पति पत्नी का मजबूत रिश्ता देता है महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा

भारत में महिलाओं की स्थिति हर काल में चर्चा का विषय रही है | महिलाएं सामाजिक रूप से तिरस्कृत रही है पारिवारिक रूप से तिरस्कृत रही है | महिलाओं का हर स्तर पर शोषण हुआ है | इस बात मे कोई शक नहीं है महिलाऐं आए दिन किसी न किसी घटना का शिकार हो रही है | कहीं शारीरिक शोषण का शिकार हो रही है , कहीं मानसिक तो कही आर्थिक | शिक्षा के क्षेत्र में हमने आज प्रगति की है | आज महिलाऐं हर क्षेत्र में पुरुषों के मुकाबले आगे निकल रही है |

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अंतराष्टीय स्तर पर चाहे खेल- कूद हो, शिक्षा हो, मनोरंजन हो महिलाऐं अपनी कामयाबी प्रदर्शित कर रही है | लेकिन न जाने क्यों महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों की वजह हमें सोचने पर मजबूर करती है की इतने कानून बनने के बाद, महिलाओं के प्रति जागरूकता कार्यक्रम चलाने के बाद भी हम, लोगों की सोच को बदलने में कामयाब नहीं रहे हैं | यही वजह है की आज अंतर्राष्टीय स्तर पर भी भारतीय महिलाओं की स्थिति की चर्चा की जाती रही है जो हम भारतीयों के लिए सम्मान जनक नहीं कही जा सकती है | सिर्फ कानून बनाने से काम नहीं चलेगा हमे इसके प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष परिणामों पर विचार करना होगा | सबसे पहले हमें घर की पाठशाला को खंगालना होगा | उसका पुनर्निर्माण मंदिर की तरह करना होगा | रिश्तों की अहमियत समझनी होगी | 

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 रिश्ते सभी महत्वपूर्ण होतें हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण रिश्ता होता है पति- पत्नी का अन्य रिश्ते बिगड़ने पर सुधर सकतें हैं लेकिन पति पत्नी के रिश्ते में खटास आने पर सारे परिवार के रिश्ते बिगड़ जातें हैं | परिवारों के तो रिश्ते बिगड़ते ही है लेकिन दुनिया के अधिकतर रिश्ते पति -पत्नी के रिश्ते पर टीके होतें हैं | जिन्हे बनते और बिगड़ते देर नहीं लगतीं जब पति -पत्नी का रिश्ता बिगड़ता है तो आर्थिक, मानसिक, शारीरिक परेशानियां खड़ी होती है | प्रत्यक्ष रूप से महिलाओ की सुरक्षा के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं | लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से पति -पत्नी का मजबूत रिश्तो में बंधा होना महिलाओ की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है | इसलिए इस रिश्ते को विश्वसनीय और महत्वपूर्ण बनाने के लिए परिवार के हर सदस्य को अपनी भूमिका ईमानदारी से निभानी चाहिए | चाहे वो स्त्री हो या पुरुष सास हो या बहू भाई हो या बहिन ननद हो या भोजाई |

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जिस परिवार में स्त्रियों और पुरुषों का तालमेल होता है वँहा खुशहाली और प्रसन्नता होती है | आर्थिक सम्पन्नता होती है | वँहा किसी प्रकार के अपराध की गुंजाईश नहीं होती और सबसे बड़ी बात वँहा स्त्रियों का सम्मान करना सिखाया नहीं जाता है | क्योंकि जँहा तालमेल होता है वँहा सम्मान स्वतः पैदा होता है | परिवार को इस तरह की पाठशाला बनाये की हर कोई एक दूसरे का सम्मान और सुरक्षा की गारंटी हो | जब हर घर में इस तरह की गारंटेड पाठशालाएं हो जाएंगी तो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं की सुरक्षा और महिलाओं की स्थिति के लिए भारत का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा |

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