सोच

जो व्यक्ति आज को जीना जानता है वह सबसे सुखी व्यक्ति है हम भविष्य और भूतकाल के चक्कर में वर्तमान को भी नही जी पाते हैं।
     जो व्यक्तु आज को जीना जानता है उसकी सोच अधिकतर सकारात्मक होती है जो व्यक्ति आज को जीना मही जानता उसकी सोच अधिकतर नकारात्मक होती है सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति समस्याओं का हल जल्दी निकाल लेते हैं जबकि नकारात्मक सोच वाले व्यक्ति समस्याओं को और उलझा देते हैं।जिससे समस्या का हल निकालने में अधिक समय लगता है । सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति खुश रहने की कोशिश करते हैं जबकि नकारात्मक सोच वाले व्यक्ति दुखी रहते हैं और दूसरों को भी दुखी करते हैं इसलिए हमेशा छोटी-छोटी बातों को सकारात्मक नजरिये से देखना चाहिए समस्याएें जिन्दगी का एक हिस्सा होती है। हर पल नई समस्या हमारे सामने होती है। हम समस्याओं के हल निकालने की बजाय सामाजिक रीती-रिवाजों और नकारात्मक सोच सिद्धांतों की बेड़ियों में अपने आप को बांधे रहते हैं लोग क्या कहेंगे? लोग क्या सोचेंगे कहीं हम  गलत तो नही यही नकारात्मक ख्याल हमारे दिमाग में चलता रहता है। जबकी हम उस समस्या का सकारात्मक हल  निकाल चुके होते हैं। लेकिन हमारी सोच नकारात्मक होने की वजह से एक डर है जो हमें सकारात्मक होने से रोके रखता है यही वजह है कि अवसर निकल जाने के बाद कई बार हम सोचते हैं कि एेसा पहले कर लिया होता तो अच्छा होता इसलिए जब मन में किसी भी समस्या के दो  आपके सामने हो तो जो ज्यादा सकारात्मक हो उसे चुंने जीवन में कभी भी यह नहीं सोचें की हमसे गलती हो जाएेगी गलती होनो के डर से हम  कुछ कर ही नही पाते है और कुछ सीख मही पाते हैं जब कुछ करेंगे तो गलती होने की संभावना होगी और गलती होगी तो सुधार होगा। गलतियों से सीखें एक गलती को दोबारा नही करें 'खुद जीयो औरों को भी जीने दो' इसे जीवन का मंत्र बना लें अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी ध्यान रखें जहाँ आपके अधिकार समाप्त होते हैं वहाँ दूसरों के शुरु होते हैं।

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