रहम दिखाने माफ़ी मांगने माफ़ करने तथा जहनुम से बचने के होते है रमजान के 30 दिन

रमजान हमे हंसी ख़ुशी से रहने, बुराइयों से बचने, एक दूसरे का मान सम्मान करने, नेकी के काम करने के लिए प्रेरित करता है | रमजान का समय 30 दिन का होता है |

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शुरू के 10 दिन रहमतो का दौर होता है | अगले 10 दिन माफ़ी का दौर होता है | तथा बाद के 10 दिन जहनुम से बचने का दौर होता है | सुबह के समय रोजा शुरू करने से पहले का समय सहरी कहलाता है | शाम को जब रोजा खोलते है उसे इफ्तार कहा जाता है |

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इफ्तार के समय खजूर खा कर रोजा खोला जाता है | ऐसा कहा जाता है की मोहम्मद साहब ने भी अपना रोजा खजूर खा कर ही खोला था | 

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रोजेदार को किसी से अभद्रता नहीं करनी चाहिए, ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए, दूसरो की भलाई के काम करने चाहिए| ऐसा कहा जाता है यही जन्नत का द्वार है 

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