क्या शिक्षा लेने और देने के अंतर् ने सामाजिक विषमता का दायरा और बढ़ा दिया है

शिक्षा प्राप्त करना हर बच्चे का मूलभूत अधिकार है | शिक्षा के बिना हम एक सभ्य समाज की कल्पना को साकार नहीं कर सकते
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  लेकिन आज शिक्षा लेने और देने के अंतर् ने सामाजिक विषमता का दायरा और बढ़ा  दिया है  | जो आर्थिक और मानसिक सोच को दर्शा रहा है
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 इन  तस्वीरों में सामाजिक विषमता का फर्क साफ नजर आ रहा है | आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन  की झलक इन तस्वीरों से प्रतीत हो रही है |
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 जो लोगों  की सोच और मानसिकता को प्रभावित कर रही  है | यही वजह है की अपना पेट काट कर भी हर माता पिता अपने बच्चों  को यथा सम्भव अच्छी शिक्षा दिलाने की कोशिश कर रहे है |

क्या शिक्षा की यह स्थिति देश की गंभीर समस्या नहीं है ? क्या बच्चो के बचपन की कीमत में उनका भविष्य तो नहीं खरीदा जा रहा |
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क्या आज हम शिक्षा और समझदारी में फर्क कर पा  रहे है?  क्या शिक्षा जैसी मूलभूत आवश्यकता का महंगा होता जाना चिंता का विषय नहीं है ? इन प्रश्नो के उत्तर आपके स्वयं के पास है क्यों की आप भी अपने बच्चे के भविष्य के बारे में चिंतित है | यदि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो  तो  like, share ,comment, and follow

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