क्या 'मै' शब्द ने हमारे जीवन की ज़मीन को दलदल बना दिया है ? life mantra life tips

क्या 'मै' शब्द ने  हमारे जीवन की  ज़मीन को  दलदल बना दिया है ?

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स्वार्थी होने की हम बहुत बड़ी सजा भुगत रहे हैं | आज स्वार्थ इस  कदर हावी हो चुका  है की जमीन पर पैर रखने तक की जगह नसीब नहीं हो  पा  रही है |  खड़ा होना  तो दूर की बात जीवन के  धरातल पर स्वार्थ का दलदल इतना बन चुका है  जहाँ  पैर रखो वहीँ धसंता चला जाएगा  | आज आवश्यकता है इस दलदल को समतल करने की |   इस  जमीन को सुधारने की ताकि हम पैर  तो ज़मीन पर रखकर खड़े हो सके |आज  दुनिया में जितनी भी समस्याएं बढ़ रही हैं स्वार्थी होने की वजह से बढ़ रही हैं  | स्वार्थी होने की पुष्टि सिर्फ एक अक्षर का शब्द कर रहा है जिसका नाम है 'मै' |  इस 'मै' शब्द ने हमारे जीवन की  ज़मीन को ऐसा दलदल बना कर रख दिया  है  जहाँ  खड़े होना किसी के भी बस की बात नहीं रही है  | 
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      'मै'  सही हूँ,  'मै'  स्पष्ट बोलता हूँ , 'मै'  गलत  हो ही नहीं सकता , 'मै'  तो कुछ  बोलता ही नहीं हूँ,    'मै'  किसी  का बुरा नहीं चाहता  हूँ |  सही सलाह देने की बात हो तो उछलकर हम आगे आ जाते हैं 'मैने दी है' |  गलत सलाह देने की बात हो तो ' उसने दी है ' |  गलती करने की बात हो तो मैंने थोड़ी की है गलती तो उसने की है  मुझसे क्यों कह रहे हो ?  मै तो कभी गलती करता ही नहीं हूँ  | गलत बोलने की बात हो तो मैंने थोड़ी  बोला है उसने बोला है  | आपको तो पता ही है मै  तो कभी गलत  बोलता ही नहीं हूँ |  बेईमानी की बात करे तो यार  वो तो बड़ा बेईमान निकला मै  तो   बेईमानी करता  ही नहीं हूँ | झूठ बोलने की बात हो तो मैंने तो आज तक झूठ नहीं बोला और ये झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं |किस्मत का रोना हर कोई रोता  रहता है |

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सोचकर देखिये क्या वाकई ऐसा संभव है की ईमानदार भी 'मै' स्पष्ट बोलने वाला भी 'मै'हर काम सही करने  वाला  भी  'मै'  ' बाकी सब बेईमान बाकि सब झूठे बाकी सब गलत | अपने चेहरे को आईने के सामने रखकर    अपने  आप से पूछकर देखें क्या ऐसा संभव है? नहीं है  बिलकुल नहीं है आप   ईमनादार हो सकते हैं , आप सच्चे हो सकते है , लेकिन यह भी सम्भव है की  दूसरे भी सही हो सकते हैं |   जिस दिन हम इसे स्वीकार लेंगे हमे भी पैर रखने के लिए ज़मीन नज़र आने लगेगी |  वार्ना इस 'मै' की वजह से दलदल में ही फंसते जाओगे जिसका कोई अंत नहीं  है |  जीवन को हंसी ख़ुशी  जीने के लिए 'मै' को 'हम'  मे बदले  और इस दलदल को ज़मीन  का रूप देने में अपना योगदान दे दुनिया की अधिकतर समस्याओं का अंत इसी से हो सकेगा | जीवन के रिश्तो में मधुरता आएगी Relation  मजबूत होंगे | 

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