पैसा मनुष्य का दुश्मन या मनुष्य पैसे का दुश्मन | paisa mnushy ka dushman | Life changing idea |

क्या आधुनिक समय में पैसा मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन बन गया है ?

पैसा मनुष्य का दुश्मन या मनुष्य पैसे का दुश्मन

 | paisa mnushy ka dushman | Life changing idea |


जीवन अमृत पर आपका  हार्दिक अभिनंदन है, स्वागत है | नमस्कार दोस्तों

आज हम आपके लिए लाये है एक ऐसा विषय जिसने हर व्यक्ति के जीवन को उलझा कर रख दिया है | जिसकी वजह से दोस्ती, दुश्मनी, रिश्ते , नाते सब कुछ दांव पर लग जाते है | सही गलत का आंकलन कर पाना मुश्किल हो जाता है |  सबसे बड़ी बात तो यह है की इसका होना भी मुसीबत का कारण बन जाता है और ना होना भी |  ज्यादा होना जहां  अहंकार को बढ़ावा देता है ना होना मान सम्मान को ठेस पहुँचता है |  इसका होना सफल होने की निशानी कहलाता है जबकि ना होना असफलता की |  इसके होने से जान बच भी जाती है ज्यादा होने से जान चली भी जाती है | जी हाँ बहनो भाइयों  सही समझा आपने बाप बड़ा ना भईया  सबसे बड़ा रुपैया | इन्ही बातों की सत्यता परखने के लिए  लेकर आये है टॉपिक पैसा मनुष्य का दुश्मन या मनुष्य पैसे का दुश्मन | दूसरों को परखें  या ना परखें परन्तु  अपने आप को जरूर  परखे | यदि आप अपने जीवन को सुकून और सुख शांति से जीना चाहते है तो | वरना या तो अमीर बनने   चक्कर में अंधी दौड़ लगाते रहेंगे और कही  धड़ाम से गिर जाएंगे |  या फिर गरीब बन कर दूसरों के सामने रोते  गिड़गिड़ाते जीवन गुजार देंगे | बचना आप को दोनों ही परिस्थितियों से है  

  जी हाँ बहनो भाइयो जहां पैसा मनुष्य का दुश्मन बन गया है वहीं मनुष्य भी पैसे का दुश्मन बन गया है |  यही वजह है की आमीर हो या गरीब मुश्किलें  सभी की बड़ी  हुई है |  सभी जिंदगी को दांव पर लगा कर पैसे की वजह से भागते- दौड़ते, हाँफते - कांपते तनाव ग्रस्त जीवन जीने पर मजबूर है | यदि आप  सहमत है तो   इस आर्टिकल को पड़ कर अमीर  हो या गरीब यदि वो चाहे तो अपना जीवन सुख शांति सुकून से  जी सकता है| क्योकिं  जीवन जीने के लिए सिर्फ  पैसा इतना जरूरी नहीं है जितनी आपकी सोच भी जरूरी है |  क्योकि पैसा किसी के पास हो भी सकता है नहीं भी हो सकता|  परन्तु सोच तो सभी के पास  होती है |  फर्क सिर्फ इतना होता है  कि  अधिकतर लोग पैसा कमा कर भी  की सोच को नकारात्मक बना कर  पैसे  का सही उपयोग  ही नहीं कर पाते है |  और जो नहीं कमा पाते है वो भी अपनी  सोच का उपयोग शुरू कर देते है |   इसलिए सुखी  और दुखी होने की मूल वजह तक नहीं पहुंच पाते है |  हर चीज,  हर घटना को पैसा होने ना होने से जोड़ कर देखते है | बहनो भाइयो ये भी सच है की पैसा बहुत कुछ है पर सब कुछ नहीं इसी   लिए  पैसा मनुष्य का दुश्मन या मनुष्य पैसे का दुश्मन बन जाता |   आर्टिकल को पूरा पढ़े  | 

 पैसा होना और  ना  होना दोनों  ही  दुश्मनी की वजह है  


आधुनिक समय में पैसा मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन बन गया है |  पैसा होना और   ना  होना दोनों  ही  दुश्मनी की वजह है | अधिकतर  अमीर  इंसान गरीब को अपना दुश्मन समझते  है |  वहीं  कई बार  गरीब इन्सान  भी बेवजह ही अमीरों  को अपना दुश्मन समझने  लगता है  |  चाहे हकीकत कुछ  भी हो  लेकिन यह कटु सत्य है  | पैसा कमाने के चक्कर में इंसान अपने रिश्ते नातों  को भूल जाता है  | और उनसे दुश्मनी मोल ले लेता है |   अपने थोड़े से   लालच के लिए वह इंसानियत तक को ताक  पर रख देता है  |  दुनिया भर  का तनाव और दुश्मनी लेकर भी इंसान पैसा कमाने की दौड़ में  सबसे आगे खड़ा होना  चाहता है  | सोच कर देखें पैसा मनुष्य का दुश्मन या मनुष्य पैसे का दुश्मन |  ताज्जुब जब  होता  है  जब एक सुशिक्षित, प्रतिष्ठित , ईमानदार इंसान भी पैसा कमाने के  लिए कानूनों को तोड़ने मरोड़ने का प्रयास करने से नहीं चुकता है | आज बड़े- बड़े रईस  खानदानों  भी पैसों तथा  प्रॉपर्टी की लड़ाइयाँ  सामने आने लगी है और इसके लिए जान लेने और देने तक की नौबत से भी इंकार  नहीं किया जा    सकता  |  जिसके पास पैसा  है  वो उस पैसे को बचाने  की  वजह से जान जोखिम  में  डाले हुए है  |  जिसके पास नहीं है वह अपनी भूख मिटाने के लिए  अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़  करने के लिए उलटे सीधे तरीके  अपनाने से भी नहीं चूकते है |   ना जाने  कितने लोग उस  बेचारे के दुश्मन बने हुए है  |पैसा मनुष्य का दुश्मन या मनुष्य पैसे का दुश्मन

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 बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया की सोच  इंसानियत, ईमानदारी, सच्चाई ,अहिंसा तक पर भारी पड़ी हुई है


 पैसा  नहीं होने और पैसा होने  दोनों ही वजह से इंसान अपने आप का भी दुश्मन बना हुआ है |    क्योँकि  दोनों ही वजह से  तनाव लेकर वह  अपने स्वास्थ को बिगाड़  रहा  है |  इस पैसे की ही देन  है की आदमी अपने दुःख से इतना दुखी  नहीं है जितना  दूसरों  को सुखी देख कर  |   पैसा कमाने की अंधी दौड़ में  लोग अपने  बिजनेस  में प्रतिस्पर्धा  से जूझ रहे होते है |  ना जाने कितने लोग इस प्रतिस्पर्धा के   चलते एक दूसरे के दुश्मन बन जाते है |  पैसा  ही किसी की सही बात को गलत साबित  करवा  सकता सही को गलत  बाप बड़ा ना  भैया  सबसे बड़ा रुपैया की सोच  इंसानियत, ईमानदारी, सच्चाई , अहिंसा  तक  पर भारी पड़ी हुई है | जिसका फायदा मुठ्ठी भर लोगों  को मिल पाता  बाकी तो पैसा होने और ना  होने के जुर्म में या तो अदालतों  के  चक्कर काटते काटते अपनी जिंदगी गुजार देते है | या अपने जीवन की खुशियों  को दांव पर लगा कर  जीवन भर दुश्मनियाँ  मोल लेते रहते है | जरा सोच कर देखें  कितने लोग हैं जो पैसा होने के बावजूद अपने जीवन को सुख शांति और सुकून से जी पाते है |  रातों  की नींद और दिन का चेन खोकर पैसा तो कमा लेते है लेकिन उस पैसे के बिस्तर पर चेन की नींद कभी नहीं सो सकते | सोच कर देखें पैसा मनुष्य का दुश्मन या मनुष्य पैसे का दुश्मन |

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 हाथ पैर  मारने से तो इंसान तैरना भी सिख जाता है


  चेन  सुकून की नींद तो पैसा कमाने के बाद वो इंसान सो सकता है  जो उस पैसे का सदुपयोग  करना जनता है जिसके दिल में पैसे   वाला होने के बावजूद इंसानियत ज़िंदा है  जो अपने परिवार के साथ साथ अपने पड़ोसियों के बारे में भी सोचता है | जो समजवाद का सिर्फ नारा ही नहीं देता बल्कि सामाजिक  भी है |  अमीरो के साथ साथ गरीबों  को भी अपनी जिम्मेदारी  से  अवगत कराना चाहूंगा |  पैसा भले ही उनके   पास ना हो लेकिन जिस व्यक्ति को भगवान ने इंसान के रूप में जन्म दिया है उसे हाथ पैर  देकर इस संसार में भेजा  है |  अरे हाथ पैर  मारने से तो इंसान तैरना भी सिख जाता है | तो  ईमानदारी और नेक नियति से हाथ पैर  मारकर तो देखो  जीवन जीने लायक तो इंसान कमा ही सकता  है | सोच कर देखें पैसा मनुष्य का दुश्मन या मनुष्य पैसे का दुश्मन | क्यों फिर आर्थिक स्थिति का रोना रो रोकर  अपने आप को गरीबी की लाइन में खड़ा किये हुए हो |  सबसे बड़ा गरीब तो वह  है जिसने पैसा कमाने के लिए अपने हजारों  दुश्मन पैदा  कर  लिए है  |  जिसे रात  दिन कभी इन्कम टेक्स वालों  का डर  रहता है तो  कभी असामाजिक तत्वों का जिनके पास उसकी काली करतूतों के प्रमाण है |  में पैसा कमाने  या अमीर  बनने के खिलाफ भी  नहीं हूँ  |  परन्तु हमे इतना तो   ध्यान रखना  ही चाहिए कि  पैसा बहुत कुछ हो सकता है परन्तु सब कुछ नहीं |

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यदि आपको भी लगता है आधुनिक समय में दुश्मनी का सबसे बड़ा कारण पैसा ही है तो हमे कमेंट अवश्य करें यदि आप हमारी बात से असहमत है तो भी कमेंट करके कारण बताये  | 



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