परेशानियों के समाधान
जीवन की परेशानियां
जीवन में पग-पग पर परेशानी का सामना करना पड़ता है। हम सोचते हैं, समस्या परेशानी सिर्फ हमारे सामने ही है बाकी दुनिया सुख चैन से सो रही है।लेकिन ऐसा नहीं है, समस्या हर व्यक्ति के सामने खड़ी है। किसी के सामने आर्थिक समस्या है, किसी के सामने मानसिक समस्या है, किसी के सामने शारीरिक और किसी-किसी के सामने तो तीनों ही है कोई बेटे की समस्या से चिंतित है, कोई बेटी की पति ने पत्नी को टेंशन दे रखी है तो कहीं पत्नी ने पति को किसी घर में सास बहू की नहीं सुनती है तो किसी घर में बहु सास की नहीं बनती है कहीं दहेज देने की समस्या है, कहीं दहेज ना देने की, कोई पड़ोसी से परेशान है, कोई पड़ोसन से, कोई उधार मांगने वालों से परेशान है, तो कोई उधार लेने से, कोई रोज के रोने से परेशान है, तो कोई किसी के हंसने से दुखी है, किसी को मरने की फुर्सत नहीं है, किसी को जीने की, कोई काम ना मिलने से परेशानी में है, कोई काम मिलने से, किसी को देश की चिंता है, किसी को विदेश की, कोई अपने दुख से उतना दुखी नहीं है जितना दूसरों के सुख से, कोई अमीरी से दुखी है, कोई गरीबी से, किसी के सामने टाइम होने की परेशानी, किसी के सामने टाइम ना होने की परेशानी, कोई अपनी परेशानी में उलझा है, कोई गैरों की, कोई जानबूझ कर आफत मोल ले रहा है, कोई अनजाने में |
समस्याएं एेसी चीज है जिसे कई बार तो हम खुद उंगली पकड़कर चलना सिखाते हैं और कई बार हम इसे अपना पिंड छुड़ाने के लिए दूसरों के पल्लू से बांध देते हैं कुछ लोग तो इसे गाय के खूटे की तरह रस्सी से बांधे रखते हैं कुछ लोग इसे अपने चारों तरफ जकड़े रखते हैं की कहीं ऐसा ना हो शरीर का कोई अंग छूट जाए। कुछ लोग इन्हें कांच के बर्तनों की तरह सावधानी से पैक कर के रख देते हैं और उस पर लिख देते हैं हैंडल विथ केयर | गर्मी में गर्मी की परेशानी सर्दी में सर्दी से दुखी बरसात आए तो समस्या, ना आए तो समस्या। है कोई ऐसा दिन जब किसी के सामने कोई परेशानी न आई हो। है कोई दुनिया में ऐसा शख्स जिसने मुसीबत ना देखी हो। है कोई ऐसा व्यक्ति जो यह कह सकता है कि मैं हर तरफ से सुखी हूं, मुझे कोई परेशानी नहीं है, कोई समस्या नहीं है। यह बात सिर्फ वह व्यक्ति कह सकता है, जो यह जानता है, की समस्याएं परेशानी जीवन के साथ ,है जीवन चक्र है, एक खत्म होगी दूसरी आएगी मनुष्य गलतियों का पुलिंदा है यह संभव नहीं है कि, वह गलती करे ही नहीं लेकिन यह संभव है कि, वह एक गलती दोबारा नहीं करें हर परेशानी समस्याओं काहल हल होता है बशर्त है कि हम उसका हल निकालने की कोशिश तो करें हम चाहते हैं कि हर परेशानी का हल जैसा हम चाहते हैं वैसे निकले तो दोस्तों दूसरा व्यक्ति भी यही चाहता है और यही वजह है कि दोनों अपने - अपने स्वार्थ के लिए हल नहीं निकालना चाहते हैं और समस्या बढ़ती जाती है परेशानी खत्म होने का नाम नहीं लेती एक के बाद एक समस्याओं के ढेर लगते जाते हैं। हम दुखी होते रहते हैं, परिवार दुखी होता रहता है, एक दूसरे को दोष देने देते रहते हैं, लेकिन यह समझदारी नहीं दिखा पाते हैं की समस्या के दूसरे पहलू को देखे और कोई उचित हल उसका निकाले |
समस्याएं उतनी टेढ़ी नहीं होती जितना हम उसे बना देते हैं फर्क सिर्फ हमारी सोच का होता है हम यदि एक दूसरे की समस्या को समझकर हल निकालें तो हल आसानी से निकल सकता है | अक्सर समाधान हमारे हाथ में ही होत है किसी न किसी को तो समाधान का हिस्सा बनना हीं पड़ता है| समाधान का हिस्सा बने समस्या खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगी।
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