मन से निकली ख़ुशी लोगों का ध्यान आकृष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
अंदर के मन से निकली हुई ख़ुशी और चेहरे पर दिखाई देने वाली ख़ुशी में अंतर होता है मन से निकली हुई ख़ुशी पूरे शरीर को तारो ताजा रखती है उमंग से भरे रखती है हमारे अंग - अंग में नजर आती है हमे चुस्त दुरुस्त रखने में मन के अंदर से निकली हुई ख़ुशी का महत्वपूर्ण योगदान होता है |
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जो लोग सिर्फ चेहरे से ख़ुशी प्रदर्शित करते हैं उनके शरीर के हर अंग में ताज़गी नहीं दिखाई देती उनका मन तो बीमार होता ही है चेहरा भी बीमार दिखाई देता है क्योंकि मन की ख़ुशी में बनावटी पन नहीं होता जबकि चेहरे की ख़ुशी बनावटी होती है जो कुछ समय बाद स्वतः ही काफूर हो जाती है|
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मन की ख़ुशी लोगों का ध्यान आकृष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है | जब इंसान मन से खुश होता है तो उसकी हरकते ही इस तरह की होती है की लोग उसे देखे बिना नहीं रह सकते जो लोग गांठे पाल कर रखते हैं वो अपने मन की ख़ुशी को ताले में बंद करके रखते हैं उसे बहार निकलने से रोके रखते हैं जिससे चेहरा दुखी और उदास नज़र आता है |
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मन पर लगाए हुए तालों की वजह से ख़ुशी के मौकों पर भी ऐसे लोग खुश रहना भूल जाते हैं इसलिए खुश रहना चाहते हैं तनाव मुक्त रहना चाहते हैं तो अपने मन के अंदर लगाए तालों को खोल कर देखे सिर्फ चेहरा ही नहीं शरीर का हर अंग खुशियों से झूम उठेगा | हम यह अक्सर भूल जाते की मन से निकली हुई ख़ुशी न सिर्फ हमे खुश रखती है बल्कि दूसरों को भी खुश रहने लिए प्रोत्साहित करती है |
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अक्सर खुश रहने वाले लोग लोगों के दिलों में जगह बनाने में कामयाब होते है मन से खुश रहने वालो के पास सफलता के अवसर दुखी और निराश लोगो से ज्यादा होते है | इसलिए मन को खुश रखने लिए बात - बात में दुखी रहना छोड़े ईर्ष्या, द्वेष, क्लेश से बचे | परेशानियों समस्याओं का रोना रोने के बजाए सकारात्मक होकर उनका हल निकालने का प्रयास करें | जीवन को आसान बनाने का इस से सस्ता और अच्छा तरीका कोई और नहीं है |
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