bollywood best villain best comedian | कॉमेडियन जोड़ी जिसने जितेंद्र की फिल्मों में खूब हँसाया
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इस जोड़ी ने हिंदी सिनेमा के दर्शकों को खूब हंसाया
दोस्तों फिल्मों में जहाँ ट्रजेडी ,एक्शन ,सस्पैंस हॉरर का अपना महत्व होता है वहीं हास्य भी फिल्मों की सफलता का अच्छा माध्यम होता है आज हम आपके लिए लाये है जीतेन्द्र की फिल्मो के उन 5 टॉप कॉमेडियंस के बारे में और फिल्मो के बारे में विशेष जानकारी जिन्होंने जितेंद्र के साथ अपने हास्य का जलवा बिखेरा और दर्शकों की पसंद बनकर वाह वाही लूटी इस क्रम में no 1 पर नाम आता है कादर खान साहब का
कादर खान bollywood best comedian
वैसे तो कादर खान ने लेखक ,अभिनेता, निर्देशक के तोर पर हिंदी सिनेमा में अपना योगदान दिया लेकिन अभिनेता के तोर पर कादर खान ने विलेन ,कॉमेडियन और चरित्र अभिनेता के तोर पर भूमिकाये निभाकर अलग अलग किरदारों में दर्शकों की वाह वाही लूटी |
भले ही कादर खान ने अलग -अलग भूमिकाये निभाई परन्तु हास्य कलाकार के रूप में कादर खान पहली बार नजर आये जितेंद्र , श्री देवी की 1983 में आई सुपर हिट फिल्म हिम्मतवाला में | इस फिल्म में गोपालदास नारायणदास रूप में कादर खान की कॉमेडी को दर्शको ने इतना पसंद किया की जितेंद्र के साथ हिम्मतवाला के बाद कादर खान कई फिल्मो में कॉमेडी करते नजर आये |
और तो और विलेन और चरित्र अभिनेता के रूप में भी कादर खान लोगो को हंसाते हुए दिखे | विलेन के रूप में भी दर्शकों ने कादर खान की कॉमेडी को जबरदस्त पसंद किया | जितेंद्र के साथ कादर खान के हास्य अभिनेता बनने की कहानी भी रोचक है |
1981 में आई जितेंद्र की फिल्म मेरी आवाज सुनो के लिए कादर खान को बेस्ट डायलॉग लेखक का फिल्म फेयर अवार्ड मिला | इसके अलावा 1983 में आई फिल्म हिम्मत वाला के लिए कादर खान को फिल्म फेयर बेस्ट कॉमेडियन के लिए नॉमिनेट किया गया |
जितेंद्र की बहुत सी फिल्मो हिम्मतवाला , मेरी आवाज सुनो, सरफरोश ,मवाली ,तोहफा, जस्टिस चौधरी ,धर्माधिकारी , मकसद ,होशियार ,कामयाब जैसी फिल्मो में कादर खान ने अभिनय किया और कुछ फिल्मो के डायलॉग भी लिखे |
जितेंद्र की फिल्मों में काम करने से पहले कादर खान ने राजेश खन्ना की 1973 में आई फिल्म दाग में छोटे रोल से हिंदी सिनेमा डेब्यू किया | राजेश खन्ना की फिल्म रोटी के लिए कादर खान ने पहली बार डायलॉग लिखे | दिलीप कुमार ने पहली बार अपनी फिल्म सगीना में कादर खान को छोटी सी भूमिका दी |
1977 में अमिताभ बच्चन की फिल्म खून पसीना में कादर खान पहली बार किसी बड़ी भूमिका में नजर आये थे | कादर खान, अमिताभ बच्चन के बाद अकेले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा दोनों के साथ काम किया | इसके अलावा जिस तरह जितेंद्र साउथ इंडियन निर्माता ,निर्देशकों दासरी नारायण राव ,के बप्प्या ,टी रामा राव, राघवेंद्र राव की पहली पसंद थे उसी तरह कादर खान भी इन्ही साउथ इंडियन निर्माता निर्देशकों की पहली पसंद बन गए थे |
कादर खान क्यों बने विलेन से कॉमेडियन kadar khan interesting story
वैसे तो कादर खान का जीवन बहुत ही गरीबी में बिता | उनकी माँ ने उनसे कहा गरीबी मिटानी है तो पढ़ाई करो और कादर खान ने अपनी गरीबी के हालत से लड़ते हुए सिविल इंजीनियर बनने का सफर तय किया | बाद में उनके शोक ने उन्हें फ़िल्मी दुनिया में पहुंचा दिया और कहानी लिखते- लिखते कादर खान हिंदी सिनेमा के मशहूर विलेन बन गए |
लेकिन जब बेटे सरफराज को स्कूल के सहपाठियों ने विलेन का बेटा कह कर चिढ़ाया तो सरफराज उन से लड़ाई करके घर पहुंचा | इस घटना के बाद कादर खान ने फिल्मों में विलेन की भूमिका छोड़ कर कॉमिडी की तरफ रुख किया और कॉमेडियन के रूप में भी अपनी अदाकारी से दर्शको के दिलों में अमिट छाप छोड़ी |
जितेंद्र तथा अमिताभ बच्चन की फिल्मों के अलावा गोविंदा और अनिल कपूर की फिल्मों में भी कादर खान ने दर्शको खूब हंसाया | शक्ति कपूर के साथ कादर खान की जोड़ी को बहुत पसंद किया गया | 1990 में आई फिल्म बाप नम्बरी बेटा दस नम्बरी में शक्ति कपूर कादर खान ने जबरदस्त कॉमिडी की इस फिल्म लिए कादर खान को फिल्म फेयर बेस्ट कॉमेडियन अवार्ड प्रदान किया |
शक्ति कपूर bollywood best comedian villain
शक्ति कपूर ने हिंदी सिनेमा में विलेन की भूमिका एक कॉमेडियन के रूप में निभाई | जीतेन्द्र की फिल्म तोहफा में शक्ति कपूर द्वारा बोले गए आउ ललिता को लोग आज तक नहीं भूले है | इसके अलावा शक्ति कपूर ने जितेंद्र की कई फिल्मों में कॉमेडियन की भूमिका भी निभाई | जिनमे हिम्मतवाला , तोहफा , मवाली ,जस्टिस चौधरी , कामयाब ,मकसद, हैसियत शामिल है |
इसके अलावा 1981में आई फिल्म मेरी आवाज सुनो में शक्ति कपूर खतरनाक विलेन की भूमिका में नजर आये | शक्ति कपूर तथा कादर खान की जोड़ी जितेंद्र के साथ कई फिल्मों में दिखाई दी इस जोड़ी को दर्शकों की खूब प्रशंसा मिली | शक्ति कपूर कादर खान की जोड़ी ने ना सिर्फ जीतेंद्र की फिल्मों में काम किया बल्कि इस जोड़ी ने गोविंदा के साथ फिल्म आँखे ,राजा बाबू , कुली no 1, हीरो no 1 , साजन चले ससुराल जैसी फिल्मों में अपने जबरदस्त हास्य अंदाज से दर्शकों को हंसा हंसा कर लोटपोट कर दिया |
shakti kapoor early life
शक्ति कपूर की परवरिश दिल्ली के करोल बाग इलाके में हुई जहाँ उनके पिता की कपड़ो की दुकान थी उनके पिता टेलरिंग का काम भी किया करते थे शक्ति कपूर प्रसिद्ध अभिनेत्री श्रद्धा कपूर के पिता है और अभिनेत्री पद्मनी कोल्हापुरे के बहनोई है |
यूँ तो कादर खान शक्ति कपूर की इस जोड़ी ने 80 के दशक में दर्शकों को हंसाने में कसर नहीं छोड़ी परन्तु जितेंद्र की पारिवारिक फिल्में देखने वाले दर्शकों को उस वक्त निराशा हाथ लगी जब 80 के दशक में द्विअर्थी संवादों का दौर बॉलीवुड फिल्मों में शरू हुआ |
मराठी फिल्मों के जाने माने अभिनेता निर्देशक दादा कोंडके के द्विअर्थी फिल्मो और संवादों ने हिंदी सिनेमा में भी कॉमेडी के साथ इस तरह के संवादों का चलन शरू करने के लिए निर्माता निर्देशकों अभिनेताओं को प्रेरित किया जिनमे कादर खान ,शक्ति कपूर की इस जोड़ी को भी ऐसे कॉमेडी और संवादों के लिए जाना जाता है जिन्होंने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए जितेन्द्र की कुछ फिल्मों में द्विअर्थी संवादों का सहारा लिया ऐसी फिल्मो को जितेंद्र की पारिवारिक फिल्में देखने वाले दर्शकों ने कम पसंद किया |
एक बार जब शक्ति कपूर अपने माता पिता को 1987 में आई फिल्म इंसानियत के दुश्मन दिखाने ले गए तो उनकी माँ को शक्ति कपूर की विलेन की भूमिका बिलकुल पसंद नहीं आई और वो अधूरी फिल्म छोड़कर ही चली आई | उनके पिता भी उनके इस तरह के किरदार को देखकर बहुत नाराज हुए और उन्हें सलाह दी की कुछ अच्छे रोल किया करो |
शक्ति कपूर जब बॉम्बे आये थे तो उनके पास रहने के लिए घर नहीं था | वो सुनील दत्त साहब के प्रोडक्शन हॉउस अजंता में काम किया करते थे | 1981 में आई संजय दत्त की पहली फिल्म रॉकी में उन्हें विलेन की भूमिका मिली थी तब शक्ति कपूर का नाम सुनील सिकंदर लाल कपूर था | लेकिन सुनील दत्त को उनका यह नाम पसंद नहीं आया उन्होंने सुनील सिकंदर लाल को बदल कर शक्ति कपूर रख दिया | तभी से शक्ति कपूर को इसी नाम से जाना जाता है
| शक्ति कपूर कार रेस के बहुत शौकीन थे और कर रेस में बहुत पैसा बर्बाद किया करते थे जितेंद्र ने शक्ति कपूर को कार रेस पर पैसा बर्बाद ना करने सलाह दी और शक्ति कपूर को पहली बार प्लेट लिया था तब जितेंद्र ने ही उन्हें सलाह दी थी | उसके बाद शक्ति कपूर ने इस अपार्टमेंट के तीनो फ्लेट खरीद लिए |
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