bollywood film hindi cinema परीक्षित साहनी ,प्राण, मेहमूद , नासिर हुसैन , प्रेम चोपड़ा samaj ko badal dalo amma ek roti de

समाज को बदल डालो    bollywood film hindi cinema

 परीक्षित साहनी ,प्राण, मेहमूद , नासिर हुसैन , प्रेम चोपड़ा samaj ko badal dalo amma ek roti de


आज हम आपको बताने जा रहे है 1970  में आई फिल्म  समाज को बदल डालो के बारे में  बताएंगे फिल्म की कहानी ,स्टार  कास्ट , फिल्म से जुडी बातो के बारे में | 

 फिल्म रिलीज हुई थी 20  दिसंबर 1970  कोस्टार कास्ट  परीक्षित साहनी , शारदा ,प्राण, मेहमूद , नासिर हुसैन , प्रेम चोपड़ा , कन्हैया लाल ,  अरुणा ईरानी |  फिल्म के निर्देशक है  वी मधुसूदन  राव , संगीतकार रवि |  फिल्म के गीतों को आवाज दी है  स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर  ने आशा भोसले ,उषा मंगेशकर,  मन्नाडे , मोहम्मद रफ़ी  ने 

समाज को बदल डालो 1970  में बनी एक मार्मिक फिल्म है |  फिल्म बनाने के पीछे समाज को बदलने की जिस आवशयकता को  उस वक्त महसूस किया गया आज समाज  बदलने की  आवश्यकता उससे कई गुना अधिक महसूस की जा रही है |


Samaj ko badal dalo
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 आने वाले समय में शायद इससे भी ज्यादा महसूस की जाये  | कारण यह है की  सामाजिक में बदलाव की आवश्यकता तो हर कोई  हमेशा से महसूस  करता आया  और आगे भी करता रहेगा परन्तु बदलाव को  हम सिर्फ अपनी स्वार्थ पूर्ति तक सिमित रखे हुए  है | 

 जिस समय हमे बदलाव की जरूरत महसूस होती है आवाज उठाने की बात सिर्फ उस समय तक जोर पकड़ती है|  ज्योंही  बदलाव की की जरूरत  दूसरे को महसूस होती है हर कोई  सिर्फ सहनुभूति प्रकट करता है |  1970  में बनी यह  फिल्म आज 50  साल बाद किन बदलावों की और इशारा कर रही है ये  तो इस फिल्म को देखने से ही पता चलेगा | 

फिल्म की   स्टोरी  की बात की जाये तो फिल्म 1970  के दौर  के मिल मजदूरों की और कारखाना मालिकों की समस्याओं  पर आधारित है |  1970  के  दौर के  ईमानदार, गरीब  यूनियन लीडर को देख कर आप विश्वाश ही नहीं कर पाएंगे की आज कारखानों में इस तरह के गरीब, ईमानदार लीडर भी देखने को मिलेंगे | 

Samaj ko badal dalo
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50  सालों   में समाज ने अपने आप को  किस तरीके से बदला है आप इस बात से ही अंदाजा लगा सकते है  | गरीबी क्या होती है ? क्या क्या अपराध करवा देती है ?सज्जन और ईमानदार व्यक्ति  की दुर्दशा  देखकर, उसकी  ईमानदारी और सज्जनता के विपरीत   परिणाम देखकर आज हर कोई  सज्जनता ,भलमनसाहत ,मानवता, ईमानदारी दिखाने से   पीछे हट    रहा है | 

 इसलिए सामाजिक बदलाव चाहते है तो हमेशा  ईमानदार, सज्जन व्यक्ति  को जरूर स्पोर्ट करें  ताकि समाज में मानवता ,ईमानदारी ,सज्जनता, भलमनसाहत दिखाई देती रहे वरना   समाज को बदल डालो जैसी फिल्मों की  दरकार  हर युग में बनी रहेगी |  फिल्म के कई दृश्य काफी मार्मिक बन गए है जो किसी भी इंसान को झकझोर सकते है समाज में बदलाव लाने  के लिए प्रेरित कर सकते है  |  


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