motivational article | life mantra | समस्या है तो समाधान भी है | SMASYA HAI TO SMADHAN BHI HAI | |

                 motivational artical  | life mantra  |

              समस्या है तो समाधान भी है | smasya hai to smadhan bhi hai 


आज के इस आधुनिकरण से ज़िंदगियाँ जहाँ रंगीन बन रही है वही रंगहीन  भी हो रही  है |  कुछ पल, कुछ समय ,कुछ दिनों के  लिए ज़िंदगी रंगीन लगने लगती है लेकिन कुछ ही पलों, कुछ ही समय, कुछ ही दिनों में वही रंगीनियां फीकी पड  कर रंगहीन हो जाती है |  ज़िंदगी के  उतरने और चढ़ने का आभास यह  तेज भागती , दौड़ती, इठलाती ,बलखाती ज़िंदगी हमे करा ही देती है |

 वजह है कि  इस आधुनिक युग में सही गलत का अंदाज लगा पाना बड़ा मुश्किल सा लगने लगा है |  अच्छे बुरे की पहचान करने में असमंजस हो गया है |  एक पल के लिए कुछ अच्छा लगने लगता है  अगले ही पल वही बुरा लगने लग जाता है , गलत लगने लग जाता है |

 वास्तव में रफ़्तार तेज करने के चक्कर में हम आगे - पीछे तथा आस - पास देखना भूल जाते हैं | यही वजह है की युवाओँ  और बुजुर्गो में अक्सर टकराव पैदा हो जाता है |
 परन्तु  आने वाली  समस्याओं  के समाधान निकलना ही life  style  है| समस्याएं और समाधान हमेशा साथ ही रहते  है  यह ही  life  mantra है  |  समस्या है तो समाधान भी है | फर्क सिर्फ सोच का है  |

 smsya hai to smadhan bhi hai      समस्या है तो समाधान भी है


आधुनिक जीवन ने जहां हमे समस्याओं  के समाधान दिए है वहीं  आधुनिक सोच ने कहीं  ना  कहीं  समस्याओं  को भी उपजने का मौका दिया है | समस्याएं प्राचीन जीवन में भी थी और आधुनिक जीवन  में भी है |  प्राचीन सोच की वजह से भी कई समस्याएं आज भी हमारे जीवन का हिस्सा बनी हुई है|  यही स्थिति आधुनिक जीवन की भी है |जीवन चाहे प्राचीन हो या आधुनिक,कुछ ना  कुछ परेशानी दोनों तरह के जीवन जीने में महसूस की जाती है |या यूँ कहा जाए कि कुछ बाते प्राचीन काल  की सही थी  तो कुछ बाते आधुनिक समय की  तो कोई अतिश्योक्ति  नहीं होगी | या यह भी कहा  जा सकता है कि  कुछ गलतियाँ  जो प्राचीन काल  में सामने आई, उन्हें हमने आधुनिक युग में सुधार  कर प्राचीन काल  को आधुनिक काल बना दिया | जब हम प्राचीन काल की गलतियों  में सुधार   कर  सकते है तो आधुनिक युग की गलतियों को भी सुधारा जा सकता है | निष्कर्ष यह है की भूतकाल कि  गलतियों को वर्तमान में सुधार  कर तथा बीते हुए कल से वर्तमान में  कुछ सीख लेकर हम भविष्य को बेहतर बना सकते है | वरना  आधुनिक और प्राचीन जीवन बुजुर्गों और युवाओं  के बीच  बहस का विषय बना रहेगा | आने वाली  समस्याओं  के समाधान निकलना ही life  style  है|  समस्याएं और समाधान हमेशा साथ ही रहते  है यह ही  life  mantra है   समस्या है तो समाधान भी है | फर्क सिर्फ सोच का है  |

   

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 सब कुछ इतना तेजी से चल रहा है कि  आगे निकलने के बाद उसी  तेजी से हम पीछे नहीं आ पा रहे हैं |  क्योंकि पीछे की भीड़ ने पीछे मुड़ने के रास्ते  को ब्लॉक कर  दिया है | इसलिए चाहकर भी हम मुड  नहीं पा रहे  हैं |

दूसरी एक बात  और इस तेज रफ़्तार ज़िंदगी ने हमे सही को गलत साबित करना सिखाया है |  सही  को गलत साबित करना बड़ा आसान है लेकिन इस आधुनिक युग में  गलत  को गलत  साबित करने के लिए सबूत जुटा  पाना बड़ा मुश्किल है  |

  यही वजह है कि  प्रकृति की सही चीज़ों का दुरूपयोग हम बड़ी सरलता और आसानी से कर रहे हैं  | सही कानूनों का गलत तरीके से उपयोग कर हम अपने आप को तो धोखे में रख ही रहे हैं दूसरो के लिए भी  असमंजस पैदा कर रहे हैं  | अपने थोड़े से लाभ और स्वार्थ के लिए हम  दूसरों की रंगीन ज़िंदगी को रंगहीन बना देते हैं और दूसरे हमारी जिंदगी  को | 

 कब हम किसी को मुसीबत में डाल दें कोई हमे कब परेशानी में डाल दे किसी भी बात का अंदाजा   नहीं लगाया जा सकता |परन्तु फिर भी  आने वाली  समस्याओं  के समाधान निकलना ही life  style  है|  समस्याएं और समाधान हमेशा साथ ही रहते  है  यह ही  life  mantra है| समस्या है तो समाधान भी है | फर्क सिर्फ सोच का है  |

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  जागरूक भी यदि हम हो  रहे हैं तो सही को गलत साबित करने के लिए हो रहे  हैं|   गलत को सही करने के लिए नहीं |  गिरगिट की तरह रंग बदलने का चलन इस आधुनिक और नयी दुनिया का रिवाज बनता जा  रहा  है| 

 सच बोलने ,सच का साथ देने, स्पष्ट बोलने, गलती बताने में लोग डरने लगे  है|   संशय इतना बढ़ गया है कि  किसकी बात माने किसकी नहीं, किसको सही कहे किसको नहीं, परिवार की माने या बाहर वालों की, अपने अनुसार ज़िंदगी जीए तो मुश्किल दूसरों  के अनुसार जीए तो मुश्किल|  अपने  लिए जिए  तो स्वार्थी  नज़र आते हैं,   दूसरों के लिए जीए तो दूसरे अपना स्वार्थ  पूरा करते हैं |


 आधुनिक जीवन जिए या प्राचीन, पुरानी  पीढ़ी को सही बताये या आज की युवा पीढ़ी को मतभेद हर बात में है | परन्तु  समस्याओं  के समाधान निकलना ही life  style  है | समस्याएं और समाधान हमेशा साथ ही रहते  है यह ही  life  mantra है  | समस्या है तो समाधान भी है | 

खान पान, पहनावा, रीती-रिवाज  ,धर्म समाज, राजनीति सब कुछ तो मतभेदों में उलझे हुए है| उलझे भी बालों  के गुच्छे की तरह है|  क्या आप इस असमंजस को महसूस नहीं कर रहे है ? यदि कर रहे है तो इसका उपाय  भी करे|

 सोच  सकारात्मक बनाये रखें दूसरो में बदलाव लाने  के बजाए अपने आप को बदले|  अहिंसा, प्रेम, प्यार और भाईचारे  की बात  करें, एक दूसरे की जान लेने के बजाए एक दूसरे की जान बचाने का ईमानदाराना प्रयास करे आधुनिक और प्राचीन सोच में तालमेल बनाने  का हर सम्भव प्रयास करे |

जीवन केअसमंजस का सबसे आसान और सरल उपाय यही है |  आने वाली  समस्याओं  के समाधान निकलना ही life  style  है|  समस्याएं और समाधान हमेशा साथ ही रहते  है यह ही  life  mantra है  | समस्या है तो समाधान भी है | फर्क सिर्फ सोच का है  |


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