स्वतंत्रता मिलने के बाद स्वतंत्रता की क़द्र कर के लाया जा सकता है सामाजिक बदलाव

आज बिगड़ती सामाजिक व्यवस्था हर व्यक्ति की चिंता का कारण बनती जा रही है | चाहकर भी सामाजिक सुधार हम नहीं कर पा रहें हैं |  सामाजिक व्यवस्था सुधरने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है | बच्चों की शिक्षा पर हम आवश्यकता से भी अधिक खर्च कर रहें हैं लेकिन इसके बावजूद हम सामाजिक सोच नहीं बदल पा रहें हैं | शिक्षा का सामाजिक उद्देशय पूरा नहीं कर पा रहें हैं | कानून हमारी सुरक्षा के लिए होतें हैं | कानून की मदद से सामाजिक व्यवस्था सुधारी जा सकती है लेकिन कानूनों का भी दुरूपयोग बढ़ता जा रहा है | शिक्षा और कानून की मदद से हम स्वतंत्र होकर जीवन जी सकतें हैं | 

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भौतिक सुख सुविधाओं की यदि बात करें तो आज हमारी भौतिक सुख सुविधाओं पर निर्भरता ज़रुरत से ज़्यादा हो गयी है बिना सुख सुविधा के हम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा पा रहें हैं | भौतिक सुख सुविधाएं हमारे जीवन को आसान बना सकती है लेकिन इनका दुरूपयोग कर हम जीवन को और कठिन बनाते जा रहें हैं | रिश्ते नातों की अपनी अहमियत होती है रिश्ते नातों की स्वतंत्रता हमारी सामाजिक व्यवस्था को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है रिश्तों की स्वतंत्रता से घर परिवार में सुख समृद्धि और खुशहाली लाइ जा सकती है |

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 हर कोई स्वतंत्रता चाहता है लेकिन स्वतंत्रता मिलने के बाद हम स्वतंत्रता के मायने भी भूल जाते है जबकि स्वतंत्रता का सदुपयोग कर हम सामाजिक व्यवस्था को सुधरने में योगदान दे सकतें हैं बेड़ियों जंजीरों में बंधी गुलामी की ज़िंदगी से स्वतंत्र होने के लिए न जाने कितनी बड़ी क़ुरबानी देनी पड़ती है अत्याचार सहने पड़ते हैं समाजिक सोच बदल नी पड़ती है आवाज उठानी पड़ती है तब जाकर न जाने कितने लम्बे समय में हम स्वतंत्रता की ख़ुशी मानाने के नज़दीक पहुंच पाते हैं लेकिन स्वतंत्रता का पूर्ण आनंद लेने से पहले ही हम उसका दुरूपयोग करना शुरू कर देतें हैं | 

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स्वतंत्रता चाहे एक नागरिक के रूप में हो चाहे जाति गत या धार्मिक हो स्त्री को मिले या पुरुषों को बच्चों को मिले या बड़ों को भौतिक सुख सुविधाओं की मिले या सरकारी सुख सुविधाओं की खान -पान की मिले या सड़क पर चलने की यदि हम स्वतंत्रता का सही अर्थों में उपयोग करें तो हम अपने और दूसरों के जीवन को आसान बना सकतें है | तनाव मुक्त कर सकतें हैं | सामाजिक और पारिवारिक खुशहाली ला सकतें हैं |देश के बिगड़ते माहौल को सुधारने में सहयोग प्रदान कर सकतें हैं | आजादी पाना तभी सार्थक होगा जब हम आजादी की क़द्र समझेंगे | 

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