Hindi article on life - पुराने साल की विदाई और नए साल का स्वागत
पुराने साल की विदाई और नए साल का स्वागत नए साल का स्वागत हम हर वर्ष इस उम्मीद से करते हैं कि 1 जनवरी से हम बहुत कुछ नया करेंगे| लेकिन हमारी यह सोच सिर्फ 1 दिन के लिए होती है| सिर्फ 31 दिसंबर के लिए जिस दिन हम पुराने साल को विदाई देते हैं और नए साल का स्वागत करते हैं| उसके बाद हम पूरा साल उधेड़बुन में निकाल देते हैं| उन चीजों को प्लस कर लेते हैं जिन्हें माइनस करना चाहिए और उन चीज़ों को माइनस कर लेते हैं जिन्हें प्लस करना चाहिए| प्लस यानी जोड़ना और माइनस यानी घटना आज के इस युग में हम प्लस का इस्तेमाल कम कर रहे हैं| और यही वजह है कि दुनिया में अविश्वास की स्थिति पैदा हो रही है| सोच में बहुत अंतर हो गया है| दृष्टिकोण बदल गया है| मानवता मर गई है| पर्यावरण प्रदूषित हो गया है| जीवन भागता - दौड़ता नजर आ रहा है| समय का आभाव हो गया है| रिश्तों में खटास आ गई है| संस्कारों का विलोप हो गया है| चेहरों पर मुस्कराहट खत्म हो गई है| हर व्यक्ति ' तनाव ' नामक वृक्ष को सींच रहा है जिस पर फल ल...