मानसिक और शारीरिक विकारों से मुक्त होकर ही लिया जा सकता है आर्थिक उन्नति का आनंद

आज अधिकतर लोग शारीरिक ,  मानसिक और आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं ये तीनों ही परिस्थितियां परिवार की स्थिति को बनाने या बिगाड़ने में महत्वपूर्ण होती है इन्हे बनाने और बिगाड़ने के लिए हम और हमारा परिवार ही जिम्मेदार होता है |ये परिस्थितियां अक्सर बिगड़ती है हमारे स्वार्थ हमारी लापरवाहियों हमारे मतभेदों स्वभाव सिद्धांतों की वजह से  और इनके लिए हम बिना विश्लेशण किये किसी को भी दोष दे देते हैं कभी सरकार को कभी पडोसी को कभी रिश्ते नातों को लेकिन हम हमारी लापरवाहियों आदतों और स्वभाव को नज़रअंदाज कर जाते हैं    जानिए  आर्थिक मानसिक और शारीरिक समस्याओं से मुक्ति   के आसान उपाय   नमस्कार दोस्तों , क्या आप भी  आर्थिक, मानसिक और शारीरिक समस्याओं से दुखी है यदि हाँ तो मत होइये  परेशान क्योंकि  हम लेकर आये है आर्थिक, मानसिक और शारीरिक विकारों से मुक्ति   के आसान उपाय क्योंकि मानसिक और शारीरिक समस्याओं से  मुक्त  होकर ही लिया जा सकता है आर्थिक उन्नति का आनंद यदि जीवन का आनंद लेना चाहते है तो यह लेख पूरा पढ़े | 
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 यदि हम सही विश्लेषक हैं तो हमे सबसे पहले अपनी आदतों  लापरवाहियों सिद्धांतों और स्वभाव पर गौर करना चाहिए और वजह तलाश करनी चाहिए  की की हमारी आर्थिक मानसिक और शारीरिक समस्याओं की मुख्य वजह  क्या है ?हम पाएंगे समय का सही प्रबंध नहीं कर पाना अपनी आदतों और स्वभाव में परिवर्तन नहीं लाना अहम् और वहम को नहीं त्यागना ईर्ष्या लालच द्वेषता को पाल कर रखना  छोटी छोटी बातों में उलझना एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करना नकारात्मक सोच रखना यही बातें हमारे आर्थिक मानसिक और शारीरिक विकास में बाधक होती है |कही  आप आर्थिक उन्नति के लिए मानसिक और शारीरिक परेशानियों को मोल तो नहीं  ले रहे हैं
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यदि आप मानसिक और शारीरिक विकारों से मुक्त होंगे तो आर्थिक उपलब्धियां हांसिल करना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन हम कर उल्टा रहे हैं हम आर्थिक उन्नति के लिए मानसिक और शारीरिक परेशानियों को मोल ले रहे हैं यही वजह है की आर्थिक स्थिति अच्छी  होने के बावजूद भी हम मानसिक और शारीरिक समस्याओं से घिरे हुए हैं
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आर्थिक उन्नति का मजा भी आप तब ही ले पाएंगे जब आपका मन खुश  होगा प्रसन्न होगा शरीर स्वस्थ होगा वरना  दूसरों के भरोसे  लाचार  जीवन तो जानवर भी जीते ही हैं इंसानी   रूप में  जीने के लिए अपने आप को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और सक्षम बनाये  यह एहसास इंसान को कभी न कभी ज़रूर  होता है परन्तु मरने के बाद नरक में जाने से पहले यदि हो तो जीते जी आप स्वर्ग का आनंद ले सकते हैं  वरना शारीरिक और मानसिक विकारों की वजह से  नरकिय जीवन  तो  रोज जीते जी भी जी  ही रहे हैं \

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