क्षमा करने वाला और क्षमा माँगने वाला दोनों साधुवाद के पात्र हैं

गलतियों का अहसास कराना और फिर हंसते-हंसते माफ कर देना क्षमा कहलाता है | क्षमा करने और क्षमा मांगने  का गुण हर व्यक्ति में नहीं होता लेकिन जिस व्यक्ति में यह गुण होता है वह दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति होता है | जो व्यक्ति क्षमा करना जानता है और दिल से क्षमा मांगना जानता है  वह कभी भी किसी का बुरा नहीं करता | वह भगवान का रूप होता है वह नहीं चाहता कि दुनिया में अपराध हो, वह नहीं चाहता दुनिया से भाई चारा खत्म हो, वह नहीं चाहता पड़ोसी - पड़ोसी का दुश्मन बने, वह नहीं चाहता कि लोगों के जीवन में तनाव बढ़े |
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 जरा सोच कर देखिए जब आप से कोई गलती हुई हो और आप इस गलती के लिए कभी भगवान से प्रार्थना करते हैं कभी अपने इष्ट मित्रों रिश्तेदारों से एक गलती दोबारा न करने का वादा करते हैं | आप चाहते हैं कि बस एक बार मुझे क्षमा मिल जाए फिर मैं ऐसी गलती दोबारा नहीं करुंगा और यदि किसी तरह से लोग आपको क्षमा कर देते हैं सोच कर देखिए क्या प्रतिक्रिया आपके मन में होती होगी |

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अापकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता आप तनावमुक्त हो जाते हैं | आप आगे गलती न करने की कसम खाते हैं, आपकी एक गलती न जाने कितने लोगों को ऐसी गलती न करने की सीख देती है और क्षमा मिलने की वजह से जाने  कितने लोगों में आपसी  प्रेम प्यार बढ़ता है, भाईचारा कायम हो जाता है, एक दूसरे के प्रति सम्मान बढ़ता है  | इसलिए क्षमा करने वाला तो धन्यवाद का पात्र है ही लेकिन क्षमा मांगने वाले को भी हमे धन्यवाद देना चाहिए क्योँकि आज के युग में  अपनी गलती को मानने  और स्वीकार करने वाले लोग भी कम  ही मिलते हैं  | और यह बात भी हमें  समझनी आवश्यक है की दिल से क्षमा करना भी हर किसी के बस का नहीं है  |
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 ठीक इसके विपरीत यदि आप किसी से क्षमा मांगे और वह अपनी जिद और हठधर्मिता की वजह से आप को क्षमा नहीं करे तो नतीजा क्या होगा ? सोचे कई लोगों के मन दुखी होंगे, तनाव बढ़ेगा, दुश्मनी बढ़ेगी, न जाने कितने लोगों का प्रेम प्यार आपसी भाईचारा खत्म हो जाएगा | कई रिश्ते टूट जाएंगे और न जाने कितनी  गलतियों की सम्भावना बढ़ जाएगी |  क्षमा करने और  न करने  की ताकत का अंदाजा हम इन्ही  बातो  से लगा सकते हैं | 
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 कुछ लोग  क्षमा तो चाहते हैं लेकिन सिर्फ अपना मतलब निकलने के लिए ऐसे लोग  क्षमा करने और क्षमा मांगने दोनों में अपना स्वार्थ देखते है | जो लोग क्षमा   का महत्व नहीं समझते वह लोगों को क्षमा नहीं करने और क्षमा नहीं मांगने के  लिए प्रेरित करते हैं |  यही वजह है की लोग क्षमा मांगने को अपना अपमान समझते है और क्षमा न करने को अपनी समझदारी  |   सोच कर देखें  इस छोटी सोच ने दुनिया के सारे  समीकरण बिगाड़े हुए है | छोटी  छोटी  गलतियां  जिन के आसान समाधान हम एक दूसरे को क्षमा करके निकाल  सकते है  क्षमा मांग कर निकाल  सकते है    उनके लिए भी  लोग  कानून की शरण में चले जाते है |
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 कुछ लोग अपना मतलब निकालने के लिए क्षमा मांग लेते हैं और क्षमा मांगने के बाद कुंठा पालकर रखते हैं, बदला लेने की सोचते हैं | कभी भी क्षमा को बदले की भावना से प्रेरित होकर नहीं मांगे| जब तक दोनों पक्षों के मन से गांठ नहीं खुलेगी क्षमा का कोई मतलब नहीं निकलेगा | यदि हम क्षमा के महत्व को समझ ले तो न जाने कितने लोगों के दिलों को खुशी मिलेगी, ना जाने कितनी गलतियां आगे होने से बच जाएगी, न जाने कितने लोगों के जीवन में बदलाव आएगा, ना जाने कितने लोगों की सोच परिवर्तित होगी| इसी लिए  क्षमा करने वाला तो साधुवाद का पात्र है ही लेकिन क्षमा मांगने वाला भी धन्यवाद का पात्र है यदि क्षमा दिल से मांगी गई हो  क्योंकि क्षमा मांगना भी आसान नहीं होता इसलिए क्षमा करना और क्षमा मांगना दोनों का अपना महत्व है |

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