क्या आप जानते है दुनिया की सबसे कीमती चीज क्या है ? यदि हाँ तो इसे अवश्य पढ़े

 क्या आप जानते है दुनिया की   सबसे कीमती चीज क्या है ? आपका उत्तर बिलकुल सही है यह  हम जानते जरूर है लेकिन मानते नहीं है |  जी हाँ बिल्कुल ठीक फ़रमाया आपने  दुनिया की सबसे कीमती चीज है हमारा स्वास्थ्य  हमारे रिश्ते  जिसकी  आज हम बिल्कुल भी कीमत नहीं समझ रहे है |  आज हम पैसा, सोना, चांदी, जमीन, जायदाद को सबसे कीमती चीज मान रहे है और इन्ही के लिए जीवन भर संघर्ष करते है, भाग दौड़ करते है, और इसी भाग दौड़ में हमारी  सबसे  कीमती चीज  हमारे  शरीर  की देखभाल करना और हमारे रिश्तों  तक  को भूल जाते है |   जिसका पता हमे अभी नहीं चलता बल्कि जैसे- जैसे हमारी उम्र बढ़ती है तब हमे इसका एहसास होता है |  और तब तक हमारा स्वास्थ्य जवाब देने लग जाता है |बहुत काम लोग इस बात को समझ पाते है की स्वास्थ्य के बनने बिगड़ने से रिश्ते भी बनते बिगड़ते है | 
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  हमारे शरीर  के अंग तथा गाड़ियों के पार्ट लगभग एक ही तरह से कार्य करते हैं |  जब हम कोई गाड़ी खरीदते हैं तो उसकी सर्विस हमे समय- समय पर करवानी पड़ती है |  जब हमे गाड़ियों का आयल पानी चेक करना पड़ता है तो हम यह क्यों भूल जाते हैं की हमारे शरीर को भी सर्विस की आवश्यकता है ? एक बार  यदि हमारा स्वास्थ्य बिगड़ गया तो बीमारियां जीवन भर हमारा पीछा नहीं छोड़ती |  इसलिए समय -समय पर गाड़ी घोड़ों की तरह हमारे शरीर की सर्विस पर भी ध्यान दे |  उचित खान पान  तथा व्यायाम से दीर्घ आयु प्राप्त   की जा सकती है |  शरीर को समय- समय पर आराम की भी आवश्यकता होती है |  मानसिक तनाव कम करके भी शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है |  स्वस्थ्य रहेगा तो रिश्ते नाते भी स्वस्थ्य रहेंगे हमारे शरीर के स्वस्थ्य रहने का संबंध हमारे रिश्तो से भी है क्योकि जब हम मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ्य होंगे तो स्वार्थ गुस्सा कुंठा द्वेषता से दूर रहेंगे और रिश्ते हमेशा प्रसन्नता  की खुश्बुओ से महकते रहेंगे | 
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  दूसरा प्रकृति से भी   हमारा गहरा रिश्ता है  हमारा स्वास्थ निर्भर करता है प्रकृति पर इस लिहाज से प्रकृति   से भी   हमारा  कीमती  रिश्ता होता  है |   हवा, पानी, धूप  प्राकृतिक वस्तुए है इनके कृत्रिम अविष्कार  किये जा सकते है लेकिन  इनके कृत्रिम उपयोग से हम बीमारियों को निमंत्रण दे रहे है |   जिससे  हमारा स्वास्थ  प्रभावित हो रहा है | आज दुनिया में जो नई- नई  बिमारियां पनप  रही है उसका मुख्य कारण है कृत्रिम चीजों का उपयोग और प्राकृतिक चीजों का दुरूपयोग |  बहुमूल्य प्राकृतिक चीजे जो हमे बहुत कम कीमत पर उपलब्ध है उनकी बनिस्पत कृत्रिम वस्तुए जिनकी  बहुत ज्यादा कीमत चुका कर भी हम उनका उपयोग करने को तैयार है |  लेकिन प्राकृतिक हवा, पानी जिनकी कीमत सिर्फ जिम्मेदारी और जागरूकता है वो हम नहीं चुका पा  रहे है | कैसी विडंबना है ये | प्रकृति के साथ रिश्ता बनाये रखने के लिए हमे हमारी जिम्मेदारियों का एहसास होना बहुत ही जरूरी है | 
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 आज आवश्यकता है हमे उन बच्चों  से प्रेरणा लेने की जो हाथो में तख्तियां लिए हमे पर्यावरण और स्वास्थ्य  के लिए जागरूक करते है |  जरूरत है हमे उन लोगो  और संस्थाओ से प्रेरणा लेने की जो हमे स्वास्थ्य  और पर्यावरण के बिगड़ने से होने वाले खतरों से अवगत करते है |  ऐसे लोगों  का हमे आभर व्यक्त करना चाहिए, साधुवाद देना चाहिए जो दुनिया की सबसे कीमती चीज हमारे स्वास्थ को दुरुस्त रखने के लिए प्रेरित करते है | जिद छोड़ कर यह मानिये की दुनिया की सबसे कीमती चीज पर्यावरण और हमारा स्वास्थ्य है इनके बिना धन दौलत जमीन जायदाद रिश्ते नाते सब अधूरे है  | इन्हे बचाने  के लिए हमे सिर्फ जिम्मेदारी निभानी है  जो मुश्किल जरूर है परन्तु असम्भव नहीं अब भी वक्त है पर्यावरण और स्वास्थ्य को बचाने के लिए हर सम्भव प्रयास करे वरना जीवन जीने के लिए नहीं बल्कि इसे ढोने  के लिए तैयार रहे | 

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