गलती

 गलती करना मानव स्वभाव है गलतियाँ मनुष्य को बहुत कुछ सिखाती है गलती इन्सान से होती है लेकिन एक गलती को बार-बार करना ठीक नही है |
     गलतियाँ कई प्रकार की होती है कुछ गलतियाँ स्वाभाविक होती है कुछ मजबूरी में होती है कुछ जानकारी के अभाव में होती है लेकिन कभी-कभी गलतियाँ सकारात्मक प्रभाव भी छोड़ जाती है गलतियाँ भी हमारे जीवन का अंग है जो व्यक्ति गलती करने से डरता है वह कभी कुछ सीख नही पाता  लेकिन गलतियाँ बार-बार करना उनमें कुछ सुधार नही करना  समझदारी नहीं है|
       क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया नैसर्गिक नियम है। जो व्यक्ति कार्य करेगा ही नही उससे गलती होगी भी नही गलती किसी कार्य को करने से ही होती है यदि हम पानी में पैर रखने से ही डरेंगेे तो पानी की गहराई का पता ही नही चल पाएेगा और हम कभी तैरना नही सीख पाएेंगे यदि हम परीक्षा में फैल होने से डरेंगे तो परीक्षा ही नही दे पाएेंगे यदि हम हार से डरेंगे तो खेल खेलना ही नही सीख पाएेंगे।
   जीवन में गलती के डर से यदि हम समस्याओं से दूर भागेंगे तो हम समाधान नही खोज पाएेंगे और हम जीवन नही जी पाएेंगे और फिर हम अपने से जुड़ी हर जिन्दगी को दुख पहुॅचाना शुरु कर देंगे न उन्हें खुश रहने देंगे न खुद खुश रह पाएेंगे याद रखें जीवन अमूल्य है इसके हर पल को आनन्द खुशी और प्रसन्न होकर जीना ही ज़िंदगी है।
गलती किए बिना कुछ सीखना संभव नहीं है लेकिन गालतियों  को बार बार दोहराना समझदारी भी नहीं है 

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