यदि आप पशु पक्षी प्रेमी है तो क्यों और कैसे करें पशु पक्षी की सेवा ?

       जानवर और इंसान

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जानवर और इंसान में एक बड़ा   फर्क होता है | जानवर बोल नहीं सकता, असहाए, मजबूर और दूसरों पर निर्भर होता है। जब कि इंसान को भगवान ने बोलने के लिए जबान दी है मजबूरों असहायों  की सेवा करने का अवसर दिया है | कई लोग घरों में जानवर पालते हैं उन्हें कार में घूमाते हैं | उनके लिए हर भौतिक सुख सुविधाएं उपलब्ध  कराते हैं |कुछ लोग जानवरों को शोक के लिए पालते हैं कुछ अपनी सुरक्षा के लिए पालते हैं कुछ लोग इन्हें अपने स्वार्थ के लिए भी  पालते हैं |  कुत्ते पालना आजकल एक फैशन बन गया है एक से एक नस्ल के कुत्ते बाज़ारों में उपलब्ध हैं महंगे से महंगे कुत्ते खरीदना उन्हें अपने शौक के लिए पालना और फिर यह प्रदर्शित करना कि हम पशु प्रेमी हैं। यह पशु प्रेम न्याय संगत नहीं कहा जा सकता जब तक कि आप के मन में आवारा पशुओं के लिए यह ख्याल नहीं आए कि इन बेसहारों का कोई पालनहार नहीं है। हमें थोड़ा पशु प्रेम इन के प्रति भी दिखाना चाहिए |
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क्या कभी आपने पक्षियों को दाना डालने के लिए सोचा है? क्या कभी सोचा है कि गर्मियों के मौसम में पशु पक्षी पानी के लिए तरसते हैं? क्या कभी इस तपती धूप में पशु  पक्षियों की छाया के इंतजाम के बारे में विचार मन में आया है? ये सारे विचार बहुत कम लोगों के मन में आते हैं | लेकिन यह सारे उपाय हम उस वक्त करने को तैयार हो जाते हैं जब हम अपनी पारिवारिक परेशानियों को लेकर किसी ज्योतिषी पंडित या किसी संत महात्मा के पास जाते हैं।यदि आप पशु पक्षी प्रेमी   है तो क्यों और कैसे करें पशु पक्षी की सेवा ?
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जब वह हमें बताता है कि फलाने दिन काले कुत्ते को रोटी दो इस दिन चींटियों को चुग्गा डालो उस दिन कबूतरों को दाना डालो इस दिन गाय को रोटी दो और भी न जाने क्या क्या ..........
क्या यह सभी बताए गए उपाय हम प्रतिदिन पशु पक्षियों की सेवा के लिए नहीं कर सकते हैं? और क्या यही सब कुछ हम उन इंसानों के लिए नहीं कर सकते हैं जो लाचार हैं, असहाय हैं ,मजबूर हैं | जो मनुष्य होते हुए भी जानवर की जिंदगी जी रहे हैं | पशु पक्षियों के साथ - साथ यदि हम लाचार और मजबूर लोगों की सेवा कर सके तो शायद आपका जीवन सफल  बन जाए।

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