आधुनिक युग और भौतिक सुख सुविधाएं

    नमस्कार  दोस्तों,
 क्या आप भी मानते हैआज का   युग भौतिक सुख सुविधाओं का युग बन चुका है बिना भौतिक सुख सुविधाओं के इंसान  दर्द से कराह उठता है ? क्या आज परिवारों में रिश्ते नातो  में अधिकतर  विवादो  की जड़ भौतिक सुख सुविधाओं के यूज और मिसयूज  है ? क्या आज लोगो में पैसा कमाने को लेकर जो द्वन्द है उसकी मुख्य वजह भौतिक सुख सुविधाओं की लालसा  है ?  क्या  आवश्यकता पड़ने पर बिना सुख सुविधाओं के भी जीवन जीने की आदत नहीं डालनी चाहिए ?  यदि आप ऐसा महसूस करते है तो यह लेख अवश्य पड़े 


                  बड़े बड़े महलों में  भी इंसान  खुश तब ही रह सकता है जब वह मन से खुश होगा स्वाभाव से खुश होगा  वरना खुश रहने के लिए तो एक झोपडी ही काफी है जो लोग मन से खुश होते हैं  वो लोग ख़ुशी  से जीवन यापन कर सकते हैं लेकिन जो लोग मन से खुश नहीं रहते वो महलों में रहकर सुख सुविधाएं पाकर भी अपने आप को दुखी करते रहते हैं दूसरों को दुखी करते रहते हैं |आधुनिक  युग भौतिक  सुख सुविधाओं का युग बन चुका है | बिना भौतिक सुख सुविधाओं के जीवन रुक सा जाता है | जहां कुछ लोग सुख सुविधाएं पाकर भी खुश नहीं रहते वहीं  कुछ लोग सुख सुविधाओं के बिना खुश नहीं रह पाते दोनों तरह के लोग बेवजह मन को दुखी रख कर रिश्ते नातो  को प्रभावित करते है घर परिवार को प्रभावित करते है
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सुख सुविधाएं गाडी घोड़े अच्छा मकान किसे पसंद नहीं लेकिन इनका आनंद लेने के लिए मन का खुश   होना बहुत ही ज़रूरी है मन के खुश होये बिना इनका आनन्द भी नहीं लिया जा सकता | जो लोग बैलगाड़ी के ज़माने में बैलगाड़ी से यात्रा करके भी खुश दिखाई देते थे मेरा दावा  है आज वो वायुयान से यात्रा करके भी भले ही दुखी नहीं है परन्तु इतने खुश भी नहीं ै जितना होना चाहिए |आज हम भौतिक  सुख सुविधाओं के अधीन  हो चुके हैं  | और इन्ही भौतिक सुख सुविधाओं को पाने के लिए हम अपने मन को अपने आप को दुखी करने के लिए भी तैयार है | परन्तु यह नहीं समझ पाते है की मन को दुखी रख कर कभी भी कितनी भी सुविधा मिलने पर भी जीवन का आनंद नहीं लिया जा सकता |
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यहाँ तक की इनकी चाहत में किसी को भी दुखी करने को तैयार हो जाते हैं किसी से भी मतभेद करने को तैयार हो जाते हैं किसी से भी लड़ाई झगड़ों पर आमादा हो जाते हैं माना की इस आधुनिक युग में  भौतिक  सुख सुविधाओं के बिना भी काम नहीं चल सकता परन्तु  ज़रूरत से ज्यादा इन पर निर्भरता किसी को भी आलसी बहानेबाजऔर नकारा बना सकती है इस लिए भौतिक सुख सुविधओं के बिना भी अपने जीवन को जीना सीखे   इंसान का वक्त एक जैसा नहीं रहता कब किसका अच्छा समय बुरे समय में पलट जाये कुछ कहा  नहीं जा सकता इसलिए  सुख सुविधाएं  मिले न मिले  अच्छे समय में भी बिना सुख सुविधाओं के जीवन यापन की आदत डालनी  चाहिए ताकि बुरे वक्त में इनकी कमी महसूस न हो अपने जीवन को दांव पर लगा कर इन्हे पाने की कोशिश नहीं करें  | 

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