कैसे आ सकता है सतयुग ? जानिए

हर व्यक्ति अपने आप को स्पष्टवादी कहता है| कभी भी कही भी चाहे मुद्दा सामाजिक हो, राजनैतिक या पारिवारिक| जब भी किसी विषय पर बहस होती है तो आमतौर पर हर व्यक्ति यही कहता है कि मै तो स्पष्ट बोलता हूँ | मेरी आदत लाग लपेट करने की नही है। क्या सिर्फ यह कहना कि मै तो स्पष्ट बोलता हूँ स्पष्टवादी होने का प्रमाण है | यदि ऐसा हो तो दुनिया की सबसे लम्बी लिस्ट स्पष्टवादियों की होगी। क्योंकि हर व्यक्ति साबित कर देगा की वह स्पष्टवादी है| फिर तो दुनिया में किसी बात की समस्या ही नहीं रहेगी।

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क्योंकि जहाँ स्पष्टता विद्यमान होती है वहाँ न झूठ चल सकता है न बुराई, न धोखा चल सकता है न विश्वासघात, न जाति चल सकती है, न धर्म| बेईमानी के लिए स्थान ही नही बचेगा। दुख बेचारा कहाँ खड़ा हो सकेगा ? निराशा को तो कोई पूछेगा भी नहीं | क्रोध किस पर उतारोगे ?लड़ाई- झगड़े सब शान्ति के साथ विश्राम करेंगे। नियम कानूनों की बड़ी - बड़ी किताबों का क्या होगा ? सब समस्याएं खत्म| भगवान को भी अपना मोबाईल स्विच आॅफ़ करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। आरक्षण की आग से लेकर रिश्वत खोरी तक सब जड़ से नष्ट। सुना है सतयुग आने वाला है | भगवान फिर से जन्म लेंगे| लेकिन जब हम सब स्पष्टवादी हो जाएँगें तो समस्याएँ ही खत्म हो जाएगी और समस्याएँ ही खत्म हो जाएगी तो भगवान जन्म लेकर क्या करेंगे ? हमारी स्पष्टता ही भगवान का जन्म है | यदि ऐसा सम्भव हो तो| किन्तु ऐसा सम्भव नहीं है| क्योंकि हम स्पष्ट बोल सकते हैं लेकिन स्पष्ट सुनना और स्पष्ट देखना हमें आता नहीं है।

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कभी कोई ऐसा व्यक्ति मिला है जो यह कहता हो कि मैं स्पष्ट सुनता भी हूँ। स्पष्ट सुनना और स्पष्ट देखना हर किसी के बस की बात नहीं है| जिस दिन स्पष्ट बोलने वाले लोग स्पष्ट सुनने और स्पष्ट देखने लगेंगे उसी दिन सतयुग आ जाएगा | क्योंकि उस दिन स्पष्ट बोलने ,सुनने और देखने का सन्तुलन हो जाएगा और जब देखने सुनने और बोलने का सन्तुलन हो जाएगा तो पृथ्वी संतुलित हो जाएगी | और जब पृथ्वी संतुलित हो जाएगी तो प्रकृति मुस्कुराएगी । और फिर किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदायें नहीं आएंगी | लोग सुख, चैन ,शांति से रह सकेंगे| और ऐसा लगेगा मनो भगवान प्रकट हो गए हैं | और तभी सतयुग आ जाएगा |

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