं  का पता नहीं चल  पाने की वजह से भावनात्मक लगाव खत्म हो जाता है एक दूसरे के दुःख दर्द  लगाव नहीं होने की वजह से महसूस नहीं किये जा सकते  | https://images.app.goo.gl/YSnTWEc4yyUNRT5w5  जब मुरझये फूल अच्छे नहीं लगते तो मुरझाये रिश्ते कहाँ  से अच्छे लगेंगे  दिल एक दूसरे के लिए जान देने को  तैयार तभी होता है जब संवेदनाये जगती है भावनाये होती है लगाव होता है एक दूसरे के दिल से दिल मिलते है और यह तभी सम्भव है जब

मन से खाने और खिलाने में परम आनंद का एहसास होता है

चित्र
                          खान पान  का लोगों  का अपना अपना नजरिया होता है                          किसी को  खाने से  ख़ुशी मिलती है किसी को   खिलाने से                                  लेकिन दोनों में मन का होना बहुत जरूरी है                         मन से खाने और खिलाने में परम आनंद का एहसास होता है   कहा जाता है जैसा खाओगे अन्न वैसा रहेगा मन ओर मन पर ही जीवन का आनंद  निर्भर है। क्योकि मन ही हमें दुखी करता है मन ही हमें सुखी मन ही हमें परेशानियों मे डालता है मन ही समस्याओं से निकालता है मन ही दुविधा में फँसाता है मन ही दुविधा से सुलझाता है। जिस व्यक्ति ने मन पर विजय पा ली उसने समस्याओं के रहते भी जीवन जी लिया अपने मन को प्रसन्न रखकर हम दूसरों के मन को खुशी दे सकते हैं। और दूसरों को खुशी देने से बड़ा सुख कोई और हो नही सकता रही बात भोजन की तो मन को प्रसन्न रखने में खाने का बड़ा महत्व है। कठिन काम करने  लिए किसी  आलसी व्यक्ति को उसकी जिम्मेदारी  देकर कठिन काम को भी आसान  सकता है  https://goo.gl/images/ehyJrS        यदि हम पोष्टिक भोजन ग्रहण करेंगे तो हम स्वस्थ रहेंगे श

पर्यावरण का ब्याज चुकाने पर मजबूर होना पडेगा

चित्र
पर्यावरण का ब्याज चुकाने पर मजबूर हो जायेंगी  आने वाली  पीढ़ियां दोस्तों आज कोरोना वाइरस दुनिया के कोने कोने में फेल  चुका है  मुश्किल घड़ी से   दुनिया का हर  देश जूझ रहा है |     आज पर्यावरण के प्रति जो उदासीनता हम बरत रहे है जो लापरवाही हम कर रहे है  जो जिम्मेदारी हम नहीं समझ रहे है जिन स्वार्थों  की खातिर हम पर्यावरण को बिगाड़  रहे है जिन बातो को हम बहुत हल्के में ले रहे है उनसे आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण का ब्याज चुकाने पर  मजबूर होना पडेगा  और निश्चित रूप से आने वाले समय में करे कोई भरे कोई वाली कहावत चरितार्थ होने जा रही है | प्लास्टिक के कचरे तथा पर्यावरण के प्रति उदासीनता के चलते पर्यावरण प्रभावित हो चुका है | जिसका असर हमारे स्वस्थ पर देखा जा सकता है, जीवन पर देखा जा सकता है | नई- नई बीमारियां फैलना पर्यावरण प्रभावित होने का ही नतीजा है | https://images.app.goo.gl/HFdUfJrijmFo7jX5A कोई और तो करता नहीं फिर हम ही क्यों करे ? जो पैसा आज हम कमा रहे है उसका अधिकतर हिस्सा हम प्राकृतिक नुकसान को समर्पित कर रहे है |  हम बच्चो की पढ़ाई लिखाई परअथाह धन दोलत खर्च कर उन्हें क

मदद न लेना स्वाभिमान नहीं बल्कि कभी कभी यह हमारा अभिमान होता है

चित्र
 पेड़ पौधो  की तरह होता है रिश्तो का महत्व  जिस तरह पेड़ पौधो के  हर भाग  का अपना  महत्व होता है, उपयोग होता है |  उसी प्रकार रिश्तो  का भी  महत्व होता   है |   बीज से  पौधा  बनता है, पौधा जब बड़ा होता है तो उसमे फल फूल लगते है जिनका इंतजार हम  जाने कितने समय से  करते रहते है |  जब फल फूल लगते है  तो हम उन की और आकर्षित होते है |   क्या कभी आपने सोचा है की फल फूलो की वृद्धि में किन- किन चीजों  का योगदान होता है   ? उत्तर मिलेगा बगीचे के माली का  |  माली का   योगदान पौधे की वृद्धि में हो सकता है, उसकी देखभाल में  योगदान को नकारा नहीं  जा सकता |  परन्तु फल फूलों  तथा वृक्ष की   वृद्धि में जड़, तना और पत्तियों का योगदान भी   होता है  | क्योकि जड़ का काम  जमीन से  पानी सोख कर तने तक पहुंचना होता है  और तना पानी को  पत्तियों  तक पहुंचने में मदद करता है |    पत्तियां  जल की उपस्थिति में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन बनाती  है   तब  फल फूलो का  निर्माण सम्भव होता है  |  यदि जड़े   अपना काम नहीं करे, तना अपना काम करना बंद कर दे, पत्तियां अपना काम करना बंद कर दे  तो पेड़ कभी भी जिंदा नहीं

प्रेम, प्यार, भावनाएं, स्वभाव ये सब प्राकृतिक होतें हैं

चित्र
आज हम जीवन को पूर्ण रूप से कृत्रिम बना चुकें हैं जो चीज़ प्रकृति ने हमें उपहार में दी है उसे भी हम भोतिक रूप से कृत्रिम बना चुकें हैं | प्रेम, प्यार, भावनाएं, स्वभाव ये सब प्राकृतिक होतें हैं | लेकिन हम इन्हे भी कृत्रिम रूप से प्रदर्शित कर रहें हैं | नफरत, गुस्सा, क्रोध भी हम स्वाभाविक रूप से प्रदर्शित नहीं कर पा रहें हैं |  https://goo.gl/images/kuoogf यही वजह है की हर इंसान हमें गिरगिट की तरह रंग बदलता हुआ नज़र आ रहा है | सोचकर देखें क्यों कोई अपना सा लगने के बाद भी कुछ ही दिनों में पराया सा लगने लगता है ? क्यों जिसे हम बहुत ज़्यादा चाहने लगतें हैं कुछ ही दिनों में अनजान सा लगने लगता है ? क्यों हमें लोग अचानक ही बदलते से नज़र आने लगतें हैं ? क्यों हम किसी को पहचानने में भी बड़ी भूल करते नज़र आने लगतें हैं ? https://goo.gl/images/xLbR3t क्यों किसी व्यक्ति को जिससे हमें बहुत उम्मीद होती है जो हमारा परम हितेषी लगने लगता है उससे दूरी बनाने लगतें हैं ? ऐसी कई सारी बातें हैं जो इस बात को साबित करती है की क्यों इंसान अपनी स्वाभाविक पहचान छिपाना चाहता है क्यों अपने को पराया और प

रतन टाटा को भी करना पड़ा था बुरे वक्त का सामना

चित्र
रतन टाटा को भी करना पड़ा था बुरे वक्त का सामना  उतार चढ़ाव हर व्यक्ति के जीवन में आते है |  ऐसे कई प्रसिद्द लोग  जिन्होंने अपने जीवन में असफलता से सिख लेकर सफलता पाई है |  उन्ही में से एक है भारत के प्रसिद्द उद्योग पति रतन टाटा |  रतन  टाटा  भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति जमशेदजी  टाटा  के पौत्र  हैं|  जमशेदजी टाटा के पुत्र नवल टाटा  ने  रतन टाटा  को गोद  लिया था तब उनकी उम्र मात्र 10 वर्ष थी |   टाटा  समूहों का आज दुनिया के 100 देशों में व्यापर चल रहा है |  टाटा चाय से लेकर पांच   सितारा होटलों एवं सुई से लेकर हवाई जहाज तक के व्यापर से  टाटा  समूह जुड़ा हुआ है |   टाटा  समूह को आज विश्व के टॉप व्यावसायिक घरानो में गिना जाता है |  टाटा समूह की प्रतिष्ठा बढ़ने में रतन टाटा का योगदान महत्वपूर्ण है इस योगदान के लिए  रतन टाटा  का संघर्ष भी कम नहीं रहा है |  https://images.app.goo.gl/6BTPqogSavAM4w5x7  1991 में   रतन टाटा  को टाटा समूह का चेयरमेन बना  या गया |  1998 में  टाटा मोटर्स ने इंडिका लांच की इसके  बाद रतन टाटा के जीवन और व्यवसाय में काफी उतर चढ़ाव आये |  एक समय ऐसा भी आया ज

यह है दुनिया का सबसे अच्छा और महत्वपूर्ण रिश्ता

चित्र
  यह है दुनिया का सबसे अच्छा और महत्वपूर्ण रिश्ता     https://images.app.goo.gl/wu385CuQ2tTYeQNQ6 आज के इस युग में दुनिया का सबसे महत्व पूर्ण रिश्ता बड़े तनाव में जीवन जी रहा है |  यह एक कटु सत्य है  | बहुत कम  स्त्री पुरुष   है जो अपने इस रिश्ते को हंसी ख़ुशी से गुजर रहे है |  अपने जीवन में तालमेल बना पा  रहे ,है समन्वय बना पा रहे है | यदि  पति  पत्नी  दोनों में से किसी एक में तालमेल बनाने की क्षमता नहीं है तो यह रिश्ता बहुत ही घुटन भरा हो सकता है |  जो की बड़ी समस्याओं  का कारण बन सकता है |  एक अकेला व्यक्ति कभी भी घर गृहस्थी का बोझ नहीं उठा सकता |  स्त्री पुरुष   दोनों की अपनी अपनी  जिम्मेदारी होती है दोनों का सहयोग ही परिवार रूपी पेड़ को बड़ा कर उस पर फल फूल लगा सकता है | इस परिवार की बगिया को हरा भरा  करने तथा फल फूलों  से लादने का एक मात्र उपाय है दोनों का आपसी तालमेल |  आपसी समन्वय ही इस उपवन को फूलों  की खुशबु से महका सकता है |  आज हम इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे है   क्यों जरूरी है  पति  पत्नी  में समन्वय | ये कुछ बिंदु है जिनकी पूर्ति के लिए दोनों के रिश्तों  में