सच्चा प्यार वो है जो जिंदगी जीना सिखाये मरना और मारना नहीं

वास्तव में पति पत्नी और वो की कहानी कई लोगों की जिंदगी में भूचाल ला देती है | ऐसे संबंधो पर कई फिल्मे बनी है | पुरानी फिल्मो में अक्सर कहानी का अंत बहुत ही सुखद और प्रेरणा दायक दिखाया जाता था | प्यार उस जमाने में भी हुआ करता था लेकिन वो ऐसा जमाना था जब हक़ीक़त में प्यार दिल से हुआ करता था | तन से तन का मिलन भले ही न हो लेकिन मन से मन का मिलन , त्याग , वफ़ा और ज़मीर मोह्ब्तो की मिसालें बन जाया करती थी दोस्ती के लिए प्यार की कुर्बानी देकर दिलों को जीता जाता था | 

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लेकिन आज प्यार सिर्फ वासना की पूर्ति का साधन बनता जा रहा है | जिसकी परिणीति निखिल हांडा द्वारा शैलजा दिवेदी की हत्या के रूप में सामने आती है | ऐसी घटनाओ पर फिल्मे आज भी बनती है लेकिन उनका अंत पति पत्नी और वो में से किसी एक के मर्डर से होता है या किसी न किसी को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ता है | दोनों ही स्तिथि परिवार के लोगों के लिए दुखद होती है | जाने वाला अपनी जान से चला जाता है | कुछ लोग जो इस षड्यंत्र के जिम्मेदार होते है वो अपनी मौत को सलाखो के पीछे से देखते है | और परिवार के बचे हुए लोग बेमौत की जिंदगी जीने पर मजबूर हो जाते है | बच्चे जीवन भर इस हादसे से उबर नहीं पाते है |

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 आज अगर सच्चाई को स्वीकारा जाये तो दुनिया में ऐसे रिश्ते बहुतायत से पनप रहे है | रोजाना के समाचारो में इस तरह की घटनाओ का शुमार होना इस हक़ीक़त को बयां करता है | जिसका कारण स्वावाभिक है की आज रिश्ते मन के नहीं बल्कि तन की चाहत के रह गए है | जिसके लिए इंसान किसी भी हद से गुजरने के लिए तैयार हो जाता है| भले ही बेटा अस्पताल में भर्ती हो ? पीड़ित के परिवार का क्या होगा ? खुद के परिवार पर क्या बितेगी ?इस बात से बेखबर हो कर निखिल हांडा जैसे लोग इस तरह की घटनाओ को अंजाम दे देते है | जो किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है | 

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 ऐसे मामलो से बचने के लिए पति पत्नी और वो को सावधनी बरतनी ही चाहिए | परिवार वालो को भी समझदारी से काम लेना चाहिए | गलती चाहे किसी एक की हो भुगतना सभी को पड़ता है | इसलिए ऐसा कोई काम नहीं करें जिससे परिवार की सुख शांति भंग हो | परिवार को मुसीबतो का सामना करना पड़े | किसी को अपनी जान से हाथ धोना पड़े और किसी को जुर्म की सजा भुगतनी पड़े | परिवारों की सामाजिक प्रतिष्ठा दांव पर नहीं लगे | सामाजिक वैमनस्य पैदा न हो | प्यार जान लेने और जान देने का सौदा नहीं है प्यार पूजा है प्यार आराधना है सच्चा प्यार वो है जो जिंदगी जीना सीखये मरना और मारना नहीं | 

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