उर्दू में रामायण का अनुवाद कर लोगों तक की संदेश पहुंचने की कोशिश


आज देश में सांप्रदायिक सौहार्द की आवश्यकता है | इसके लिए आवश्यक है की हम कुछ न कुछ ऐसा करे जिससे समाज में धर्म निरपेक्षता का सन्देश जाये और ऐसा सन्देश देने का प्रयास करने वालों से हमे प्रेरणा लेनी चाहिए | उनकी हौसला अफ़ज़ाई करनी चाहिए। 

Third party image reference
कानपूर की मुस्लिम महिला डॉक्टर माही तलत सिद्दीकी ने भगवान श्री राम को अपना आदर्श मानते हुए सांप्रादियक सौहार्द की मिसाल पेश की है | डॉ माही ने उर्दू भाषा में रामायण लिखकर रामायण जैसे पवित्र धार्मिक ग्रन्थ के सन्देश उन लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की है जो हिंदी पढ़ना नहीं जानते। 

Third party image reference
 डॉ माही का मानना है कि रामायण को पढ़ने के बाद तनाव से मुक्ति मिलती है और मन को शांति मिलती है।साधुवाद की पात्र है डॉक्टर माही जिन्होंने यह बीड़ा उठाया | भगवान राम के आदर्शो पर चल कर पवन पुत्र हनुमान जैसे भक्त मिल सकते है लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न जैसे आज्ञा कारी और निस्वार्थी भाई जिन्हे धन दौलत का कोई मोह नहीं हो ऐसे भाईयों का साथ मिल सकता है रास्ते में मिलने वाले अंजान लोग भी आप से प्रभावित होकर आपके मिशन में शामिल हो सकते है | 

Third party image reference
जिस तरह भगवन राम के छूने से अहिल्या शॉप मुक्त हुई हो सकता है भगवान श्री राम के आदर्शो पर चल कर आप भी किसी न किसी रूप में किसी के काम आये और आप के द्वारा किसी का उद्दार हो जाए| आज दुनिया में न जाने कितने लोग रावण की तरह अहंकार पाले हुए है हो सकता है श्री राम के आदर्शो पर चलकर किसी को अहंकार से मुक्ति किया जा सके | आज आवश्यकता है रामायण के संदेशो को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की ताकि धार्मिक सामाजिक पारिवारिक सौहार्द्य कायम किया जा सके |

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बेटी हिंदुस्तान की

आधुनिक और प्राचीन जीवन का असमंजस

मनुष्य एक प्राकृतिक उपहार है लेकिन मशीनी होता जा रहा है