jitendra special | 1983 hit movies |1984 film fare award | जितेंद्र हिट फिल्मे नहीं मिला अवार्ड




 jitendra special 

 1984 film fare award 

 जितेंद्र हिट फिल्मे

 नहीं मिला अवार्ड 

 

jitendra  first  movie  debut  movie 


जितेंद्र ने अपने फ़िल्मी   करियर की  शुरुवात बॉडी डबल  के  रूप में  की थी बॉडी डबल क्या होता है किस फिल्म से और कैसे की  जितेंद्र ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुवात यदि जानना चाहते  तो दिए गए लिंक पर क्लिक करें

jitendra special   1984 film fare award

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 आज  इस वीडियो में हम बताने जा रहे है  जितेंद्र ने बाड़ी डबल रोल के बाद अपने आप को   फर्ज, कारवां,  हमजोली, मेरे हुजूर ,जिगरी दोस्त, मेरे हम सफर जैसी म्यूजिकल हिट फिल्मे देकर अपनी डांस स्टाइल से जंपिंग जैक का  ख़िताब तो पा  लिया लेकिन  जम्पिंग जैक  से अपनी पहचान बनाने के  बाद भी कोई अवार्ड अपनी झोली में नहीं डाल पाए |

  परिचय, परिवार ,खुशबु,  धरती कहे पुकार के में गंभीर और शानदार अभिनय के बाद  भी अवार्ड पाने से वंचित रहे |   पति  पत्नी के रिश्तो  पर बनी फिल्मे अर्पण आशा अपनापन प्यासा सावन  का शानदार संदेश समाज को देने के बावजूद  जितेंद्र शानदार अभिनय लिए कभी  अवार्ड  नहीं  पा सके | मेरी आवाज सुनो जैसी एक्शन फिल्म  में शानदार अभिनय के बावजूद जितेंद्र अवार्ड नहीं पा सके | 


1983   film  fare  award 


साल 1983  में एक बार फिर उछल कूद कर जंपिंग जैक बन हिम्मत वाला ,तोहफा ,मकसद, जस्टिस चौधरी को कमाई के मामले में  सफलता दिला कर बॉक्स ऑफिस पर झंडा गाड़ दिया परन्तु आवर्ड के मामले  में पता नहीं क्यों भगवान जितेंद्र पर  मेहरबान हो सका जबकि 1983  में नसीरुद्दीन शाह  पति  पत्नी  के रिश्तो पर बनी अपनी पहली ही फिल्म मासूम  में शानदार अभिनय के लिए बेस्ट एक्टर  का फिल्म फेयर  अवार्ड जीत गए जो   जितेंद्र अपना बना लो , जुदाई ,बिदाई, प्यासा सावन , अर्पण ,अपनापन जैसी फिल्मो के लिए  कभी नहीं पा सके | 

इस बात  में कोई शक नहीं की फिल्म मासूम में नसीरुद्दीन शाह ने  अपने अभिनय में जी जान लगा दी और फिल्म मासूम के लिए उन्हें यह अवार्ड मिलना भी चाहिए था परन्तु  ऐसे ही अभिनय के लिए जितेंद्र को यह अवार्ड नहीं मिलना उनके प्रशंषको को जरूर खलता होगा 
 

1983  hit movies 


 फिल्म मासूम  से जुडी  कुछ रोचक जानकारी और  फिल्म फेयर अवार्ड 1984  लेकिन इससे पहले बात कर  लेते है साल 1983  रिलीज हुई प्रमुख हिट फिल्मो और कलाकारों के शानदार अभिनय के बारे में 

साल 1983  में धर्मेंद्र के  बेटे सनी देओल ने फिल्म बेताब से डेब्यू किया था फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट रही थी |  कमाई के मामले में 1983  में दूसरे no  पर रही थी  | वहीं  जैकी श्रॉफ  ने भी फिल्म हीरो से  डेब्यू किया था |  फिल्म  हीरो को एक्शन लव स्टोरी  शानदार म्यूजिक  और सुभाष घई  के शानदार डायरेक्शन के लिए जाना जाता है | इसके आलावा  धर्मेंद्र  की  जानी  दोस्त ,नौकर बीबी का इसी  साल  रिलीज हुई  थी |

  अमिताभ बच्चन की फिल्म  कुली ,अँधा कानून ,नास्तिक बॉक्स ऑफिस पर सफल रही जबकि   पुकार , महान  जैसी फिल्मे फ्लॉप रही अँधा क़ानून में   अमिताभ बच्चन के  शानदार अभिनय की तारीफ हुई जबकि फिल्म कुली साल 1983  की ब्लॉक बस्टर फिल्म रही  कारण था  फिल्म कुली  में अमिताब बच्चन के साथ हुई दुर्घटना 
फिल्म कुली  दुर्घटना अमिताभ बच्चन के फेन्स के लिए बड़ी दुखद घटना थी इस घटना में फेन्स की दुआओं  ने अमिताभ को नई जिंदगी दी इस साल अँधा क़ानून  अमिताभ का अभिनय तारीफे काबिल लगा  

jitendra special   1984 film fare award

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साल 1983  में राजेश खन्ना  अभिनय के मामले में पीछे नहीं रहे इस साल राजेश खन्ना की सौतन  ,अवतार,  अगर तुम ना होते  सुपर हिट रही जबकि निशान और जानवर फ्लॉप रही  हालांकि  कमाई के मामले में टॉप 10  मूवीज में राजेश   खन्ना  की कोई फिल्म  शामिल नहीं हो सकी  परन्तु   अवतार और सौतन में किये   गए अभिनय  को राजेश खन्ना के फैन्स  भूल  नहीं सकते | 
 

इसी वर्ष रिलीज हुई  जीतेन्द्र की  हिम्मतवाला ,मवाली ,जस्टिस चौधरी |  फिल्मे बॉक्स ऑफिस पर सफल रही इन फिल्मो में एक बार फिर जितेंद्र अपनी जंपिंग जैक की छवि में नजर आये  इन सभी  फिल्मो में  जितेंद्र श्री देवी जयाप्रदा के डांसिंग  स्टाइल  को दर्शको ने   काफी पसंद किया इसलिए फिल्मे म्यूजिकल हिट रही  जीतेन्द्र के करियर के लिए फिल्म हिम्मतवाला  ने ऑक्सीजन का काम किया क्यों की 1982  में रिलीज हुई जितेंद्र के होम प्रोडक्शन की फिल्म दीदारे यार ने जितेंद्र को कर्जे में डुबो दिया था  जबरदस्त फ्लॉप रही थी 

कुली की जबरदस्त सफलता और अँधा कानून में अमिताभ का शानदार अभिनय , राजेश खन्ना का फिल्म  अवतार ,जैकी श्रॉफ और सनी देओल के डेब्यू फिल्मो  और फिल्म मासूम में नसीरुद्दीन शाह का शनदार  अभिनय भी  जितेंद्र की   फिल्मो  को साल 1983  में  सफल  होने  से नहीं रोक  सका  जिसका कारण    था जितेंद्र के फेन्स  जिन्होंने जितेंद्र की हर तरह की भूमिका को पसंद किया चाहे  जंपिंग जैक के रूप में या पति  पत्नी  के रिश्तों  पर बनी परिवारिक फिल्मों  में या किनारा, खुशबु , परिवार, परिचय  की गंभीर भूमिकाओं में 

film fare award  1984 best actor award


  फिल्म मासूम को डायरेक्ट  किया  था  शेखर कपूर साहब ने मासूम  से शेखर कपूर ने निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा था फिल्म मासूम शेखर कपूर के निर्देशन में बनने वाली पहली फिल्म थी  |  
 फिल्म का गीत संगीत शानदार  है | फिल्म की कहानी  बहुत कुछ जितेंद्र की पारिवारिक पति  पत्नी के रिश्तो पर बनी फिल्मों  से कुछ हद तक मैच खाती  है |    जिनके लिए जितेंद्र को कभी अवार्ड नहीं मिल सका |  जबकि नसीरुद्दीन शाह  को उनके शानदार अभिनय के लिए  फिल्म मासूम के लिए बेस्ट एक्टर  का फिल्म फेयर अवार्ड मिला  है  | 
jitendra special   1984 film fare award

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एक और खास बात  नसिरुद्द्दी शाह को  साल 1978  में फिल्म   जूनून के लिए 1980  में  आक्रोश 1981  में चक्र 1982  में बाज़ार और 1983  में फिल्म मासूम के लिए  बेस्ट एक्टर  फिल्म  फेयर अवार्ड  के लिए लगातार 5 बार नॉमिनेट किया गया था जबकि 1978  में जूनून और 1982  में बाजार  के आलावा 1980 आक्रोश  81 चक्र  और 83 में मासूम फिल्म के अभिनय के लिए   नसीरुद्दीन शाह को फिल्म फेयर बेस्ट एक्टर  अवार्ड  से नवाजा गया  |

  हालंकि  आक्रोश ,चक्र,  मासूम  में नसीरुद्दीन शाह का अभिनय तारीफे काबिल था परन्तु  जितेंद्र ने हिम्मतवाला में अपने फेन्स को शानदार गीत संगीत और नृत्य  के जरिये बांधे  रखा निराश नहीं होने दिया  हर कलाकार अपनी  अपनी प्रतिभा का धनी होता है  पति पत्नी के रिश्तों  पर  बनी  फिल्म मासूम के मुकाबले जितेंद्र  की प्यासा सावन , अर्पण , अपना बना लो , अपनापन  ,जुदाई, बिदाई कई  फिल्मे है जिनके लिए उन्हें कभी अवार्ड नहीं मिल सका   | 
विषय  है की नसीरुद्दीन शाह को अवार्ड क्यों मिला या जितेंद्र को अवार्ड क्यों नहीं मिला 
 

दोस्तों इस लेख  के माध्यम से हमारा उद्देश्य किसी भी कलाकार अभिनेता की आलोचना करना नहीं है बल्कि जीवन में बदलाव सिनेमा से लाओ का  संदेश देते हुए हमारे सम्मानीय पाठको  से  निवेदन है की हर कलाकार की कला  को परखे और उनके प्रति मान सम्मान बनाये रखें  क्योंकि  अभिनय करना  आसान भी नहीं होता कलाकारों को इसके लिए बहुत मेहनत और समर्पण करना पड़ता है | जितेंद्र ने अपनी कला के जरिये अलग अलग अंदाज में  दर्शकों  का दिल जीतना  जितेंद्र सर के लिए सबसे बड़ा सम्माननीय अवार्ड है | 


 



masoom movie 1983


फिल्म मासूम एक्स्ट्रा मेरिटियल अफेयर्स पर आधारित  एक ऐसे  पति पत्नी शबाना आजमी और नसीरुद्दीन शाह की कहानी है जिनकी जिंदगी में उस वक्त तूफ़ान  आ जाता है जब  नसीइरुद्दीन शाह के अफेयर्स की वजह से पैदा हुए राहुल यानि जुगल हंस राज को  उसे अपने बच्चों   के साथ रखना पड़ता है | 

ऐसी ही  पति  पत्नी और वो के रिश्तो पर आधारित फिल्मो में  जितेंद्र ने रेखा , रीना रॉय सुलक्षणा पंडित  के साथ  अर्पण अपना पन  आशा में  अपने अभिनय की शानदार मिसाल पेश की है |

  फिल्म मासूम में नसीरुद्दीन शाह के आलावा शबाना आजमी  और सईद  जाफरी ने नसीरुद्दीन शाह के दोस्त की भूमिका में  शानदार अभिनय किया है  | राहुल की भूमिका में जुगल हंसराज के  अभिनय को भी सरहा गया है | 

फिल्म में  नसीरुद्दीन और शबाना आजमी  बेटियों पिंकी मल्होत्रा  और मिनी मल्होत्रा  ने   भी गजब का  अभिनय किया है  सौतेले भाई के प्रति उनका नजरिया जीवन में बदलाव सिनेमा से लाओ का संदेश देता है आपको बता दे फिल्म बाल कलाकार के रूप में समझदार दिखने वाली पिंकी मल्होत्रा बाद में  उर्मिला मार्तोंडकर के रूप में हिंदी सिनेमा की प्रसिद्द अभिनेत्री बनी | 

प्रसिद्द निर्माता निर्देशक और हास्य अभिनेता  सतीश कौशिक उन दिनों  हिंदी सिनेमा में एक स्ट्रगलर थे  सतीश कौशिक को  फिल्म मासूम में दुबले पतले  तिवारी  जी की  भूमिका में पहचानना भी मुश्किल है इसके बाद सतीश कौशिक ने हिंदी सिनेमा में  गोविंदा , कादर  खान, अनुपम खैर  के साथ कई  फिल्मों   कॉमेडियन कें   अलावा  डायरेक्शन का काम भी किया  | 

guljar movies and jitendra


  फिल्म मासूम की शानदार  कहानी के लिए गुलजार साहब की जितनी तारीफ की जाये कम है   गुलजार साहब ने  कहानी लिखी  गीत लिखे और  फिल्मो का निर्देशन  किया  जितेंद्र साहब ने गुलजार साहब केनिर्देशन में   पहली बार  1972  में फिल्म परिचय में काम किया उसके बाद 1975  में आई फिल्म खुशबू में हेमामालिनी के साथ अपने जबरदस्त अभिनय  की मिसाल पेश की | 

 इस फिल्म का निर्देशन भी गुलजार साहब द्वारा  किया गया था  | 1977  में गुलजार  साहब ने  जितेंद्र, हेमामालिनी और धर्मेंद्र को लेकर फिल्म  किनारा बनाई  जिसका निर्देशन और लेखन गुलजार साहब  ने ही किया था | गुलजार साहब के निर्देशन  में बनी   फिल्म  परिचय  का जिक्र  करते  हुए जितेंद्र ने खुद  बताया की गुलजार साहब ने किस तरह फिल्म परिचय के लिए उनके सामने के  बाल तक काट दिए थे लेकिन जितेंद्र ने  माना  की फिल्म परिचय में गुलजार साहब द्वारा दिया गया उनका गेटउप लोगो  को बहुत पसंद आया  | 


31  film fare  awards 1984


बात की जाये 1983 की  फिल्मों  के लिए  1984  में  आयोजित किये गए 31  वें  फिल्म फेयर समारोह के बारे में 

 फिल्म बेताब और मासूम को 8 -8  केटेगिरी   नॉमिनेट था फिल्म अर्थ  7 और अर्द्ध सत्य को 6  केटेगिरी  नॉमिनेट किया गया था   अर्ध सत्य को बेस्ट फिल्म का फिल्म फेयर अवार्ड दिया था 

 दिया गया था  आपको  जानकर ताज्जुब होगा की शबाना आज़मी को इस  साल 4  फिल्मो के फिल्म फेयर अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था जो किसी भी कलाकार दिए  जाने वाले फिल्म फेयर अवार्ड के लिए एक रिकॉर्ड था ये 4  फिल्मे थी  अर्थ ,अवतार, मंडी और मासूम |  शबाना आजमी को फिल्म अर्थ में किये गए शानदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया | 

jitendra special   1984 film fare award

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फिल्म हिम्मतवाला को  भले ही किसी भी केटेगिरी में अवार्ड नहीं मिला परन्तु  बेस्ट कॉमेडियन के रोल के लिए कादर  खान साहब को नॉमिनेट जरूर किया गया था  इस साल बेस्ट कॉमेडियन का पुरस्कार फिल्म रंग बिरंगी  उत्पल दत्त को दिया गया | 



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