बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
इनको कुछ समझा दो माँ इनको कुछ बतला दो
इनको कुछ समझा दो माँ इनको कुछ बतला दो
ऋतुओं के मेले से आकर बसंत पंचमी बोली |
जन्म हुआ माँ सरस्वती का विद्या ने आँखे खोली
माँ तुमने जब जन्म लिया तो सुर और ताल मिला दो
इनको कुछ समझा दो माँ इनको कुछ बतला दो |
बच्चे है ये बहुत अच्छे है तेरी पूजा सदा ये करते
है अभिलाषा इनके मन की नैया पार लगा दो
इनको कुछ समझा दो माँ इनको कुछ बतला दो |
नर और नारी के जीवन का साक्षात्कार करा दो
सपने में खो गए है दोनों इनको जरा जगा दो
इनको कुछ समझा दो माँ इनको कुछ बतला दो |
माँ बोली मेरे बच्चो तुम चींटी और घड़ी को देखो
मेहनत और समय की कीमत इन दोनों से सीखो |
नर नारी को दूंगी ज्ञान बेटा बेटी एक समान
बिन दहेज हो कन्यादान तभी होगी फसल धनवान |
इनको कुछ समझा दो माँ इनको कुछ बतला दो
ऋतुओं के मेले से आकर बसंत पंचमी बोली |
इनको कुछ समझा दो माँ इनको कुछ बतला दो
इनको कुछ समझा दो माँ इनको कुछ बतला दो
ऋतुओं के मेले से आकर बसंत पंचमी बोली |
जन्म हुआ माँ सरस्वती का विद्या ने आँखे खोली
माँ तुमने जब जन्म लिया तो सुर और ताल मिला दो
इनको कुछ समझा दो माँ इनको कुछ बतला दो |
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बच्चे है ये बहुत अच्छे है तेरी पूजा सदा ये करते
है अभिलाषा इनके मन की नैया पार लगा दो
इनको कुछ समझा दो माँ इनको कुछ बतला दो |
नर और नारी के जीवन का साक्षात्कार करा दो
सपने में खो गए है दोनों इनको जरा जगा दो
इनको कुछ समझा दो माँ इनको कुछ बतला दो |
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माँ बोली मेरे बच्चो तुम चींटी और घड़ी को देखो
मेहनत और समय की कीमत इन दोनों से सीखो |
नर नारी को दूंगी ज्ञान बेटा बेटी एक समान
बिन दहेज हो कन्यादान तभी होगी फसल धनवान |
इनको कुछ समझा दो माँ इनको कुछ बतला दो
ऋतुओं के मेले से आकर बसंत पंचमी बोली |
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