जानिए क्यों हम धर्म संकट में पड़ जातें हैं
धर्म का अर्थ शायद हम समझ नहीं पा रहे हैं और यही वजह है की अक्सर लोग धर्म संकट में पड़ जातें हैं | अपने जीवन को सही तरीके से ता उम्र नहीं जी पाते हैं | जीवन का आनंद नहीं ले पाते हैं | धर्म और जीवन दोनों एक दूसरे के सहयोगी हैं जो लोग धर्म और जीवन को नहीं समझ पाते वो अपने जीवन को बेड़ियों में उलझा कर उसे अपने धर्म का पालन करना समझतें हैं | जबकि कोई भी धर्म यह नहीं कहता की धर्म के पालन के लिए अपने आप को या दूसरों को दुःख पहुंचाओ |
अक्सर हम अपने आप को या दूसरों को बेवजह आसान जीवन जीने की जगह कठिन जीवन जीने की सलाह देने को अपना धर्म समझतें हैं जीवन के नियम कायदे हम अपने आप को मुसीबत से बचने के लिए बनाते हैं, हमारी व्यवस्थाओं को सुचारु रूप से चलाने के लिए , हमारी आत्मसंतुष्टि के लिए बनाते है |
धार्मिक ग्रन्थ चाहे वो किसी भी धर्म से सम्बंधित हो यह सन्देश नहीं देता की धर्म के नाम पर लोग दंगे फसाद करे एक दूसरे के खून के प्यासे हो जाएं गीता कुरान बाइबल गुरुग्रन्थ या कोई भी धार्मिक पुस्तक जातिगत भेदभाव नहीं करती , चोरी अन्याय की तरफदारी नहीं करती, पर्यावरण को प्रदूषित करने के उपाय नहीं बताती , स्त्री पुरुष के मर्यादा को नहीं तोड़ती , पुरुष के प्रति स्त्री और स्त्री के प्रति पुरुषों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली किसी बात का समर्थन नहीं करती | फिर क्यों हम अपने आप को धार्मिक कहने के बाद भी इन सभी बातों से अनजान बने रहकर सारी ज़िंदगी इन्ही बातों में उलझकर जिंदगी के आनंद को ख़त्म कर लेते हैं ?
असल में हम अपने अपने धर्मों के प्रति तो सावधन होना चाहतें हैं लेकिन जो एक मानवीय धर्म है उसकी जब हम बात करते हैं तो वहाँ हमारे स्वार्थ आड़े आने लगते हैं फिर न हम हमारे धार्मिक ग्रंथों पर गौर करते हैं न हमारे सामाजिक नियमों पर वहां हम सिर्फ हमारे स्वार्थ पर गौर करतें हैं की किसी तरह से वो हो जाए जो हम चाहतें हैं फिर हम मानवता भूल जातें हैं, सदभावना भूल जातें हैं, मर्यादा भूल जाते हैं, अच्छा बुरा भूल जातें हैं, गीता कुरान बाइबल के सन्देश भूल जातें हैं |
धर्म का असली रूप देखना चाहतें हैं तो हमारे जीवन में हमने स्वार्थ के नाम पर जो धार्मिक बेड़ियाँ बाँधी हुई है उन्हें खोल कर रखें हर मनुष्य के प्रति सदभावना रखें पुरुष स्त्री के प्रति और स्त्री पुरुष के प्रति सदभावना रखें जीवन और धर्म को एक साथ जोड़कर देखें गीता कुरान बाइबल को समझें सभी का सार एक ही है सभी प्रेम मानवता और सदभावना का सन्देश देतें हैं इसलिए धर्म कोई भी अपनाये लेकिन उनके प्रेम मानवता और सदभावना के संदेश पर गौर अवश्य करें |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
यदि आपको हमारा लेख पसन्द आया हो तो like करें और अपने सुझाव लिखें और अनर्गल comment न करें।
यदि आप सामाजिक विषयों पर कोई लेख चाहते हैं तो हमें जरुर बतायें।