जीत

 क्या आपको जितना अच्छा लगता है ? क्या आप भी कभी हारना नहीं चाहते यदि आपका उत्तर हाँ है तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़े  क्योकि जीतने से पहले यह जानना जरूरी है की आखीर जीत होती क्या है ?                                               हर कोई जीतना चाहता है|  हारना कोई नही चाहता | कुछ लोग जीत कर भी हार जाते हैं|  कुछ लोग हार कर के भी जीत जाते हैं । जीतना  हर किसी को अच्छा लगता है। जीतने से मान सम्मान बढ़ता है, प्रतिष्ठा बढ़ती है| आत्म विश्वास  बढ़ता है, खुशी मिलती है ,चेहरे प्रसन्न होते हैं, जीत एक दो या कुछ व्यक्तियों की होती है लेकिन अप्रत्यक्ष रुप से इस जीत की खुशी में कितने लोग शामिल होते हैं इसका अन्दाज नही लगा या जा सकता। जीत की यदि हम बात करें तो जीतने के प्रकार और किस्में भी कई प्रकार की होती है|  कोई खेलों में जीतना चाहता है ,कोई बिजनेस में, कोई पढ़ाई में जीतना चाहता है, कोई लड़ाई में ,कोई दिलों को जीतना चाहता है, कोई किलों को, कोई चुनावों में जीतना चाहता है, कोई गुनाहों में ,कोई धरती को जीतना चाहता है, कोई आसमान को ,कोई लठ से जीतना चाहता है ,कोई बुद्धि से |

 सबकी अपनी - अपनी सोच है अपने - अपने विचार हैं|  लेकिन जो व्यक्ति दिलों को जीतना चाहता दिलों को जीतना जानता है उसका कोई मुकाबला नही कर सकता|  जो व्यक्ति दिलों को जीतता है वह बार - बार हारता है लेकिन जीत उसी की होती है|  उसे न तो किसी के प्रथम और द्वितीय आने  की चिन्ता होती है और न किसी प्रतिद्वंदी  की उसे तो पुरस्कार न मिलने  का गम भी नही होता है|  कार्य के प्रति लगन और लोगों का प्यार और खुशी ही उसका पुरस्कार होता है। असली विजेता ऐसा  ही व्यक्ति होता है जो हार कर भी जीत जाता है।

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