घर की महिलाऐं परिवार की सुख शांति बनाये रखने में दे सकती है महत्वपूर्ण योगदान
यूँ तो परिवार की सुख शांति के लिए आर्थिक सम्पन्नता एक महत्वपूर्ण कारण है | लेकिन कई परिवार ऐसे हैं जहाँ आर्थिक समृद्धि होते हुए भी परिवार में सुख शांति नहीं है | परिवारों की सुख शांति के लिए कई कारण है जिन्हे महिलाऐं बड़े अच्छे ढंग से निर्वाह कर सुख शांति स्थापित कर सकती है |
आज किसी परिवार में आर्थिक तंगी है तो कही स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने की समस्या , कही बच्चों के आपसी विवाद , तो कहीं संपत्ति का विवाद, कही बाहरी समस्याएं किसी न किसी विवाद के चलते हर परिवार की सुख शांति खतरे में पड़ी हुई है | हर कोई सुख शांति चाहता है, सुकून चाहता है, समस्याएं कभी ख़त्म नहीं हो सकती लेकिन समस्याओं के चलते भी यदि परिवार की महिलाओं के आपसी रिश्ते मजबूत हैं तो परिवार के पुरुषों में भी एकता दिखाई देगी महिलाओं में विवाद के चलते घर की सुख शांति खतरे में रहती है |
यदि सास, बहू ,ननद, देवरानी ,जेठानी आपसी तालमेल बनाये रखे एक दूसरे का मान- सम्मान बनाये रखे, एक दूसरे का सहयोग करे, एक दूसरे के स्वभाव को समझे, एक दूसरे की परवाह करे ,एक दूसरे को अपना ले, एक दूसरे की खुशियों में पूरे उत्साह से शामिल हो ,एक दूसरे के दुखों को बाँट ले, एक का दर्द दूसरे का दर्द लगे, एक रोए तो दूसरा उसके आँसू पोछे |
यदि घर की सभी महिलाऐं आपस में मिलजुलकर रहे तो पुरुषों के लिए इससे बड़ी ख़ुशी की बात कोई और नहीं हो सकती और जिस घर में महिलाऐ आपस में हंसी ख़ुशी से रहती है वहां के पुरुषों की ताकत दोगुनी हो जाती है | क्योंकि पुरुष भी सुख शांति ही चाहता है | आज पुरुषों की सोच भी बदलने लगी है वह भी अपनी माँ, पत्नी, बहिन, भाभी , भाई, पिता और बच्चों के प्रति जिम्मेदारी निभाना चाहता है वह भी सुख शांति से | जी तोड मेहनत के बाद जब घर के पुरुष घर लोटे तो सुकून भरा माहौल मिले न की घर की महिलाऔ की चिक चिक
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