समाज को दिशा देने में होती है फिल्मो की अहम् भूमिका

फिल्मे चलचित्र सिनेमा हमारे जीवन को प्रतिबिम्बित करते है समाज का आईना दिखाते है समाज को दिशा देने में फिल्मो की अहम भूमिका होती है | फिल्मे मनोरंजन करती ही है पारिवारिक सामाजिक और देश भक्ति से ओत प्रोत फिल्मे लोगों के दिलो को छू जाती है | संदेश छोड़ जाती है प्रेरणा बन जाती है |
ये पांच फिल्मे जो आपके लिए प्रेरणा दायक हो सकती है
1 अवतार


Third party image reference
राजेश खन्ना शबाना आज़मी अभिनीत यह फिल्म एक पारिवारिक फिल्म है एक स्वाभिमानी व्यक्ति की कहानी है जो विपरीत परिस्थितियों में अपने हौसले के दम पर संघर्ष कर झूठी शान और शौकत को चुनौती देकर सफलता की इबारत लिख डालता है |
2 गदर एक प्रेम कथा
सन्नी देओल , अमीषा पटेल अभिनीत फिल्म भारत पाकिस्तान के विभाजन के समय लोगो के साथ क्या बीती, सियासत की वजह से एक आम आदमी पर क्या बीतती है और जब जुल्मो की इंतेहा हो जाती है तो एक सीधा साधा आदमी भी अपने प्रेम की खातिर पुरे मुल्क पर भारी पड़ सकता है कथा संवाद और अभिनय की दृष्टि से फिल्म दमदार है
3 बागवान

Third party image reference
अमिताभ बच्चन , हेमा मालिनी के अभिनय तथा आज की पीढी की बदलती सोच की वजह से युवाओ को यह फिल्म अवश्य देखनी चाहिए बूढ़े माता पिता के युवा जज्बात और एक दूसरे के प्रति प्रेम, लगाव और बच्चो द्वारा पैदा किया अलगाव फिल्म गजब का संदेश देने में सफल रही है |
4 मैंने प्यार किया


Third party image reference

सलमान खान और भाग्य श्री की पहली फिल्म हर पति ऐसी ही पत्नी चाहता है | हर लड़की के लिए पति का स्वाभिमानी होना गर्व की बात होती है | सास बहु में तालमेल हो तो घर में सुख शांति रहती है कभी कभी दौलत के सामने दोस्ती के रिश्ते भी टूट जाते है और जब गरीब आदमी अपनी नेक नियति से चलता है तो दौलत को भी अपना सिर झुकना ही पड़ता है फिल्म हर लिहाज से उम्दा है |
5 हम आपके है कौन
सलमान खान माधुरी दीक्षित के साथ अन्य कलाकारों की इस फिल्म के लिए जितनी तारीफ की जाये कम है | किसी के परिवार में आने से खुशियाँ बढ़ती है जब खुशियाँ देने वाला ही अनायास चला जाता है तो परिवार के सदस्यो के साथ साथ- नौकर, चाकर, ड्राइवर तक उदास हो जाए तो समझिये उस शख्स की क्या अहमियत होगी | परिवार में त्याग की मिसाल आज कम ही देखने को मिलती है फिल्म को देखकर लगता है की हर परिवार में दुख तो ऐसे देखे जाते है लेकिन खुशियाँ क्यों नहीं ?

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बेटी हिंदुस्तान की

आधुनिक और प्राचीन जीवन का असमंजस

मनुष्य एक प्राकृतिक उपहार है लेकिन मशीनी होता जा रहा है