|महत्वपूर्ण हैं भगवत गीता के ये पांच संदेश

भगवत गीता वैसे तो कई सन्देश देती है जिनको यदि मनुष्य अपने जीवन में उतारले तो वह अपने जीवन के साथ साथ सामाजिक जीवन को भी सुधार सकता है लेकिन किसी भी मनुष्य के लिए सम्पूर्ण गीता के उपदेशों को अपने जीवन में लागू कर पाना या उन पर चल पाना आज के इस आधुनिक जीवन में संभव नहीं है  फिर भी  गीता के इन उपदेशों के कुछ अंशों पर गौर कर लिया जाए  तो आज के  कष्ट मय और तनावग्रस्त जीवन को दुःखी  होकर जीने की बजाये प्रसन्नता पूर्वक जीया जा सकता है   |
https://goo.gl/images/AA5zxw

1. गीता में श्री कृष्ण ने कहा है कर्म किये जा   फल की इच्छा मत कर लोग कर्म तो शुरू करते हैं लेकिन फल  की  इच्छा में उसे पूर्ण होने से पहले ही छोड़ देते हैं जबकि थोड़ा  कष्ट सहन  करके बिना फल की इ
च्छा किये अपने कार्य को लगातार जारी रखा जाए तो उसका फल निश्चित रूप  से मिलेगा |
https://goo.gl/images/J5MsVu

2. गीता में उपदेश दिया गया है अपने मन की बात हमे किसी न किसी से अवश्य करनी चाहिए क्योंकि हम किसी भी बात को  अपने मन  में रखकर अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं और उसका जहर हमारे  मन में घोलते रहते हैं   जो हमारे लिए तो नुकसानदायक है ही दूसरों के लिए भी नुकसान दायक है अतः अपने मन की घुटन से बचने के लिए  किसी न किसी को अपने सबसे नज़दीक रखना  बहुत आवश्यक है जो आपके मन की बात समझ सकता हो  सुन सकता हो आपको उचित मार्गदर्शन दे सकता हो जब मन में घुटन कम होगी तो आपका चेहरा स्वतः ही प्रसन्ता से खिल उठेगा
https://goo.gl/images/ZfjcN5
|
3. जिस बात को हम अपने लिए गलत  समझते हैं वह दूसरों के लिए कभी अच्छी नहीं हो सकती लेकिन आज अपने स्वार्थ के लिए व्यक्ति वो भी दूसरों के लिए करने को तैयार ही जाता है जो उसे खुद  के लिए अच्छा नहीं लगता
https://goo.gl/images/2QZtwh
|
4. गीता हमे सन्देश देती है की बहुत ज्यादा ख़ुशी व बहुत  ज़्यादा दुःख में कभी निर्णय नहीं लेना चाहिए क्योंकि इन दोनो  स्थितियों में लिए गए निर्णय अक्सर गलत होते हैं यदि आपका समय बहुत अच्छा चल रहा है तो उस ख़ुशी में जल्द बाज़ी में निर्णय नहीं लेकर थोड़ा रूक कर निर्णय ले यदि समय बहुत बुरा या दुःख का चल रहा है विपत्ति का चल रहा है तो उसे टाल कर ही निर्णय  लें
https://goo.gl/images/f3f2qb
5. भले ही आप जीवन में किसी को फायदा मत पहुंचाओ किसी का भला मत करो लेकिन कभी किसी का नुकसान मत करो अहित मत करो दुःख मत पहुंचाओ |

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बेटी हिंदुस्तान की

आधुनिक और प्राचीन जीवन का असमंजस

मनुष्य एक प्राकृतिक उपहार है लेकिन मशीनी होता जा रहा है