राजेश खन्ना रखना चाहते थे अपना नाम जितेंद्र | rajesh khanna and jeetendra bollywood actors



राजेश खन्ना रखना  चाहते थे अपना नाम जितेंद्र  
  Rajesh Khanna  And Jeetendra Bollywood Actors



जितेंद्र  और राजेश खन्ना हिंदी सिनेमा के 60  से 80  के दशक के मशहूर अभिनेता रहे है | दोनों ने अपनी - अपनी अभिनय कला के दम  पर हिंदी सिनेमा के दर्शको के बीच  लोकप्रियता हासिल की | 

 एक ने अपनी रोमांटिक अदाओ से बॉलीवुड के पहले सुपर स्टार होने का गौरव हासिल किया तो दूसरे ने अपनी डांसिंग स्टाइल से जंपिंग जेक के रूप में शोहरत हासिल कर दर्शको का मनोरंजन किया | 

आज हम इस लेख में   करने  जा रहे है जितेंद्र  और राजेश खन्ना के बारे में आश्चर्यजनक खुलासे   जिन्हे जानकर आपको भी ताज्जुब होगा क्या है ऐसी  आश्चर्यजनक जानकारी  ? आइये जानते  है | 






जीतेन्द्र और राजेश खन्ना का जन्म साल 1942  में हुआ था जितेंद्र  का जन्म 7  अप्रैल 1942  को हुआ था जबकि राजेश खन्ना का जन्म 29  दिसम्बर 1942  को हुआ था   इस लिहाज से जितेंद्र  उम्र में राजेश खन्ना से बड़े है | 

जितेंद्र  का जन्म पंजाब  के अमृतसर में हुआ था राजेश खन्ना का जन्म  भी पंजाब के अमृतसर में हुआ था दोनों ही   हिन्दू खत्री परिवार से है | 

दोनों  सहपाठी रहे और दोनों ने अपनी ग्रेजुएशन के सी कॉलेज चर्चगेट मुंबई से की  ग्रेजुएशन करने के बाद दोनों ही फिल्म लाइन में जाने के लिए संघर्ष करने लगे | 

फर्क सिर्फ इतना था की राजेश खन्ना का फेमेली बैक ग्राउंड अच्छा होने की वजह से वो अपनी पर्सनल  गाड़ी से निर्माता ,निर्देशक और स्टूडियोज के चक्कर लगते थे और जीतेन्द्र को ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी  | 

इसलिए उन्हें अपने टेलेंट के दम पर ही संघर्ष  करना पड़ा ऐसा नहीं था की राजेश खन्ना को संघर्ष नहीं करना पड़ा उन्होंने भी फिल्म इंडस्ट्री में मुकाम अपने टेलेंट  दम  पर  हासिल किया 

जितेंद्र  के टेलेंट  को जहाँ वी  शांताराम  जी ने पहचान कर   1964  में आई फिल्म गीत गाया  पत्थरों  ने  में पहली बार मौका दिया वहीं राजेश खन्ना को 1965  में आयोजित आल इंडिया प्रोडूसर्स टेलेंट हंट में 10000  प्रतियोगियों के बीच हुई प्रतियोगिता के विजेता होने के बाद निर्माता निर्देशक चेतन आनंद ने 1966  में फिल्म आखरी खत में पहली बार  मौका दिया  | दोनों ही अभिनेता अपनी डेब्यू फिल्म से कोई खास पहचान नहीं बना पाए |  

 संयोग देखिये जितेंद्र और राजेश खन्ना ने 1967 में अपनी पहचान भी एक साथ बनाई इसी साल जितेंद्र  की फिल्म  फ़र्ज़ ने उन्हें हिंदी सिनेमा का जंपिंग जैक बना दिया  | 





वहीँ   राजेश खन्ना के काम की तारीफ हुई  उनकी  इसी साल रिलीज हुई फिल्म राज से कमाल  की बात देखिये 1967  की फिल्म फ़र्ज़ में जितेंद्र  की अभिनेत्री बबिता है जबकि इसी साल रिलीज हुई राजेश खन्ना की फिल्म राज की अभिनेत्री भी बबिता ही है 

राजेश खन्ना का फिल्मों  में आने से पहले नाम जतिन खन्ना था  और  वो अपना नाम जतिन से बदल कर जितेंद्र रखना चाहते थे परन्तु इससे पहले ही वि शांता राम जी ने ये नाम जितेंद्र का रवि कपूर से बदल कर जीतेन्द्र कर दिया तब जतिन खन्ना  ने अपना नाम राजेश रख लिया 

राजेश खन्ना का 1969  से लेकर 1971  तक का बॉलवुड का सफर इतना शानदार रहा जिसमे उन्होंने आराधना ,इत्तेफ़ाक़ ,दो रास्ते  ,सच्चा झूठा ,कटी पतंग ,आनंद ,आन  मिलो सजना ,सफर ,हाथी  मेरे साथी जैसी सुपर हिट फिल्में  दी  | 

 यह वो दौर  था जब हिंदी सिनेमा में राजेश खन्ना का एक छत्र राज था |  राजेश खन्ना का नाम हर शख्श  की जुबान पर हुआ करता था | इसी दौरान राजेश खन्ना को इन्ही फिल्मों  की बदौलत बॉलीवुड का पहला सुपर स्टार होने का  गौरव हासिल हुआ | 




ऐसा ही दौर  जितेंद्र  को 1983  से 1985  के बीच  देखने को मिला जब हिंदी सिनेमा में जितेंद्र  के काम की बहुत तारीफ हुआ करती थी | साउथ के निर्माता निर्देशकों में जितेंद्र को अपनी फिल्मों में लेने लिए होड़ मची होती थी | 

इस दौर  में हिम्मतवाला ,तोहफा ,मकसद ,मवाली ,जस्टिस चौधरी  ,पाताल  भैरवी, संजोग जैसी सुपर हिट फिल्मों ने जितेंद्र  को जबरदस्त लोकप्रियता दिलाई 

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