life changing idea मन को खुश रखें
life changing idea मन को खुश रखें
नमस्कार दोस्तों,
क्या आप भी मानते हैआज का युग भौतिक सुख - सुविधाओं का युग बन चुका है बिना भौतिक सुख - सुविधा के इंसान दर्द से कराह उठता है | क्या आज परिवारों में, रिश्ते - नातो, में अधिकतर विवादो की जड़ भौतिक सुख -सुविधाओं का यूज और मिसयूज है ? क्या आज लोगो में पैसा कमाने को लेकर जो द्वन्द है उसकी मुख्य वजह भौतिक सुख -सुविधाओं की लालसा है ? क्या आवश्यकता पड़ने पर बिना सुख - सुविधाओं के भी जीवन जीने की आदत नहीं डालनी चाहिए ? यदि आप ऐसा महसूस करते है तो यह लेख अवश्य पढ़े |
बड़े - बड़े महलों में भी इंसान खुश तब ही रह सकता है जब वह मन से खुश होगा, स्वाभाव से खुश होगा वरना खुश रहने के लिए तो एक झोपडी ही काफी है| जो लोग मन से खुश होते हैं वो लोग ख़ुशी से जीवन यापन कर सकते हैं लेकिन जो लोग मन से खुश नहीं रहते वो महलों में रहकर, सुख -सुविधाएं पाकर भी अपने आप को दुखी करते रहते हैं | दूसरों को दुखी करते रहते हैं | life changing idea मन को खुश रखें | खुद भी खुश रहे दूसरों को भी खुश रखने का प्रयास करें |
निष्कर्ष यह है कि खुश रहने के लिए भौतिक सुख -सुविधाएं इतनी जरूरी नहीं है बल्कि मन को खुश रखना जरूरी है | मन यदि खुश नहीं है तो भौतिक सुख- सुविधाओं का आनंद भी नहीं लिया जा सकता है| इसलिए अपने और अपनों के मन को खुश रखने का ज्यादा से ज्यादा प्रयास करें |
दैनिक जीवन में ना जाने कितने खुश रहने के मौके हमारे सामने आते है | परन्तु अधिकतर लोग इनका आनंद लेने के बजाय भौतिक सुख - सुविधाओं की चाहत में दैनिक जीवन के आनंद से अपने आप को वंचित कर लेते है | यदि वास्तव में लाइफ चेंज करना चाहते है तो छोटी-छोटी खुशियों का आनंद लेना सीखें | life changing idea मन को खुश रखें |
आधुनिक युग भौतिक सुख - सुविधाओं का युग बन चुका है | बिना भौतिक सुख - सुविधाओं के जीवन रुक सा जाता है | जहां कुछ लोग सुख -सुविधाएं पाकर भी खुश नहीं रहते वहीं कुछ लोग सुख - सुविधाओं के बिना खुश नहीं रह पाते| दोनों तरह के लोग बेवजह मन को दुखी रख कर रिश्ते - नातो को प्रभावित करते है, घर परिवार को प्रभावित करते है |
नमस्कार दोस्तों,
क्या आप भी मानते हैआज का युग भौतिक सुख - सुविधाओं का युग बन चुका है बिना भौतिक सुख - सुविधा के इंसान दर्द से कराह उठता है | क्या आज परिवारों में, रिश्ते - नातो, में अधिकतर विवादो की जड़ भौतिक सुख -सुविधाओं का यूज और मिसयूज है ? क्या आज लोगो में पैसा कमाने को लेकर जो द्वन्द है उसकी मुख्य वजह भौतिक सुख -सुविधाओं की लालसा है ? क्या आवश्यकता पड़ने पर बिना सुख - सुविधाओं के भी जीवन जीने की आदत नहीं डालनी चाहिए ? यदि आप ऐसा महसूस करते है तो यह लेख अवश्य पढ़े |
बड़े - बड़े महलों में भी इंसान खुश तब ही रह सकता है जब वह मन से खुश होगा, स्वाभाव से खुश होगा वरना खुश रहने के लिए तो एक झोपडी ही काफी है| जो लोग मन से खुश होते हैं वो लोग ख़ुशी से जीवन यापन कर सकते हैं लेकिन जो लोग मन से खुश नहीं रहते वो महलों में रहकर, सुख -सुविधाएं पाकर भी अपने आप को दुखी करते रहते हैं | दूसरों को दुखी करते रहते हैं | life changing idea मन को खुश रखें | खुद भी खुश रहे दूसरों को भी खुश रखने का प्रयास करें |
निष्कर्ष यह है कि खुश रहने के लिए भौतिक सुख -सुविधाएं इतनी जरूरी नहीं है बल्कि मन को खुश रखना जरूरी है | मन यदि खुश नहीं है तो भौतिक सुख- सुविधाओं का आनंद भी नहीं लिया जा सकता है| इसलिए अपने और अपनों के मन को खुश रखने का ज्यादा से ज्यादा प्रयास करें |
दैनिक जीवन में ना जाने कितने खुश रहने के मौके हमारे सामने आते है | परन्तु अधिकतर लोग इनका आनंद लेने के बजाय भौतिक सुख - सुविधाओं की चाहत में दैनिक जीवन के आनंद से अपने आप को वंचित कर लेते है | यदि वास्तव में लाइफ चेंज करना चाहते है तो छोटी-छोटी खुशियों का आनंद लेना सीखें | life changing idea मन को खुश रखें |
आधुनिक युग भौतिक सुख - सुविधाओं का युग बन चुका है | बिना भौतिक सुख - सुविधाओं के जीवन रुक सा जाता है | जहां कुछ लोग सुख -सुविधाएं पाकर भी खुश नहीं रहते वहीं कुछ लोग सुख - सुविधाओं के बिना खुश नहीं रह पाते| दोनों तरह के लोग बेवजह मन को दुखी रख कर रिश्ते - नातो को प्रभावित करते है, घर परिवार को प्रभावित करते है |
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सुख - सुविधाएं, गाडी -घोड़े ,अच्छा मकान किसे पसंद नहीं लेकिन इनका आनंद लेने के लिए मन का खुश होना बहुत ही ज़रूरी है| मन के खुश हुए बिना इनका आनन्द भी नहीं लिया जा सकता | जो लोग बैलगाड़ी के ज़माने में बैलगाड़ी से यात्रा करके भी खुश दिखाई देते थे मेरा दावा है आज वो वायुयान से यात्रा करके भी भले ही दुखी नहीं है परन्तु इतने खुश भी नहीं ै जितना होना चाहिए |
आज हम भौतिक सुख - सुविधाओं के अधीन हो चुके हैं और इन्ही भौतिक सुख -सुविधाओं को पाने के लिए हम अपने मन को, अपने आप को दुखी करने के लिए भी तैयार है | परन्तु यह नहीं समझ पाते है कि मन को दुखी रख कर कभी भी कितनी भी सुविधा मिलने पर भी जीवन का आनंद नहीं लिया जा सकता |
आज हम भौतिक सुख - सुविधाओं के अधीन हो चुके हैं और इन्ही भौतिक सुख -सुविधाओं को पाने के लिए हम अपने मन को, अपने आप को दुखी करने के लिए भी तैयार है | परन्तु यह नहीं समझ पाते है कि मन को दुखी रख कर कभी भी कितनी भी सुविधा मिलने पर भी जीवन का आनंद नहीं लिया जा सकता |
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यहाँ तक की इनकी चाहत में किसी को भी दुखी करने के लिए तैयार हो जाते हैं| किसी से भी मतभेद करने को तैयार हो जाते हैं | किसी के साथ भी लड़ाई - झगड़ों पर आमादा हो जाते हैं| माना कि इस आधुनिक युग में भौतिक सुख - सुविधाओं के बिना भी काम नहीं चल सकता परन्तु ज़रूरत से ज्यादा इन पर निर्भरता किसी को भी आलसी, बहानेबाज और नकारा बना सकती है| इसलिए भौतिक सुख -सुविधओं के बिना भी अपने जीवन को जीना सीखे | life changing idea मन को खुश रखें |
इंसान का वक्त एक जैसा नहीं रहता| कब किसका अच्छा समय बुरे समय में पलट जाये कुछ कहा नहीं जा सकता इसलिए सुख सुविधाएं मिले न मिले अच्छे समय में भी बिना सुख सुविधाओं के जीवन यापन की आदत डालनी चाहिए ताकि बुरे वक्त में इनकी कमी महसूस न हो | अपने जीवन को दांव पर लगा कर इन्हे पाने की कोशिश नहीं करें |
आज हमे कृत्रिम सुख सुविधाएं बहुत अच्छी लग सकती है और हमारे जीवन को आसान भी बना सकती है| परन्तु दीर्घ काल में इनके बहुत बुरे प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर देखे जा सकते है | जिसका आभास हमे आज नहीं हो सकता परन्तु इसका अंदाजा हम उन लोगो के स्वास्थ्य को देखकर लगा सकते है जो बुजुर्ग है, लम्बे समय से बीमार हैं और अपने जीवन को खुश रह कर जीने के बजाय चिड़चिड़ाहट, कुंठा, नफरत, द्वेषता से जी कर मन को बीमार कर रहे है| जिसका ईलाज डॉक्टर्स के पास भी नहीं होता है | इसलिए मन को कभी बीमार नहीं होने दें life changing idea मन को खुश रखें |
आज नई- नई बीमारियों के इलाज तक नहीं मिल पाते है | बीमारियों पर पैसा जरूरत से ज्यादा खर्च हो रहा है | पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रहकर तथा भौतिक सुख -सुविधाओं के कम से कम आदि बन कर हम जीवन को खुशहाल और सरल बना सकते है| यह जीवन की सफलता का मंत्र है ,यही परिवार की सफलता का मंत्र है, यही है life changing idea मन को खुश रखें |
इंसान का वक्त एक जैसा नहीं रहता| कब किसका अच्छा समय बुरे समय में पलट जाये कुछ कहा नहीं जा सकता इसलिए सुख सुविधाएं मिले न मिले अच्छे समय में भी बिना सुख सुविधाओं के जीवन यापन की आदत डालनी चाहिए ताकि बुरे वक्त में इनकी कमी महसूस न हो | अपने जीवन को दांव पर लगा कर इन्हे पाने की कोशिश नहीं करें |
आज हमे कृत्रिम सुख सुविधाएं बहुत अच्छी लग सकती है और हमारे जीवन को आसान भी बना सकती है| परन्तु दीर्घ काल में इनके बहुत बुरे प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर देखे जा सकते है | जिसका आभास हमे आज नहीं हो सकता परन्तु इसका अंदाजा हम उन लोगो के स्वास्थ्य को देखकर लगा सकते है जो बुजुर्ग है, लम्बे समय से बीमार हैं और अपने जीवन को खुश रह कर जीने के बजाय चिड़चिड़ाहट, कुंठा, नफरत, द्वेषता से जी कर मन को बीमार कर रहे है| जिसका ईलाज डॉक्टर्स के पास भी नहीं होता है | इसलिए मन को कभी बीमार नहीं होने दें life changing idea मन को खुश रखें |
आज नई- नई बीमारियों के इलाज तक नहीं मिल पाते है | बीमारियों पर पैसा जरूरत से ज्यादा खर्च हो रहा है | पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रहकर तथा भौतिक सुख -सुविधाओं के कम से कम आदि बन कर हम जीवन को खुशहाल और सरल बना सकते है| यह जीवन की सफलता का मंत्र है ,यही परिवार की सफलता का मंत्र है, यही है life changing idea मन को खुश रखें |
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