गृहस्थी मूवी अशोक कुमार निरुपराय Bollywood movie Grahsthi
आज हम आपको बता रहे है अशोक कुमार निरुपराय की ओल्ड इस गोल्ड मूवी गृहस्थी के बारे में | बताएंगे गृहस्ती फिल्म की स्टोरी के बारे में ,स्टार कास्ट के बारे में | बताएंगे मूवी पुरानी होते भी आज के आधुनिक युग के दर्शकों को क्यों देखनी चाहिए ?
1963 में आई अशोक कुमार निरूपारॉय की फिल्म गृहस्थी जो आज भी गृहस्थ जीवन की उलझनों से रूबरू करवाती है | इतने साल बाद भी यदि इस फिल्म को देखा जाये तो आज इस आधुनिक युग में भी हर इंसान गृहस्थी की ऐसी ही कशमकश भरी जिंदगी जी रहा है | अपनी गृहस्थी की गाड़ी को चलाने के लिए कहीं स्त्री को तो कहीं पुरुष को झूठ सच का सहारा लेना पड़ रहा है | परिवार की भलाई के लिए अपने अतीत को छुपाना पड़ रहा है | कहीं इसे बेवफाई कहा जाता है कहीं इसे क़ानूनी पेचीदगियों में उलझा दिया जाता है तो कहीं समाज और आने वाली पीढ़ी के लिए गलत संदेश मानकर सामाजिक बुराई बता कर इति श्री कर ली जाती है | कहीं इसका समाधान निकला जाता है तो वो समाज को स्वीकार्य नहीं है |
Bollywood movie Grahsthi
कुल मिला कर समाज और क़ानूनी विडंबना के चलते घर गृहस्थी की समस्या को सुलझाने की जगह और उलझा दिया जाता है | और उससे एक नहीं चार और समस्याएं घर परिवार और समाज में खड़ी कर दी जाती है | 1963 में आई फिल्म गृहस्थी के संदेश को देखकर, सुनकर ,समझ कर आज के इस आधुनिक युग में भी घर गृहस्थी की जायज परेशानियों का समाधान निकाला जा सकता है | यह फिल्म हर उस परिवार के लिए सार्थक हो सकती है जो घर गृहस्थी की समस्याओं से जूझ रहे है और कोई समाधान नहीं निकाल पा रहे है |
Bollywood movie Grahsthi
फिल्म की स्टोरी की बात की जाये तो अशोक कुमार जो एक मोटर कम्पनी के मालिक है 9 बच्चों के पिता है | गलत फ़हमियों या परिस्थितियों की वजह से उन्हें दो शादियाँ करनी पड़ती है और दोनों परिवारों को अलग अलग पालना पड़ता है | दुनिया से और अपने परिवार से उन्हें ये सच्चाई छुपा कर रखनी पड़ती है | लेकिन जब यह यह सच्चाई परिवार और समाज के सामने आती है तो समाज और परिवार की क्या प्रतिक्रिया होती है ? यह आप फिल्म को देखे बिना अंदाजा लगा सकते है | परन्तु जब यह पता लगे की दूसरी पत्नी पहली पत्नी की बहन ही थी जो अब इस दुनिया में नहीं है तो सोचिये गृहस्थ जीवन में परिवार में तथा समाज में कितनी उथल पुथल मची होगी ? क्यों करनी पड़ी अशोक कुमार को दो शादियाँ ? क्यों छुपानी पड़ी अशोक कुमार को अपनी दूसरी शादी की बात ? दूसरी शादी करना सही था या गलत ? दूसरी गृहस्थी का रहस्य क्या था ? यह तो आपको फिल्म देखकर ही पता चलेगा | लेकिन यह तय है की यदि आप 1963 में बनी इस फिल्म को एक बार देखेंगे तो यह फिल्म पुरानी भले ही है लेकिन आज के युग की घर गृहस्थी की समस्याओं पर सटीक बैठती है |
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फिल्म पुरानी जरूर है परन्तु देखने लायक है | अशोक कुमार जिन्हे दादा मुनि कहा जाता है अपने अभिनय के मामले में सुपर स्टार से कम नहीं है | निरुपराय को शायद आप लोगों ने अधिकतर फिल्मो में सुपर स्टार अमिताभ बच्चन की गरीब माँ की भूमिका में देखा होगा परन्तु गृहस्थी फिल्म में हीरोइन के रूप में उनके अभिनय की प्रशंशा करे बीना शायद ही कोई रह पायेगा |
बात करते है फिल्म के स्टार कास्ट के बारे में तो फिल्म में अशोक कुुमार , निरुपराय के आलावा मनोज कुमार ,राज श्री , मेहमूद , ललिता पंवार , कन्हैयालाल ने भी अभिनय किया है | फिल्म जेमिनी पिक्चर्स के बैनर तले बनी है डायरेक्टर है किशोर साहू कहानी लिखी है मुखराम शर्मा ने संगीत दिया है रवि ने |
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आपको एक जानकारी बता दे मनोज कुमार फिल्म गृहस्थी के वक्त इतने फेमस एक्टर नहीं थे हालांकि 1962 में आई मनोज कुमार, माला सिन्हा की फिल्म हरियाली और रास्ता से मनोज कुमार की पहचान बननी शुरू हो चुकी थी | परन्तु प्रसिद्दि नहीं मिली थी | इस बात का अंदाजा भी इस फिल्म को देखकर लगाया जा सकता है | आपको गृहस्थी फिल्म के बारे में यह जानकारी कैसी लगी ?अशोक कुमार, निरुपराय , मनोज कुमार , मेहमूद राज श्री, की फिल्म गृहस्थी पसंद आई हो तो COMMENT करें पोस्ट को LIKE , SHARE करें
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