एक टैक्सी ड्राइवर से लें प्रेरणा

यदि कोई सोच ले तो लोगों की सोच बदलने के लिए कुछ भी किया जा सकता है सिर्फ अपने आप में हौसला होना चाहिए। स्वस्थ मानसिकता होनी चाहिए। सामाजिक मुद्दा होना चाहिए और काम करने का जज़्बा होना चाहिए | लोग क्या कहेंगे? लोग क्या सोचेंगे? सिर्फ यह सोचने में ही हम हमारा जीवन गुज़ार देते हैं लेकिन जिन लोगों को कुछ करना होता है वो बिना स्वार्थ के अकेले ही अपनी मंज़िल पर निकल पड़ते हैं। वो ये सोच कर निकलते हैं की कुछ तो लोग कहेंगे। लोगों का काम है कहना। 

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ऐसी ही सोच रखते हुए कोलकाता के एक टैक्सी ड्राइवर धनञ्जय चक्रवती ने लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए अपनी टैक्सी के ऊपर घास लगा दी ताकि लोग पर्यावरण के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी समझ सके। अब धनञ्जय ने नई पहल शुरू की है, उन्होंने बच्चों को स्मार्ट फ़ोन से दूर रखने के लिए लोगों को जागरूक करना शुरू किया है इसके लिए वे अपनी टैक्सी में बैठने वाले यात्रियों को बच्चों की कॉमिक्स ऑफर करते हैं ताकि लोग बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखे और बच्चे किताबों से जुड़े रहे।

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दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जो सोचते बहुत कुछ हैं लेकिन सिर्फ इस वजह से नहीं कर पाते है की लोग क्या कहेंगे ? यदि आप भी समाज में कुछ बदलाव लाना चाहते हैं तो धनञ्जय चक्रवती से सीख ले। आज समाज को आवश्यकता है ऐसी छोटी छोटी शुरुआत करने की ताकि आने वाले समय को हम हमारे बच्चों के लिए जीने लायक छोड़ सके। साधुवाद के पात्र हैं धनञ्जय चक्रवती जैसे लोग जो निस्वार्थ रूप से लोगों की सोच बदलने में लगे हुए हैं | हमे ऐसे लोगों के प्रयासों की प्रशंसा ज़रूर करनी चाहिए उनका उत्साह वर्धन करना चाहिए ताकि लोग उनसे प्रेरित होकर समाज को नई दिशा दे सके।

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