नीति आयोग ने किया जल संकट पर गंभीर खुलासा
जल संकट भारत में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है | भारत में पानी की मांग सन 2030 तक मौजूदाआज आपूर्ति से दुगनी हो सकती है | भारत में 60 करोड़ लोग जल संकट से प्रभावित है | हर साल 2 लाख लोगों की मौत साफ पानी नहीं मिलने की वजह से हो जाती है | ये भयावह आंकड़े पिछले दिनों भारत के नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में प्रस्तुत किये है |
पानी की समस्या से सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व जूझ रहा है | जापान की राजधानी टोकियो चीन की राजधानी बीजिंग दक्षिण अफ्रीका का केपटाउन शहर तथा विश्व के लगभग एक चौथाई शहर पानी की समस्या से जूझ रहे है | यह इस बात का संकेत है की जल संकट अंतर्राष्ट्रीय चुनौती बन गया है | भविष्य वक्ता नास्त्रेदमन की सालो पूर्व की गई भविष्य वाणी के सही होने का संकेत देता है की अगला विश्व युद्ध पानी की वजह से होगा |
इसलिए अब वक्त आ चुका अन्तर्राष्ट्रीय जल नीति तथा पर्यावरण नीति पर सभी राष्ट्रों को पूर्वाग्रह त्याग कर मिल कर काम करना चाहिए | जल विवादों और जल बंटवारे पर मतभेदों को भुला कर एक जुट होना चाहिए | जिस तरह भारत में गंगा यमुना को पूजा जाता है | मिस्र में नील नदी को | मेसोपोटामिया की सभ्यता में दजला फ़रात का महत्व है तो रूस में दोन लंदन में थेम्स पेरिस में सीन नदी का| एक देश से दूसरे देश में पहुंचने वाली नदियों के पानी का समुचित उपयोग हो तो कहीं बाढ़ को रोका जा सकता है तो कही सूखे को कहीं इस पानी को पहुंचा कर पानी की समस्या को दूर किया जा सकता है |
स्वच्छ जल को गंदा न होने दे
वहीं भारत में नदी घाटी परियोजनाओं के विवादों को निपटा कर योजना बद्द तरीके से नदियों के अतिरेक पानी को पड़ौसी राज्यों में पहुंचा कर जल संकट से बचा जा सकता है | इसके अतिरिक्त जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण में आम जनता को अपनी भूमिका निभाना अति आवश्यक है | क्योंकि इसका उपयोग और दुरूपयोग दोनों हमारे ही हाथो में है |
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