व्यक्ति जीवन जी नहीं रहा है बल्कि इस जीवन को जैसे तैसे काट रहा है

आज अधिकतर लोग दो गलत फहमियां पाले हुए हैं पहली यह की जीवन जीने के लिए पैसा ज़रूरी है  |   दूसरी यह की जीवन जीने के लिए शिक्षा ज़रूरी है |  आधुनिक युग ने आधुनिक सोच ने यह साबित कर दिया की  ये दोनों   ही चीज़ जीवन जीने के लिए ही ज़रूरी नहीं है |  बल्कि ये  दोनों चीज़ें जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ती के लिए ज़रूरी है |  जीवन जीने के लिए तो ज़रूरी है सुकून, भरपूर समय ,सोच, प्यार मोहब्बत, रिश्ते नाते क्योंकि बिना इनके कोई व्यक्ति जीवन नहीं जी सकता |



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  यही वजह है की भले ही आज लोगों के पास पैसा है ,उच्च शिक्षा है  परन्तु अधिकतर लोगों को यह पता ही नहीं है की बिना सोच के, बिना प्यार मोहब्बत के, बिना रिश्तों के इनका उपयोग नहीं बल्कि इनका दुरूपयोग हो रहा है  | जो लोग इस बात को समझते हैं की पैसा और शिक्षा जीवन जीने के लिए नहीं बल्कि  जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ती के लिए होता है |  वो पैसा भी कमाते हैं और शिक्षा भी लेते हैं |  परन्तु प्यार मोहब्बत के एहसास को बरक़रार रखकर|  रिश्तों की अहमियत समझकर | सोच को सकारात्मक रखकर |



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  प्राचीन समय में न लोगों के पास पैसा था न एजुकेशन के इतने साधन थे और न ही इतनी सुख सुविधाएं थी |  फिर भी उनके जीवन में खुशियां थी इतना तनाव नहीं था |  आज पैसा भी है एजुकेशन भी है सुख सुविधाएं भी है फिर भी इंसान खुश नहीं है, संतुष्ट नहीं हैं, सुकून में नहीं है |  यही वजह है की उसे जीवन जीने तक की फुर्सत नहीं है |  इसी से साबित होता है की जीवन जीने के लिए शिक्षा और पैसा ही नहीं बल्कि इनके साथ साथ रिश्ते नाते , प्यार मोहब्बत, भरपूर समय और सुकून चाहिए जो आधुनिक युग में किसी के पास नहीं है |



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   आज हर व्यक्ति जीवन जी नहीं रहा है बल्कि इस जीवन को जैसे तैसे काट रहा है |  यदि आप भी हमारी इस बात से सहमत है तो हमे कमेंट करें असहमत है तो भी कमेंट कर अपने तर्क दे  |
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