hindi aakhri rasta movie amitabh bachchan cast song unknown facts
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आज हम आपके लिए लाये है अमिताभ बच्चन की एक और शानदार फिल्म आखरी रास्ता के बारे में शानदार जानकारी इस में हम बताएंगे अमिताभ बच्चन जया प्रदा की फिल्म आखरी रास्ता से जुड़ी बहुत सी अनसुनी बाते यदि जानना चाहते है तो इस पोस्ट को पूरा पढ़े
आखरी रास्ता रिलीज 6 जून 1986 को
निर्माता टी रामा राव , ऐ पूर्णचन्द्र राव
निर्देशक के भाग्य राज
लेखक राही मासूम रजा
कलाकार अमिताभ बच्चन , जया प्रदा , श्री देवी ,
अनुपम खेर, दिलीप ताहिल ,भरत कपूर
संगीतकार लक्ष्मी कांत प्यारे लाल
गीत संगीत मोहम्मद अजीज और एस जानकी द्वारा गाए गए
गोरी का साजन साजन की गोरी ,
पहले पढ़ाई फिर प्यार होगा ,तूने मेरा दूध पीया
तु बिलकुल मेरे जैसा है उस वक्त
काफी लोकप्रिय हुए थे |
जो आज भी लोगों द्वारा पसंद किये जाते है
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फिल्म आखरी रास्ता में श्री देवी की जो आवाज आप ने सुनी वो वास्तव में श्री देवी की नहीं बल्कि सुप्रसिध्द अभिनेत्री रेखा की है रेखा ने फिल्म सूर्यवंशम में भी श्री देवी लिए अपनी आवाज दी है |
फिल्म आखरी रास्ता की रिलीज से पहले अमिताभ बच्चन भारतीय राजनीती में अपना भग्य आजमाने उतरे और 1984 में भारतीय राजनीती के दिग्गज नेता हेमवती नंदन बहुगुणा को इलाहबाद संसदीय सीट से भारी मतों से हराने के बाद अमिताभ बच्चन ने फिल्मों से दूरी बना ली लेकिन अमिताभ को भारतीय राजनीती रास नहीं आई और वो 1988 में फिल्म शहंशाह से पुनः हिंदी सिनेमा के रुपहले पर्दे पर नजर आने लगे |
अनुपम खेर को विलेन के रोल के लिए अप्रोच किया गया था परन्तु अनुपम को स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद अमिताभ के दोस्त का रोल ज्यादा पसंद आया और उन्होंने विलेन का रोल करने से इंकार कर दिया तब सदाशिव
अमरारपुरकर को विलेन का रोल दिया गया था |
ऐसा कहा जाता था की निर्देशक के भाग्यराज चाहते थे भी वे हिंदी में फिल्म बनाएंगे तो वे सिर्फ अमिताभ बच्चन के साथ ही फिल्म बनाएंगे
यही वजह थी की 1985 में आई फिल्म मास्टर जी के लिए पहले अमिताभ बच्चन को लिया गया था और इस फिल्म को के भाग्यराज निर्देशित करने वाले थे परन्तु अमिताभ बच्चन के मना कर देने के बाद भाग्यराज ने भी इस फिल्म को छोड़ दिया
इसके बाद फिल्म में श्री देवी और अनीता राज के साथ राजेश खन्ना को लिया गया और इस फिल्म को के राघवेंद्र राव द्वारा निर्देशित किया गया था जबकि स्टोरी के भाग्यराज द्वारा लिखी गई थी
फिल्म आखरी रास्ता क्राइम ड्रामा फिल्म है नाम पहले क़ैद की डायरी रखा गया था जो 1985 में आई कमल हासन और रेवती स्टारर तमिल फिल्म ओरु कैदिया डायरी का रीमेक थी
फिल्म आखरी रास्ता को 1986 की सर्वश्रेष्ठ फिल्मो में गिना जाता वहीँ फिल्म अमिताभ बच्चन के करियर की सफलतम फिल्मो में भी गिनी जाती जाती है
इस फिल्म में ओम शिव पूरी अमिताभ बच्चन आखरी बार नजर आये इससे पहले वो नमक हराम और डॉन जैसी फिल्मों में भी अमिताभ के साथ नजर आये थे
फिल्म में अमिताभ बच्चन ने पिता पुत्र का डबल रोल निभाया है इससे पहले 1976 में फिल्म अदालत 1978 में डॉन 1982 में फिल्म देश प्रेमी और बाद में 1999 रिलीज हुई फिल्म सूर्यवंशम में भी अमिताभ बच्चन डबल रोल निभा चुके है
अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म आखरी रास्ता अनुपम खेर की पहली फिल्म थी
फिल्म आखरी रास्ता बॉक्स ऑफिस पर सफल जरूर हुई परन्तु इस फिल्म को बनाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा | सबसे पहले तो इस फिल्म कि जब कहानी तैयार हो गई तो फिल्म के निर्माता ऐ पूर्णचन्द्र राव ने अमिताभ बच्चन को कहानी सुनने के लिए चेन्नई बुलवाया , फिल्म की कहानी तो अमिताभ को पसंद आ गई परन्तु के भाग्यराज के निर्देशन पर अमितभ बच्चन ने सवाल खड़े कर दिए |
क्योंकि के भाग्यराज पहली बार किसी हिंदी फिल्म को डायरेक्ट कर रहे थे और उन्हें ठीक से हिंदी भी नहीं आती थी लेकिन पूर्णचन्द्र राव को भाग्यराज की काबिलियत पर कोई शक नहीं था इसलिए उन्होंने अमिताभ को भरोसा दिलाया तब अमिताभ ने भाग्यराज से एक सीन समझाने को कहा
| के भाग्यराज ने अमिताभ को पूरा सिन एक्ट करके समझाया अमिताभ को भाग्यराज का तरीका काफी पसंद आया तब कहीं अमिताभ फिल्म के लिए साइनिंग अमाउंट लेकर वापस मुंबई रवाना हुए |
इसके बाद फिल्म शुरू हुई परन्तु उस वक्त अमिताभ बच्चन अपने मित्र और भारत के पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गाँधी के साथ राजनीती में भी सक्रिय थे | पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद देश में एक सहानुभूति लहर थी अमिताभ अपने मित्र का साथ देना चाहते थे इस लिए उन्हें बार बार मुंबई से इलाहबाद दिल्ली और चेन्नई की दौड़ लगानी पड़ती थी |
दूसरा कारण एक और था अमिताभ और भाग्यराज के बीच फिल्म के डायलॉग्स को लेकर बहस छिड़ जाती थी फिल्म में पिता पुत्र अमिताभ के बीच कब्रिस्तान में अंग्रेजी में बोले गए संवादों के लिए भी काफी गहमा गहमी हो गई थी |
अमिताभ चाहते थे की फिल्म में अंग्रेजी भाषा के डायलॉग आम जनता नहीं समझ पायेगी लेकिन भाग्यराज का कहना था की फिल्म की हीरोइन अंग्रेजी अच्छी जानती थी और उसने अपने पति को अंग्रेजी सिखाई थी यही बताने के लिए पिता पुत्र के संवादों को अंग्रेजी में बुलवाना जरूरी था जो फिल्म की डिमांड थी|
बाद में फिल्म डायरेक्टर भाग्यराज के अनुसार ही अंग्रेजी में डायलॉग बोले गए परन्तु भाग्यराज इस एक फिल्म से ही इतने परेशान हो गए थे की उन्होंने फिर 10 साल तक हिंदी सिनेमा की तरफ रुख नहीं किया और बाद में अनिल कपूर के साथ 1996 में मिस्टर बेचारा फिल्म बनाई |
फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ श्री देवी की जोड़ी को काफी पसंद किया गया दोनों पर फिल्माया गया गीत गोरी का साजन साजन की गोरी उस वक्त काफी फेमस हुआ था जिसे मोहम्मद अजीज और एस जानकी ने गाया था |
सदाशिव अमररपुरकर ने मंत्री चतुर्वेदी के रूप में विलेन की दमदार भूमिका में लोकप्रियता हासिल कर दर्शको की वाहवाही लूटी अनुपम खेर ने भी फिल्म में जबरदस्त अभिनय किया जया प्रदा अपनी अदाकारी से दर्शकों पर छाप छोड़ने में कामयाब रही है वहीं अमिताभ बच्चन फिल्म की जान है |
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