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जितेंद्र शम्मी कपूर पर फिल्माए गए गाने
दोस्तों आज हम बात कर रहे है 60 से 70 के हिंदी सिनेमा के डांसिंग स्टार्स की दोस्तों यदि बात की जाये वर्तमान की तो आज हिंदी सिनेमा में डांसर्स की कमी नहीं है | एक वक्त था जब बॉलीवुड में डांस के नाम पर सिर्फ अभिनेत्रियां ही डांसर्स के रूप में जाना जाता था |
डांस की कमी की पूर्ति के लिए हेलन जैसी अभिनेत्रियों को डांसर के रूप में फिल्मो में लिए जाता था एक जमाना था जब हेलन के कैबरे डांस के बिना फिल्म पूरी नहीं होती थी | उस दौर में राजेश खन्ना, धर्मेंद्र, शशि कपूर ,राजेंद्र कुमार, सुनील दत्त ,मनोज कुमार जैसे अभिनेता डांस से दूर भागते थे |
लेकिन इस जमाने में दो अभिनेता ऐसे थे जिनके डांस को देख कर दर्शको का दिल खुश हो जाया करता था | इन दोनों अभिनेताओं के डांस को देख कर दर्शक अपने टिकिट के पैसे वसूल करते थे | इस पोस्ट में आज हम ऐसे ही दो अभिनेताओं के डांस और उनकी फिल्मों के बारे में बात करेंगे जिनके डांस के लोग आज भी दीवाने है |
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दोस्तों 1960 के दशक में शम्मी कपूर बॉलीवुड के एकलौते डांसर थे शम्मी कपूर के उछलकूद भरे नृत्यों को दर्शको की जबरदस्त लोकप्रियता मिली | लेकिन 1967 में आई जितेंद्र की एक फिल्म ने शम्मी कपूर के इकलौते डांसर होने पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया और उसके बाद 80 के दशक तक जीतेन्द्र की डांसिंग स्टाइल ने हिंदी सिनेमा के दर्शको के बीच एक छत्र राज कायम रखा आइये जानते है कैसे ?
शम्मी कपूर ने जहां 1961 में आई फिल्म जंगली के गाने या हू चाहे कोई मुझे जंगली कहे से सायरा बानो के साथ लोकप्रियता हासिल की | मोहम्मद रफ़ि द्वारा गाए और शंकर जयकिशन के संगीत से सजाये इस गाने पर किये गए डांस को दर्शक आज तक नहीं भूले है |
शम्मी कपूर ने 1964 में शर्मिला टैगोर के साथ फिल्म कश्मीर की कली के गीत ये चाँद सा रोशन चेहरा की अपनी डांसिग स्टाइल से दर्शको की वाह वाही लूटी | 1964 में आई फिल्म राजकुमार के गीत तुनमे किसी की जान को जाते हुए देखा है मोहम्मद रफ़ि द्वारा गाए और शंकर जय किशन द्वारा संगीत बद्द गीत को शम्मी कपूर ने अपने अंदाज से दर्शनीय बना दिया |
फिल्म राज कुमार में अभिनेत्री थी साधना | जितेंद्र की पहली फिल्म की अभिनेत्री राज श्री के साथ 1965 में शम्मी कपूर की फिल्म आई थी जानवर फिल्म जानवर के गाने लाल छड़ी मैदान खड़ी और तुम से अच्छा कौन है को कौन भूल सकता है ? जिनको शंकर जयकिशन के म्यूजिक मोहम्मद रफ़ि के सुर और शम्मी कपूर के नृत्य ने कर्णप्रिय और दर्शनीय बना दिया |
शर्मिला टैगोर के साथ ही 1967 की फिल्म एन इवनिंग इन पेरिस के सुपर हिट हुए मोहम्मद रफ़ि द्वारा गाया अकेले अकेले कहाँ जा रहे , ऐसा मौका फिर कहाँ मिलेगा आसमान से आया फरिश्ता और दीवाने का नाम तो पूछो शंकर जयकिशन के म्यूजिक सजे इन ओल्ड इज गोल्ड गानो पर शम्मी कपूर के डांस के अंदाज ने इन गानों को आज भी संगीत के प्रेमियों के बीच लोकप्रिय बनाया हुआ है | भले ही शम्मी कपूर साहब आज दुनिया में नहीं है परन्तु उनके डांसिग अंदाज को दर्शक आज तक नहीं भूले है
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जितेंद्र ने इस दौर में बबिता के साथ 1967 में आई फिल्म फर्ज़ में मस्त बहारों का में आशिक से और हम तो तेरे आशिक है बरसो पुराने से जंपिक जैक बन शम्मी कपूर के बॉलीवुड में अकेले डांसर होने के सपने पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया था |
1968 में एक बार फिर मोहम्मद रफ़ी शंकर जय किशन शम्मी कपूर की जोड़ी ने फिल्म ब्रह्मचारी में कमल दिखया फिल्म सुपर हिट फिल्म का म्यूजिक भी सुपर हिट था | फिल्म का गाना जो शम्मी कपूर मुमताज फिल्माया गया था आज कल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर जुबान पर शम्मी के चुनिंदा गानों में गिना जाता है |
1968 में जीतेन्द्र की फिल्म मेरे हुजूर गाना था रुख से जरा नक़ाब उठा लो मेरे हुजूर इस बार मोहम्मद रफ़ि शंकर जय की जोड़ी शम्मी कपूर के साथ नहीं बल्कि इस क्लासिकल हिट सांग में थी जीतेन्द्र के साथ जीतेन्द्र के साथ भी इस जोड़ी ने मेरे हुजूर फिल्म के गानों से हिंदी सिनेमा में अपनी अलग पहचान दी |
1969 में आई जीतेन्द्र नंदा की फिल्म धरती कहे पुकार के गीत जे हम तुम चोरी से से और ख़ुशी की ये रात आ गई को लता मंगेशकर और मुकेश द्वारा गाया गया जिसका म्यूजिक दिया लक्ष्मीकांत प्यारे लाल की जोड़ी ने इन गीतों के शानदार बोल लिखे मजरूह सुल्तान पूरी ने |
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1969 में शम्मी कपूर और वैजयंती माला की फिल्म आई प्रिंस इस फिल्म में एक बार फिर मोहम्मद रफ़ि शंकर जयकिशन और शम्मी कपूर का जबरदस्त म्यूजिकल हिट गाना जिसे सुनकर आज भी युवा दिल धड़कने लगते है गाना है बदन पे सितारे लपेटे हुए ओ जाने तम्मन्ना कहां जा रही हो |
1969 में जीतेन्द्र की फिल्म आई जीने की राह फिल्म के गीत आ मेरे हमजोली आ , एक बंजारा गाये आने से उन के आये बहार जिगरी दोस्त का दिल में क्या है और मेरे देश में पवन चली पुरवाई इसी साल आई जीतेन्द्र हेमामालिनी की पहली फिल्म वारिस इन फिल्मो के गाने चाहे कोई मुझे भूत कहे को शम्मी कपूर की फिल्म जंगली ब्रह्मचारी और एन इवनिंग इन पेरिस के गानों को रिमिक्स कर बनाया गया
1966 तक शम्मी कपूर बॉलीवुड के एक मात्र अभिनेता थे जिनकी फिल्मो को लोग उनके कर्ण प्रिय गीत संगीत और डांस की वजह से ज्यादा पसंद करते थे | मोहम्मद रफ़ी शंकर जयकिशन भी उनके हर हिट गाने के पीछे होते थे | लेकिन साल 1967 के बाद जितेंद्र ने जंपिंग जेक के रूप में शम्मी कपूर के एक छत्र राज को चुनौती दी
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