न घोड़ी न कार जेसीबी बनी डोली और कहार

मनोरंजन यानी आनंद और आनंद होता है मन की खुशी में | मन को खुश करने के लिए लोग नए- नए तरीके ईजाद करते है |

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कर्नाटक के पुत्तूर में इन महाशय ने अपने मन की ख़ुशी का नया अंदाज पेश किया | लोग अपनी दुल्हन को कार में बैठा कर विदा करवाते है | कार को सजाने पर हजारो रुपया खर्च करते है | इन्होंने न तो कार सजावट पर फिजूल खर्ची की बल्कि अपनी दुल्हन को जेसीबी के हुक पर बैठा कर विदा करवाया |
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दुल्हन ने भी इसमें दुल्हे का साथ हँसी ख़ुशी से दिया | यही जिंदगी के यादगार पल होते है | यही जिंदगी की मस्ती होती है | यही असल में जिंदादिली होती है | 

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 इसी तरह लोग अपनी अलग पहचान बना कर लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाते है | मिसाल बन जाते है | एक जे सी बी ड्राइवर और उनकी दुल्हन का यह निराला अंदाज प्रेरणा दायक तो है ही | 

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