दुनिया में दो चीज़ें सबसे लचीली होती है पहली हवा दूसरा पानी

दुनिया में दो चीज़ें सबसे लचीली होती है पहली  हवा दूसरा पानी ये कभी भी कहीं भी किधर भी कैसे भी  मुड़ सकते  है |  ये जिस में मिल जाते हैं वैसे ही हो जाते हैं  | हवा फूलों के साथ मिलेगी  तो फूलों की महक चारों और फैला देगी  | सडी  गली चीज़ों में मिलेगी तो उनकी दुर्गन्ध दूर दूर तक फैलाएगी |
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  पानी रंग हींन  होता है परन्तु जिसमे मिल जाता है वैसे ही रंग का हो जाता है  | मनुष्य का स्वभाव भी ऐसा  ही होता है जिसमे मिल जाता है वैसा ही बन जाता है  |   इसलिए हवा बनकर  बहो लोगों की साँसे बनो फूल रूपी इंसानो  के  साथ मिलकर चारों और खुशबू बिखेरो वातावरण  को सुगन्धित बनाओ |  हवा पतंगों को आसमान की उचाइयों   तक ले जाने में मदद करती हैं यदि आप भी चाहे तो लोगों को  ऊपर उठने में , आसमान की उचाई छूने में उनकी मदद कर सकते हैं |
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पानी लोगों को स्वच्छ और निर्मल बनाता  है |  गंदगी को दूर कर शुद्ध और साफ़ सुथरा बना देता है  | पानी का आचरण सीखो लोगों की गंदगी दूर कर उनके दिलों से  मेल निकलकर उन्हें साफ़ सुथरा बनाओ |  पानी अपने रस्ते खुद बनाता है पानी को आज तक चट्टानें भी नहीं रोक सकी यह पानी की स्वाभाविक नरमाई है |
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यदि आप में नरमाई है विनम्रता है तो विपरीत  परिस्थितितयों में भी  दुनिया की  कोई ताकत आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती |  अपने आप को हवा की तरह बनाओ बिना इसके कोई भी जीवन जीने की   कल्पना नहीं कर सकता |  हर व्यक्ति को इसकी आवश्यकता है , ज़रुरत है | अपने आप को इस   कदर बनाओ की आप हर व्यक्ति की ज़रुरत बन सको |  हर किसी के जीवन को बचने में सक्षम हो सको |  हर किसी के  काम आ   सको  | 

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