kchche dhaage old hindi movie review in hindi | कच्चे धागे फिल्म klakar |
kchche dhaage old hindi movie review in hindi |
कच्चे धागे फिल्म klakar
kchche dhaage old hindi movie review in hindi | कच्चे धागे फिल्म klakar 1971 की मूवी मेरा गांव मेरा देश की जबरदस्त सफलता के बाद निर्माता निर्देशक राज खोसला ने विनोद खन्ना को लेकर डाकुओं के जीवन पर एक और सुपर हिट फिल्म बनाई लेकिन इस फिल्म में डाकुओं की भूमिका को अलग तरीके से दिखाया गया है | फिल्म और डाकुओं की भूमिका, फिल्म फैक्ट्स, बॉक्स आफिस कलेक्शन ,शूटिंग लोकेशन और फिल्म कच्चे धागे के सुपर हिट गानों के बारे में जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा देखे |
आज हम आपको बताने जा रहे है विनोद खन्ना , कबीर बेदी , मौशुमी चटर्जी की मूवी कच्चे धागे के बारे में
https://images.app.goo.gl/jxKCZTRrVq3MhB148
Bollywood Hindi, Movie kchche dhage | 1973, कच्चे धागे , फिल्म, विनोद खन्ना, कबीर बेदी, मौशुमी चटर्जी
vinod khanna kabir bedi ki film kchche dhage review | bollywood movie kachche dhage| hindi film ---Watch on youtube
फिल्म कच्चे धागे रिलीज हुई थी 18 जून 1973 को | फिल्म के निर्माता , निर्देशक है राज खोसला | फिल्म में संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारे लाल ने | गीतकार है आनंद बक्शी |
फिल्म में मुख्य भूमिका में नजर आये थे विनोद खन्ना, कबीर बेदी , मौशुमी चटर्जी ,निरुपाराय ,के. एन. सिंह , टुनटुन ,भगवान , देव कुमार
फिल्म के सुपर हिट गीत थे मेरे बचपन तू जा- जा जवानी को ले आ , हाय- हाय इक लड़का मुझको खत लिखता है , कच्चे धागे साथ तुझे बांध दिया जायेजो लता मंगेशकर ने गाये थे जो सुपर हिट हुए थे
बात की जाये फिल्म की कहानी की तो कहानी दो ऐसे लोगों ( विनोद खन्ना और कबीर बेदी ) जो अपने -अपने पिता के बदले की आग में एक दूसरे के खून के प्यासे बन कर डाकुओं के सरदार बन जाते है |
विनोद खन्ना एक निर्दयी तथा खुंखार डकैत है जबकि कबीर बेदी सिर्फ अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए डकैत बन जाते है | लेकिन जब इंसान को किसी सच्ची सुन्दर लड़की से सच्ची मोहब्बत हो जाती है तो वो किसी भी खुखार निर्दयी इंसान को पिघलाने के लिए काफी होती है |
मौसमी चटर्जी जो गांव के सीधे साधे लड़के से प्रेम करती है | परिस्थतियाँ इस तरह की बनती है की दोनों ही डकैतों विनोद खन्ना और कबीर बेदी का दिल मौसमी चटर्जी पर आ जाता है |
लेकिन जब दोनों को ही पता चलता है की मौसमी चटर्जी गांव के सीधे साधे लड़के से प्रेम करती है और उसके पिता उसकी शादी कहीं और कराने की कोशिश करते है |
तो दोनों ही डकैत अपनी दुश्मनी भूल कर पुलिस की परवाह किये बगैर मौसमी चटर्जी की शादी उसके प्रेमी से करवाने के लिए जान कुर्बान कर देते है |
फिल्म में संदेश देने कोशिश की गई है की जब किसी से सच्ची मोहब्बत हो जाती है तो मोहब्बत निर्दयी और क्रूर इंसान को भी इंसानियत सीखा देती है |
https://images.app.goo.gl/e3spPGpdFaEd7Bm46
vinod khanna kabir bedi ki film kchche dhage review | bollywood movie kachche dhage| hindi film ---Watch on youtube
Bollywood Hindi, Movie kchche dhage | 1973, कच्चे धागे , फिल्म, विनोद खन्ना, कबीर बेदी, मौशुमी चटर्जी
बात करते है फिल्म कच्चे धागे के फैक्ट्स में
1 फिल्म कच्चे धागे की शूटिंग भी मेरा गाओं मेरा देश की तरह राजस्थान के उदयपुर शहर के आस पास के गाओं में हुई थी |
२ फिल्म कच्चे धागे को 7 imdb रेटिंग मिली हुई है |
3 फिल्म कच्चे धागे का इण्डिया में बॉक्स ऑफिस कलेक्शन था 1 करोड़ रूपये जबकि वर्ल्ड वाइड कलेक्शन था 1 . 80 करोड़ रूपये |
4 विनोद खन्ना के बारे में ऐसा कहा जाता था की यदि फिल्म इंडस्ट्री में अमिताभ बच्चन का कोई मुकाबला कर सकता है तो वो है विनोद खन्ना परन्तु कुछ समय के लिए विनोद खन्ना फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह कर आचार्य रजनीश U S A स्थित आश्रम रजनीश पुरम चले गए उसके बाद दोबारा वो फिल्म इंडस्ट्री में लोटे जरूर परन्तु अपना मुकाम नहीं बना पाए |
5 1973 में रिलीज हुई फिल्म को 1974 फिल्म फेयर अवार्ड दिए गए जिसमे बेस्ट फिल्म के लिए नॉमिनेट हुई थी | ऋषि कपूर डिम्पल कपाड़िया की फिल्म बॉबी , राजेश खन्ना शर्मिला टैगोर की फिल्म दाग, संजीव कुमार जया भादुड़ी की फिल्म कोशिश , अमिताभ बच्चन जया भादुरी की जंजीर, विनोद महरा मौशुमी चटर्जी की मूवी अनुराग , किरण कुमार राधा सलूजा की मूवी आज की ताजा खबर | सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवार्ड गया था फिल्म अनुराग के खाते में |
LIKE, SHARE, FOLLOW .COMMENT
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
यदि आपको हमारा लेख पसन्द आया हो तो like करें और अपने सुझाव लिखें और अनर्गल comment न करें।
यदि आप सामाजिक विषयों पर कोई लेख चाहते हैं तो हमें जरुर बतायें।