hindi movie apna bana lo cast story | 1982 movies | जितेंद्र रेखा की लाजवाब फिल्म |
hindi movie apna bana lo cast story | 1982 movies |
जितेंद्र रेखा की लाजवाब फिल्म
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फिल्म अपना बना लो रिलीज डेट 1 फरवरी 1982
निर्माता जगदीश कुमार, विजय शोरमा
निर्देशक जे ओम प्रकाश
कलाकार जीतेन्द्र रेखा ,अमरीशपुरी
शक्ति कपूर , ललिता पंवार
कल्पना अय्यर , राकेश बेदी
जावेद खान ,जूनियर मेहमूद
संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारे लाल
साल 1982 में जितेंद्र की फर्ज और क़ानून ,दीदारे यार ,सम्राट , धर्म कांटा , जियो और जीने दो , इंसान फिल्मे रिलीज हुई वही धर्मेंद्र की बगावत, राजपूत ,सम्राट, बदले की आग, तीसरी आँख ,में इंतकाम लूंगा जैसी बदले की भावना प्रेरित फिल्मे रिलीज हुई |
अमिताभ की खुद्दार, नमक हलाल ,देशप्रेमी, शक्ति ,बेमिसाल जैसी लाजवाब फिल्मे दर्शको को देखने को मिली मिथुन चक्रवर्ती की म्यूजिकल सुपर हिट फिल्म डिस्को डांसर भी साल 1982 में ही रिलीज हुई थी सचिन की फिल्म नदिया के पार ने भी अपने सुपर हिट संगीत का जलवा इसी वर्ष बिखेरा था |
कमाई के मामले में no 1 पर रही थी दिलीप कुमार ,संजयदत्त, संजीव कुमार की फिल्म विधाता no 2 पर थी ऋषि कपूर पद्मनी कोल्हापुरे की फिल्म प्रेम रोग no 3 पर रही थी अमिताभ बचचन की फिल्म नमक हलाल
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फिल्म के डायरेक्टर जे ओम प्रकाश है जिन्हे अ नाम से शुरू होने वाली फिल्मो के लिए जाना जाता है | जैसे अपना बना लो ,आप की कसम, आन मिलो सजना ,अपनापन , आशा, अर्पण इनमे अधिकतर फिल्मे जितेंद्र के साथ ही बनाई गई है | खास बात और आपको बता दे जे ओम प्रकाश मशहूर अभिनेता निर्माता निर्देशक राकेश रोशन के ससुर और अभिनेता ऋतिक रोशन के नाना है |
जितेंद्र को जहाँ प्रसिद्द निर्माता निर्देशक वी शांता राम जी ने हिंदी सिनेमा में पैर जमाने का मौका दिया वहीं जितेंद्र को स्टारडम दिलाने में जे ओम की भूमिका से इंकार नहीं किया सकता
अर्पण ,आशा, अपनापन , अपना बना लो जैसी सामाजिक और पारिवारिक सफल फिल्मो ने जितेंद्र को एक सफल अभिनेता रूप में बॉलीवुड में स्थापित किया |
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ऋतिक रोशन जहां आशा के गीत जाने हम सड़क के लोगों से महलो वाले क्यों जलते है में डांस करते नजर आये थे वहीँ फिल्म अपना बना लो के गाने में हूँ दीवाना मुझ सम्भालो अपना बना लो में भी ऋतिक रोशन डांस करते दिखाई पड़े है
1981 में आई अमिताभ बच्चन की सुपर हिट फिल्म लावारिस का लोकप्रिय गाना मेरे अँगने में तुम्हारा क्या काम है तर्ज पर फिल्म अपना बना लो का गीत अपने अपने मियां पे सबको बड़ा नाज है जिसका फिल्मांकन रेखा के ऊपर किया गया था
फर्क सिर्फ यह है इस गाने में पुरुषो की विशेषता पर फोकस किया है जबकि फिल्म लावारिस के गीत में महिलाओं की विशेषता पर फोकस किया गया है |
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जीतेन्द्र के साथ रेखा ने सर्वाधिक फिल्मो में काम किया है रेखा के साथ जितेंद्र की पहली फिल्म 1972 में आई थी नाम था एक बेचारा इस फिल्म के बाद जितेंद्र रेखा के अफेयर के चर्चे शुरू हो गए थे वास्तव में रेखा की माँ जितेंद्र से रेखा की शादी करवाना चाहती थी लेकिन जितेंद्र अपनी गर्ल फ्रेंड शोभा से शादी करना चाहते थे |
रेखा ऐसी अभिनेत्री रही जिसके साथ जितेंद्र ने सर्वाधिक फिल्मे की जिनमे अपना बना लो ,जुदाई , एक ही भूल , मांग भरो सजना, प्रेम तपस्या , सदा सुहागन जैसी फिल्में जितेंद्र रेखा की कौन सी फिल्म आपके दिल को छू गई हमे कमेंट कर जरूर बताये |
साल 1982 में गीत संगीत की दृष्टि से फिल्म प्रेम रोग , निकाह , नमक हलाल , विधाता , शक्ति, डिस्को डांसर खुद्दार, राजपूत , बग़ावत, सनम तेरी कसम फिल्मो के गीत संगीत को जबरदस्त लोकप्रियता मिली थी |
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साल 1982 की फिल्मो के लिए 1983 में 30 वा फिल्म फेयर पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया जिसमे फिल्म प्रेम रोग को 12 निकाह को 11 तथा बाजार और शक्ति को 7 -7 केटेगिरी में नॉमिनेट किया गया था |
फिल्म शक्ति को 1982 की सर्वश्रेष्ठ फिल्म का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया दिलीप साहब को फिल्म शक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्म फेयर अवार्ड प्रदान किया गया |
फिल्म प्रेम रोग के लिए राज कपूर साहब को बेस्ट डायरेक्टर के फिल्म फेयर अवार्ड से नवाजा गया फिल्म प्रेम रोग के लिए पद्मनी कोल्हापुरे को बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड दिया गया
बात करते है फिल्म अपना बना लो के बारे में फिल्म की कहानी एक ऐसे बच्चे की है जिसे उसकी दुखियारी माँ रूपा देवी यानि रेखा अपनी पानी की प्यास बुझाने लिए एक ट्रक पर लिटा देती है संयोग से ट्रक रवाना हो जाता है |
माँ अपने बच्चे के लिए रोती बिलखती रह जाती है बच्चा अपनी माँ से बिछुड़ जाता है लेकिन विधाता का लेख देखिये बच्चा एक ऐसे ट्रक ड्राइवर मास्टर यानी जितेंद्र के हाथ लग जाता है जिसे मास्टर अपने कलेजे के टुकड़े की तरह पलता है | उसके लिए अपनी हर बुरी आदते छोड़ देता है |
उधर रूपा देवी को जोशी जी यानि अमरीशपुरी एक नामी डांसर बना देते है | समय के साथ रूपा देवी का बेटा छुटका बड़ा होता है | वक्त और परिस्थिति इस तरह की बनती है की रूपा देवी और मास्टर एक दूसरे को चाहने लगते है |
इस बात से दोनों अनजान रहते है की बच्चा रूपा का है | बच्चे की मासूमियत और व्यवहार से हर कोई उसका कायल हो जाता है | रूपा भी उसे अपने बच्चे की तरह चाहने लगती है | परन्तु जोशी जी को रूपा का बच्चे और मास्टर से मिलना जुलना खटकने लगता है |
दोनों को अलग करने के लिए वो पॉल यानि शक्ति कपूर के साथ मिलकर चाल चलते है और उस चाल में कुछ हद तक कामयाब भी हो जाते है | मास्टर को झूठे चोरी के इल्जाम और बदचलनी के आरोप लगवाकर जोशी जी रूपा की निगाह में मास्टर को अपराधी साबित कर देते है |
परन्तु बस्ती के लोगो के साथ किये गए नेक काम से बस्ती के लोग मास्टर का साथ देते है और रूपा की गलत फहमी दूर कर रूपा को उसके खोये हुए बच्चे से मिलवा देते है |
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फिल्म में कई जगह भावनात्मक दृश्यों ने दर्शकों का दिल जीत लिया है | जितेंद्र रेखा ने फिल्म में शानदार अभिनय किया है | छुटका के रोल में पिंकी ने दर्शको की वाह वाही लूटी है | ललिता पवार मौसी के रोल में अपने स्वाभाविक अंदाज में लाजवाब अभिनय में नजर आयी है |
जे ओम प्रकाश का निर्देशन शानदार है फिल्म कहीं भी बोरियत महसूस नहीं होने देती है कुल मिलकर अपना बना लो सामाजिक संदेश देने में कामयाब हुई है जिसे जितेंद्र रेखा की सर्वश्रेष्ठ फिल्मो में शामिल किया जा सकता है |
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