सुई, तलवार ,कैंची और हम

सुई, तलवार ,कैंची और हम 

अधिकतर लोग अपने जीवन को तलवार और कैंची की तरह जीते हैं जबकि जीवन को सुई की तरह बनाना चाहिए | तलवार और कैंची एक को दो करने का काम करते हैं अलग करने का काम करते हैं जबकि सुई दो को एक करने का काम करती है जोड़ने का काम करती है यदि हम हमारे जीवन जीने के नजरिये को तलवार और कैंची की तरह नहीं बल्कि सूई की तरह बना ले तो हम हमारे जीवन में आ रही कठिनाइयों, बाधाओं, समस्याओं के आसान हल निकाल सकते है अधिकतर लोग सुई की जगह तलवार से अपनी समस्याओं का हल निकालना चाहते हैं परिवार हो या पड़ोस हम छोटी-छोटी बातों में छोटी-छोटी समस्याएं जिनका हल निकलने के लिए सुई ही काफी होती है , उसके लिए भी हम तलवार का उपयोग करने की कोशिश करते हैं | जबाने हमारी कैंची की तरह चलती है जो कभी दो को एक नहीं होने देती बल्कि एक के न जाने कितने टुकड़े कर देती है किसी को दर्द महसूस कराने के लिए सुई चुभो दो तो दर्द महसूस हो जाता है न खून खराबे की जरूरत है न पुलिस थाने की लेकिन एक छोटा सा दर्द महसूस करने के लिए हम अपने परिवार में भी उपयोग तलवारों और कैंचियों का कर रहे हैं |
https://goo.gl/images/EAnEVm
सोच कर देखें जब एक डॉक्टर 10 रुपए की सुई से किसी मरीज को दर्द का अनुभव भी करा देता है और बीमारी का इलाज भी कर देता है तो हम क्यों बेवजह हजारों रुपए तलवारों पर खर्च करके भी बीमारियों (समस्याओं का समाधान)का हल नहीं निकाल पा रहे हैं कारण एक ही हे तलवारों और कैंचियों का उपयोग करके हम दर्द बढ़ा रहें हैं, दिलों को अलग कर रहे हैं, खून बहाकर नफरत पैदा कर रहे हैं| अरे मित्रों इस छोटी सी बात को समझो | सुई का उपयोग करना सीखो बड़ा आसान है दर्द भी कम खून बहेगा नहीं कैंची रूपी ज़बान का उपयोग काटने के बजाए सुई रूपी विनम्रता से दिलों के टुकड़ों को जोड़ोगे तो हमदर्दी बढ़ेगी, प्यार- मोहोब्बत बढ़ेगी दिलों की दूरियां दूर होगी खुशी और प्रसन्नता जन्म लेगी बिगड़े रिश्ते जोड़ने में सुई की सार्थक्ता सिद्द होगी तो किसी कवि की पंक्तियों जरूर याद आएंगी जहां सुई काम कर सकती है वहां तलवार की आवश्यकता नहीं पड़ती |

निष्कर्ष यह है कि आज छोटी छोटी बातों में तलवारे खिचना गोली बंदूक चलना आम बात है परन्तु यदि समझदारी से काम लिया जाये तो शांति से विनम्रता से काम लिया जाये तो कई पारिवारिक विवादों के हल सिर्फ बात चीत से निकाले जा सकते है

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बेटी हिंदुस्तान की

आधुनिक और प्राचीन जीवन का असमंजस

मनुष्य एक प्राकृतिक उपहार है लेकिन मशीनी होता जा रहा है