मनुष्य एक प्राकृतिक उपहार है लेकिन मशीनी होता जा रहा है
मनुष्य एक प्राकृतिक उपहार है | जिस तरह से प्रकृति की देखभाल करना हमारी ज़िम्मेदारी है उसी तरह हमारी स्वयं की देखभाल करना भी हमारी स्वयं की ज़िम्मेदारी है | आज के इस डिजिटल युग में हर इंसान मशीनी होता जा रहा है उसने भी मशीनों की तरह अपनी सेवाएं 24 x 7 x 365 कर दी है जिस तरह से मोटर गाड़ियों की एक्स्पायरि 15 वर्ष होती है 15 वर्षों के बाद वह गाड़ी दिखती तो रहेगी लेकिन सड़क पर चलने लायक नहीं कही जा सकती | https://images.app.goo.gl/cPaj1upqy9qfPNav6 दवाइयों के ऊपर उनकी एक्सपाइरी अंकित होती है वह इसलिए की जिस तरह मशीनों के कलपुर्जों की उम्र निश्चित होती है उसके बाद उनका उपयोग करना खतरनाक हो सकता है यही दवाइयों के मामले में भी होता है मनुष्य की उम्र निश्चित नहीं है लेकिन पता नहीं क्यों मनुष्य 24 घंटे 365 दिन सेवाएं देकर अपने आप को मशीन बनाए हुए है और अपनी भी एक्सपाइरी डेट तय करवाने और अंकित करवाने पर तुला हुआ है मशीन के कलपुर्जों को अपने 15 वर्ष के जीवन काल में भी मरम्मत की आवश्यकता होती है और उसके कलपुर...
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